WTC हारने के बाद सवालों के घेेरे में ऑस्ट्रेलियाई टीम? हेजलवुड के बहाने इस कंगारू दिग्गज ने IPL पर साधा निशाना

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क्रिकेट न्यूज डेस्क।। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2023-25 के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की हार के बाद क्रिकेट जगत में हलचल मच गई है। भारत के खिलाफ इस अहम मुकाबले में करारी शिकस्त के बाद अब ऑस्ट्रेलियाई टीम की रणनीति, चयन और खिलाड़ियों की प्राथमिकताओं पर सवाल उठने लगे हैं। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और कमेंटेटर मार्क टेलर ने तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड को निशाने पर लिया है। उन्होंने IPL में खेलने को लेकर हेजलवुड की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े किए हैं।

दरअसल, ऑस्ट्रेलिया की हार के बाद यह बहस तेज हो गई है कि क्या खिलाड़ी आईपीएल को राष्ट्रीय ड्यूटी से ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं? मार्क टेलर ने इस विषय पर खुलकर अपनी राय दी और कहा कि हेजलवुड जैसे अनुभवी गेंदबाज को IPL से ज्यादा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल को प्राथमिकता देनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया की तैयारी में गंभीर खामियां थीं और यही उनकी हार का एक प्रमुख कारण बना।

हेजलवुड की फिटनेस पर सवाल

मार्क टेलर ने खासतौर पर हेजलवुड की फिटनेस को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि "जोश हेजलवुड जैसे गेंदबाज अगर IPL में खेलने के बाद WTC फाइनल के लिए पूरी तरह फिट नहीं हो पाते हैं, तो यह टीम मैनेजमेंट के लिए बड़ी चिंता का विषय है। आपको तय करना होगा कि आपकी प्राथमिकता क्या है — फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट या राष्ट्रीय टीम।"

हेजलवुड ने IPL 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ओर से खेलते हुए सीमित मुकाबलों में हिस्सा लिया था, लेकिन इसके बावजूद वह पूरी तरह फिट नज़र नहीं आए। फाइनल मुकाबले में भी उनका प्रदर्शन औसत रहा और वह भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में नाकाम रहे।

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टीम संयोजन और तैयारी पर भी उठे सवाल

सिर्फ हेजलवुड ही नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया की टीम चयन और उनकी समग्र तैयारी पर भी सवाल उठे हैं। क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि टीम ने भारतीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सही रणनीति नहीं अपनाई। वहीं दूसरी ओर भारतीय टीम ने अपने मजबूत गेंदबाजी आक्रमण और अनुशासित बल्लेबाजी से मैच में पकड़ बनाए रखी।

फैंस और पूर्व खिलाड़ियों में नाराजगी

सोशल मीडिया पर भी फैंस का गुस्सा साफ नजर आया। कई फैंस और पूर्व खिलाड़ी मानते हैं कि अगर खिलाड़ी IPL के बजाए राष्ट्रीय टीम की तैयारी पर फोकस करते, तो परिणाम कुछ और हो सकता था। वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट और इंटरनेशनल क्रिकेट के बीच संतुलन बनाना अब खिलाड़ियों के लिए चुनौती बनता जा रहा है।