TV9 भारतवर्ष के खिलाफ वाशिंगटन पोस्ट ने चलाई थी गलत खबर, अब मेल लिखकर मांगी माफी

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अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट ने TV9 भारतवर्ष के खिलाफ जो गलत खबर चलाई थी, उस पर मेल लिखकर माफी मांग ली है. इसके अलावा जिस आर्टिकल में भ्रामक दावे किए गए थे उसे भी सुधारा गया है. यह आर्टिकल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की ओर से पाकिस्तान पर किए गए अटैक के दौरान भारतीय मीडिया की भूमिका से संबंधित था, जिसमें कई त्रुटियां थीं.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर ताबड़तोड़ हमले किए थे, उस वक्त पल-पल में नई जानकारियां सामने आ रही थीं. भारत के तमाम टीवी चैनल इसका लाइव कवरेज कर रहे थे. Tv9 भारतवर्ष भी इनमें शामिल था. हालांकि अपने दर्शकों के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुए टीवी9 भारतवर्ष युद्ध की लाइव कवरेज से जुड़ी हर जानकारी को न सिर्फ परख रहा था बल्कि हर तरीके से फैक्ट चेक कर दर्शकों तक पहुंचा रहा था. इसी कवरेज को लेकर वाशिंगटन पोस्ट ने सवाल उठाया था, जो पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठा था. अब समाचार पत्र की ओर से Tv9 को मेल भेजकर इसके लिए माफी मांगी गई है और आर्टिकल में भी सुधार किया गया है.

वाशिंगटन पोस्ट ने क्या किया था दावा

वाशिंगटन पोस्ट के आर्टिकल में कई गलतियां थीं, इसमें ये लिखा गया था कि Tv9 भारतवर्ष ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के आत्मसमर्पण की खबर दी थी. न्यूजपेपर में Tv9 के बारे में किया गया ये दावा पूरी तरह तथ्यहीन और बेबुनियाद था. इसके अलावा लेख में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में मची तबाही के बारे में भारतीय मीडिया में हो रही रिपोर्टिंग को गलत तरीके से पेश किया गया था. लेख में बताया गया था कि न्यूज चैनल्स ने पाकिस्तान के शहरों के तबाह होने की रिपोर्ट दी, जबकि चैनलों से सिर्फ शहरों में मची तबाही का जिक्र किया था. आर्टिकल में ये भी लिखा था की न्यूज चैनल्स ने ऑपरेशन सिंदूर के विजुअल दिखाने के लिए सूडान में संघर्ष के वीडियो प्रसारित किए थे, इस संदर्भ को भी अब हटा लिया गया है.

वाशिंगटन पोस्ट ने किया था पत्रकारों से बातचीत का दावा

वाशिंगटन पोस्ट में भारतीय मीडिया के बारे में जो भी दावे किए गए थे, उनके पीछे भारत के प्रभावशाली न्यूज नेटवर्क के पत्रकारों से बातचीत की बात कही गई थी. लेख में भारतीय पत्रकारों के हवाले से ये दावा किया गया था कि न्यूज चैनलों की वजह से देश का सूचना तंत्र झूठ से भर गया था. इसमें कई पत्रकारों के नाम नहीं बताए गए थे, कहा ये गया था कि पत्रकारों ने नाम न छापने की शर्त पर बातचीत की है, ताकि उन्हें पेशेवर प्रतिशोध का सामना न करना पड़े. हालांकि बाद में वाशिंगटन पोस्ट बैकफुट पर आया और उसने लेख में Tv9 के बारे में किए गए दावे पर संस्थान को ईमेल भेजकर माफी मांगी. इसके अलावा प्रसार भारती ने भी एक बयान में कहा कि उसने संघर्ष के दौरान कहा कि उसने इस तरह कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है. प्रसार भारती ने कहा कि उसकी अपनी एक फैक्ट चैक टीम है, जो यह सुनिश्चित करती है कि उसके किसी भी प्लेटफॉर्म पर कोई असत्यापित जानकारी न जाए.