विश्वविद्यालय के नियमों को लागू नहीं कर रहा सीवीएस कार्यालय : शिक्षक संघ
रांची, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । रांची विश्वविद्यालय के वोकेशनल शिक्षक संघ की ओर से समस्याओं को लेकर शुक्रवार को रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति को छह सूत्री मांग पत्र सौंपा गया।
रांची विश्वविद्यालय के विभिन्न पीजी विभाग और कॉलेज में 20 से भी अधिक वोकेशनल या सेल्फ फाइनेंस कोर्स पिछले 20 वर्षों से चलाये जा रहे हैं। इसमें अतिथि और कॉन्ट्रैक्ट शिक्षक अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं और इन कोर्स को करने के बाद विद्यार्थियों को विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में सीधे नौकरी भी प्राप्त हो रही है। लेकिन इन विभागों में कार्यरत्त सभी शिक्षकों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। इन शिक्षकों को न तो उन्हें उचित मानदेय मिलता है और न ही कोई अन्य सुविधाएं मिल रही हैं।
ये हैं संघ की मुख्य मांगें-
समान काम के बदले समान वेतनमान देने की व्यवस्था हो, अविलंब शिक्षक और कर्मियों के पद सृजित कर उसे भरा जाए, अतिथि शिक्षकों को यूजीसी के अनुसार तय मापदंड 1500 प्रति कक्षा हो, सीनेट और सिंडिकेट या कोर कमेटी में वोकेशनल शिक्षक संघ के प्रतिनिधि की व्यवस्था हो, नई नियुक्ति प्रक्रिया में पुराने शिक्षकों को प्राथमिकता मिले और वोकेशनल फंड में रखे हुए रूपए का उपयोग शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए करना शामिल है।
इस मौके पर वोकेशनल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अटल पांडेय ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय में पिछले 20 वर्षों से शिक्षक कार्यरत्त हैं पर आज तक उनके पद सृजित करने की न तो कोई सोच रहा है और न ही उनके स्थाईकरण की कोई बात हो रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जब सेवा करने का केंद्र है, छात्रों से कम से कम पैसे लिए जाते हैं तब वोकेशनल फंड में करोड़ों रूपये कैसे जमा हो गए। इन पैसों का यदि सही ढंग से शिक्षकों और विद्यार्थियों के शिक्षा व्यवस्था पर खर्च होता तो विश्वविद्यालय की स्थिति अलग होती।
वहीं संघ के अध्यक्ष अवधेश ठाकुर ने कहा कि कोर कमेटी से निर्णय ले लिया जाता है, पर बहुत सारे विभाग उन निर्णयों को नहीं मानते हैं। इस पर सीवीएस निदेशक को बार-बार बोलने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया जाता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के बहुत से विभाग बंदी के कगार पर हैं इनका जिम्मेदार कौन है।
मौके पर संघ के पदाधिकारियो ने प्रभारी कुलपति से मामले में अविलंब उचित निर्णय लेने की गुहार लगाई।
प्रतिनिधिमंडल में डॉ सुरजीत घोषाल, डॉ प्रशात सौरव सहित अन्य शामिल थे।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak