चीन का अमेरिकी राजदूत पर झूठ फैलाने का आरोप

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न्यूयॉर्क, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . लैटिन अमेरिकी देश पनामा में चीन के राज दूतावास ने वहां तैनात अमेरिकी राजदूत पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है ताकि चीन के साथ क्षेत्रीय देशों के संबंधों को कमजोर किया जा सके.

गाैरतलब है कि पनामा के एक डिजिटल मीडिया आउटलेट को दिए एक साक्षात्कार में अमेरिका के पनामा में राजदूत केविन कैब्रेरा ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन पनामा नहर में चीन की मौजूदगी को दुष्टता मानता है. उन्हाेंने दावा किया कि चीन सरकार भ्रष्टाचार के जरिए लैटिन अमेरिकी देश के साथ धोखाधड़ी कर रही है, जबकि अमेरिकी कंपनियां ऐसे कामों में लिप्त नहीं हो सकती हैं.

उन्हाेंने चिली, पेरू और इक्वाडोर में चीन की परियोजनाओं को विनाशकारी बताया और उसकी निकारागुआ में प्रस्तावित नहर याेजना को पर्यावरण के लिए नुकसानदेह बताया. कैब्रेरा ने चीन पर कोस्टा रिका, ग्वाटेमाला और पराग्वे में साइबर हमलों का आरोपभीलगाया और हुआवे की 5जी तकनीक को “अविश्वसनीय” बताया.

इस बीच कैब्रेरा के साक्षात्कार के कुछ घंटों बाद ही चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी राजदूत ने “एक बार फिर चीन से संबंधित मुद्दों पर झूठ फैलाया है.” दूतावास ने कहा कि उनके बयान “तथ्यात्मक आधार और वैज्ञानिक तर्क से रहित है” और यह “चीन और क्षेत्रीय देशों के बीच फूट डालने, उनकी कूटनीतिक स्वायत्तता छीनने और अमेरिकी भू-राजनीतिक हितों को बढ़ावा देने” का प्रयास है.

चीनी दूतावास ने कहा कि चीन लगातार अपनी कंपनियाें को स्थानीय कानूनों का पालन करने के लिए कहता है और उनकी परियोजनाएं स्थानीय आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान देती हैं. उन्होंने अमेरिकी राजदूत के बयान को “क्षेत्रीय देशों की समझदारी पर सवाल उठाना और स्थानीय जनता की बुद्धिमत्ता का अपमान” बताया. चीनी दूतावास ने कहा, “चीन के दोस्त पूरी दुनिया में हैं और सच्चे दोस्तों को डराया नहीं जा सकता.”

चीनी दूतावास ने आराेप लगाया कि अमेरिका “दुनिया का सबसे बड़ा हैकिंग और निगरानी साम्राज्य” है. दूतावास ने अमेरिका से “अपने अहंकार और पूर्वाग्रह को छोड़ने” की अपील भी की.

गाैरतलब है कि वैश्विक व्यापार के लिए एक रणनीतिक केंद्र समझे जाने वाला पनामा, चीन और अमेरिका के बीच प्रतिस्पर्धा का केंद्र बन गया है. President डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से चुने जाने के बाद कई बार पनामा नहर को “वापस लेने” की बात कही है, जिसे अमेरिका ने 1999 में पनामा को सौंप दिया था.

इस बीच, हांगकांग की कंपनी सीके हचिसन होल्डिंग्स द्वारा पनामा नहर के बंदरगाहों को अमेरिकी निवेश कंपनी ब्लैकरॉक के नेतृत्व वाले समूह को बेचने के सौदे पर चीन ने नाराजगी जताई है.

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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल