79वां स्वतंत्रता दिवस: गुलामी की जंजीरों से आज़ादी की सुबह तक का ऐतिहासिक सफर

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15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए देश एकत्रित होगा, जो भारत में एकता की मिसाल देगा, इस दिन न कोई हिंदू होगा, न सिख होगा, न ईसाई होगा, अगर होगा तो सिर्फ़ हिंदुस्तानी होगा।

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ऑपरेशन सिंदूर की जीत

इस बार का स्वतंत्रता दिवस कुछ ख़ास है क्योंकि इस बार हम अपनी आज़ादी की ख़ुशी के साथ-साथ ऑपरेशन सिंदूर में हुई हमारी जीत का भी जश्न मनाएंगे। यह जीत सिर्फ़ भारत देश की वीरता का प्रतीक नहीं है बल्कि एक श्रद्धांजलि है उन लोगों को जो पहलगाम में मारे गए। भारत की इसी वीरता ने भारतवासियों को ये महसूस कराया कि वह अपने देश में महफ़ूज़ हैं। इस बार हमारे आज़ादी के इतिहास को याद करते हुए फिर उन सब स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाएगा जिनकी वजह से आज हम आज़ाद भारत में रह पा रहे हैं।

पीएम की आवाज़, जनता के विचार

स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में हमें हमारे इतिहास के साथ-साथ हमारे भविष्य यानी युवा के विचार भी देखने को मिलेंगे जो हमारे इस आज़ाद भारत की नींव को मज़बूत बनाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने इस बार के भाषण को ख़ास बनाने के लिए MyGov ऐप पर एक प्रतियोगिता शुरू कर देशवासियों के विचारों को उनके भाषण का आधार बनने का मौका दिया है। इस भाषण में आवाज़ तो पीएम की होगी लेकिन शब्द और विचार जनता के और यही भाषण एक पुल का काम करेगा जो प्रधानमंत्री को देशवासियों और उनकी सोच से जोड़ेगा और उनके रिश्ते को मज़बूत बनाएगा। इस बार के ख़ास मेहमान किसी देश के कोई मंत्री नहीं बल्कि स्वच्छता कर्मचारी हैं जिन्होंने इस दिल्ली को साफ़ और सुंदर बनाने में भूमिका निभाई है।


स्वतंत्रता दिवस के अलग रंग

इस बार का स्वतंत्रता दिवस अपने साथ सिर्फ़ तिरंगे के तीन रंग लेकर नहीं आया बल्कि अपने साथ आज़ादी का रंग, जीत का जश्न और वीरता का रंग लेकर आया है। यह 79वां स्वतंत्रता दिवस हमारे देश के एक मज़बूत और सफल संविधान के बारे में बताता है और देश की वीरता की गाथा गाकर पूरे भारत देश को गर्व महसूस कराता है।


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