गोल्ड कॉइन खरीदने से पहले जानें 22K और 24K का असली फर्क, ताकि निवेश रहे टेंशन-फ्री
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आज के समय में गोल्ड कॉइन सिर्फ चमक-धमक का प्रतीक नहीं, बल्कि एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन चुका है। इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है क्योंकि यह कम रिस्क के साथ अच्छा रिटर्न देता है। 24 कैरेट की ऊंची कीमतों के कारण लोग 22 कैरेट गोल्ड कॉइन की तरफ भी आकर्षित हो रहे हैं। ऑनलाइन मार्केट में आपको तरह-तरह के डिजाइन और साइज मिल जाते हैं। लेकिन सवाल यह है कि 22 कैरेट और 24 कैरेट गोल्ड कॉइन में आखिर फर्क क्या है?
कैरेट क्या होता है?
सोने की शुद्धता को कैरेट (Karat/Carat) में मापा जाता है, जिसकी स्केल 0 से 24 तक होती है।
फाइननेस से समझें शुद्धता
कैरेट के अलावा फाइननेस (Fineness) भी सोने की शुद्धता बताती है।
हॉलमार्क क्यों है जरूरी?
गोल्ड कॉइन खरीदते समय सिर्फ शुद्धता ही नहीं, बल्कि हॉलमार्क (Hallmark) भी जरूर चेक करना चाहिए।
भारत में BIS (Bureau of Indian Standards) एकमात्र संस्था है जो सोने की शुद्धता की गारंटी देती है। हर 22K या 24K गोल्ड कॉइन पर हॉलमार्किंग स्टैंप या लेजर एचिंग होती है, जिसमें शामिल होते हैं:
अगर आप गोल्ड कॉइन गिफ्ट करने या निवेश के लिए खरीद रहे हैं, तो 22K और 24K का फर्क जरूर समझें। 22 कैरेट कॉइन मजबूत और लंबे समय तक टिकने वाला होता है, जबकि 24 कैरेट कॉइन ज्यादा शुद्ध और प्रीमियम वैल्यू का होता है। खरीदते समय हमेशा BIS हॉलमार्क चेक करें, ताकि बाद में कोई टेंशन न रहे।
कैरेट क्या होता है?
सोने की शुद्धता को कैरेट (Karat/Carat) में मापा जाता है, जिसकी स्केल 0 से 24 तक होती है।
- 24 कैरेट गोल्ड कॉइन - इसमें पूरे 24 हिस्से सोना होता है यानी यह लगभग पूरी तरह शुद्ध (99.9%) होता है। इसकी चमक और रंग ज्यादा होता है लेकिन यह काफी नरम भी होता है।
- 22 कैरेट गोल्ड कॉइन - इसमें 22 हिस्से सोना और 2 हिस्से अन्य धातुएं जैसे तांबा, चांदी या जस्ता मिलाए जाते हैं। यह ज्यादा मजबूत होता है और रोजमर्रा के इस्तेमाल या निवेश के लिए उपयुक्त माना जाता है।
फाइननेस से समझें शुद्धता
कैरेट के अलावा फाइननेस (Fineness) भी सोने की शुद्धता बताती है।
- 22 कैरेट गोल्ड की फाइननेस 91.67% होती है।
- 24 कैरेट गोल्ड की फाइननेस 99.9% होती है।
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हॉलमार्क क्यों है जरूरी?
गोल्ड कॉइन खरीदते समय सिर्फ शुद्धता ही नहीं, बल्कि हॉलमार्क (Hallmark) भी जरूर चेक करना चाहिए।
भारत में BIS (Bureau of Indian Standards) एकमात्र संस्था है जो सोने की शुद्धता की गारंटी देती है। हर 22K या 24K गोल्ड कॉइन पर हॉलमार्किंग स्टैंप या लेजर एचिंग होती है, जिसमें शामिल होते हैं:
- सोने की शुद्धता का ग्रेड (22K/24K)
- BIS का लोगो
- हॉलमार्किंग का वर्ष
अगर आप गोल्ड कॉइन गिफ्ट करने या निवेश के लिए खरीद रहे हैं, तो 22K और 24K का फर्क जरूर समझें। 22 कैरेट कॉइन मजबूत और लंबे समय तक टिकने वाला होता है, जबकि 24 कैरेट कॉइन ज्यादा शुद्ध और प्रीमियम वैल्यू का होता है। खरीदते समय हमेशा BIS हॉलमार्क चेक करें, ताकि बाद में कोई टेंशन न रहे।