दिवाली 2025 पर सोना खरीदें या शेयर? निवेश के लिए कौन-सा विकल्प है बेहतर
दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाता है, भारतीय संस्कृति में धन, समृद्धि और नए निवेश की शुरुआत का भी प्रतीक है। धनतेरस और दिवाली के दौरान सोना खरीदना सदियों पुरानी परंपरा है, जिसे शुभ और सुरक्षित माना जाता है। वहीं, पिछले कुछ दशकों में, शेयर बाजार ने भी आम लोगों के बीच अपनी जगह बनाई है और इसे धन सृजन (Wealth Creation) का एक शक्तिशाली माध्यम माना जाता है। इस साल, जब सोना और शेयर बाजार दोनों ही रिकॉर्ड ऊंचाइयों के करीब हैं, तो यह सवाल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है: एक निवेशक को दिवाली पर सोना खरीदना चाहिए या शेयरों में निवेश करना चाहिए? दोनों ही निवेश विकल्प अलग-अलग फायदे और जोखिम पेश करते हैं, इसलिए एक सही फैसला लेने के लिए इन दोनों का गहराई से विश्लेषण करना जरूरी है।
सोना सिर्फ एक धातु नहीं है; यह 'सुरक्षित ठिकाना' माना जाता है। यह अक्सर आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति (Inflation) या भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions) के समय बेहतरीन प्रदर्शन करता है।
निवेश के तरीके: फिजिकल गोल्ड (सिक्के, बार), गोल्ड ईटीएफ (ETF), या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के जरिए निवेश किया जा सकता है। SGB सबसे सुरक्षित और टैक्स (Tax) के मामले में फायदेमंद माना जाता है।
शेयर बाजार लंबी अवधि में धन बढ़ाने का सबसे शक्तिशाली माध्यम साबित हुआ है। शेयरों में निवेश का मतलब है देश की अर्थव्यवस्था और सफल कंपनियों की ग्रोथ में हिस्सेदार बनना।
जोखिम: हालांकि, शेयर बाजार में जोखिम अधिक होता है। शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव आ सकता है और गलत कंपनी में निवेश करने पर नुकसान भी हो सकता है।
लंबी अवधि में कौन रहा बेहतर?
आंकड़ों के अनुसार, अगर आप 10 से 15 साल की लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो शेयर बाजार (जैसे निफ्टी 50 या सेंसेक्स) का कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) सोने से थोड़ा अधिक रहा है। लेकिन, पिछले कुछ दिवाली-से-दिवाली चक्रों में, खासकर भू-राजनीतिक संकटों के कारण, सोने ने शेयर बाजार से बेहतर रिटर्न दिया है। इसलिए, दोनों ही संपत्तियों का अपने पोर्टफोलियो में एक निश्चित अनुपात (Allocation) रखना समझदारी है।
निवेश के लिए "सोना या शेयर" की बजाय, सही रणनीति है "सोना और शेयर"। एक सफल पोर्टफोलियो दोनों के बीच संतुलन बनाकर चलता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। शेयर बाजार और सोने में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। इसे जुड़ी किसी भी प्रकार की हानि के लिए न्यूज़पॉइंट ज़िम्मेदार नहीं होगा।
सोने की चमक और सुरक्षा का कवच
सोना सिर्फ एक धातु नहीं है; यह 'सुरक्षित ठिकाना' माना जाता है। यह अक्सर आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति (Inflation) या भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions) के समय बेहतरीन प्रदर्शन करता है।
- सुरक्षित निवेश: सोना बाजार की अस्थिरता (Volatility) के दौरान भी आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता देता है।
- मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव: यह महंगाई के दौर में आपकी क्रय शक्ति (Purchasing Power) को बनाए रखने में मदद करता है।
- हालिया प्रदर्शन: पिछले कुछ वर्षों में, सोने ने शेयर बाजार की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है, खासकर वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण।
निवेश के तरीके: फिजिकल गोल्ड (सिक्के, बार), गोल्ड ईटीएफ (ETF), या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के जरिए निवेश किया जा सकता है। SGB सबसे सुरक्षित और टैक्स (Tax) के मामले में फायदेमंद माना जाता है।
You may also like
- Saudi Arabia launches nationwide awareness drive for World Sight Day and White Cane safety day
- Pakistan orders Afghan migrants to leave Quetta within one week
- Solution to J-K's problems lies in restoring statehood: CM Omar Abdullah as govt marks 1 year
- Gujarat ministers, except CM Patel, resign ahead of cabinet reshuffle
- Kane Williamson Teams Up With Lucknow Super Giants Ahead Of IPL 2026 Auction, Though….
शेयरों की उड़ान और ग्रोथ का पोटेंशियल
शेयर बाजार लंबी अवधि में धन बढ़ाने का सबसे शक्तिशाली माध्यम साबित हुआ है। शेयरों में निवेश का मतलब है देश की अर्थव्यवस्था और सफल कंपनियों की ग्रोथ में हिस्सेदार बनना।
- उच्च रिटर्न की संभावना: लंबी अवधि में, निफ्टी 50 (Nifty 50) जैसे प्रमुख सूचकांकों (Indices) ने सोने की तुलना में औसतन अधिक रिटर्न दिया है।
- लिक्विडिटी: शेयरों को बेचना और खरीदना बहुत आसान है।
- डिविडेंड आय: कुछ कंपनियां अपने निवेशकों को नियमित रूप से डिविडेंड भी देती हैं, जो एक अतिरिक्त आय होती है।
जोखिम: हालांकि, शेयर बाजार में जोखिम अधिक होता है। शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव आ सकता है और गलत कंपनी में निवेश करने पर नुकसान भी हो सकता है।
लंबी अवधि में कौन रहा बेहतर?
आंकड़ों के अनुसार, अगर आप 10 से 15 साल की लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो शेयर बाजार (जैसे निफ्टी 50 या सेंसेक्स) का कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) सोने से थोड़ा अधिक रहा है। लेकिन, पिछले कुछ दिवाली-से-दिवाली चक्रों में, खासकर भू-राजनीतिक संकटों के कारण, सोने ने शेयर बाजार से बेहतर रिटर्न दिया है। इसलिए, दोनों ही संपत्तियों का अपने पोर्टफोलियो में एक निश्चित अनुपात (Allocation) रखना समझदारी है।
सही निवेश रणनीति क्या हो?
निवेश के लिए "सोना या शेयर" की बजाय, सही रणनीति है "सोना और शेयर"। एक सफल पोर्टफोलियो दोनों के बीच संतुलन बनाकर चलता है।
- संतुलित पोर्टफोलियो : वित्तीय विशेषज्ञ अक्सर सलाह देते हैं कि अपने कुल निवेश का 5% से 15% हिस्सा सोने में रखना चाहिए, जबकि बाकी को शेयरों (Equity) और अन्य एसेट क्लास में लगाना चाहिए।
- जोखिम क्षमता : यदि आप अधिक जोखिम ले सकते हैं, तो आप शेयरों में अधिक पैसा लगा सकते हैं। यदि आप सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो सोने का अनुपात बढ़ाएँ।
- दीर्घकालिक लक्ष्य: बच्चों की शिक्षा, रिटायरमेंट (Retirement) जैसे दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए शेयरों में एसआईपी (SIP) शुरू करना एक अच्छा विकल्प है।
- त्योहारों का लाभ: धनतेरस/दिवाली पर आप प्रतीकात्मक रूप से थोड़ा सोना (डिजिटल या बॉन्ड के रूप में) खरीदें और बाकी रकम को अपनी निवेश योजना के अनुसार, अच्छी कंपनियों के शेयरों या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में लगाएँ।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। शेयर बाजार और सोने में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। इसे जुड़ी किसी भी प्रकार की हानि के लिए न्यूज़पॉइंट ज़िम्मेदार नहीं होगा।