कंपनी को मिला 3.66 करोड़ का जीएसटी नोटिस, मध्य प्रदेश के जबलपुर जीएसटी विभाग ने दिया नोटिस
निर्माण सामग्री बनाने वाली बड़ी कंपनी एवरेस्ट इंडस्ट्रीज को मध्य प्रदेश के जबलपुर जीएसटी विभाग से एक नोटिस मिला है। यह नोटिस 29 सितंबर 2025 को आया। यह पुराने साल 2019-20 के टैक्स क्रेडिट के बारे में है। विभाग 3.65 करोड़ रुपये मांग रहा है, जिसमें टैक्स, ब्याज और जुर्माना शामिल है।
यह नोटिस जीएसटी के नियमों के तहत आया है। विभाग कहता है कि कंपनी ने टैक्स रिटर्न में ज्यादा क्रेडिट मांगा था। नोटिस का ब्रेकअप इस तरह है:
यह डिमांड स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स के डिप्टी कमिश्नर, जबलपुर द्वारा जारी की गई है। इसके अतिरिक्त, सीजीएसटी/एमपी जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 122 के तहत भी जुर्माने का प्रावधान लागू किया गया है।
एवरेस्ट इंडस्ट्रीज ने स्पष्ट किया है कि उसके पास इस मामले में मजबूत कानूनी और तथ्यात्मक आधार हैं। कंपनी का मानना है कि इस नोटिस से कोई महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा। वह शो कॉज नोटिस का जवाब तैयार कर रही है और आवश्यक कदम उठाएगी। यह बयान कंपनी की वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है, जो बाजार में सकारात्मक संकेत दे सकता है।
हालांकि लेख में शेयर बाजार पर सीधे प्रभाव का उल्लेख नहीं है, लेकिन कंपनी की आश्वासन भरी प्रतिक्रिया से निवेशकों का विश्वास बना रह सकता है। एवरेस्ट इंडस्ट्रीज, जो फाइबर सीमेंट बोर्ड्स और अन्य निर्माण उत्पादों में अग्रणी है, ने हाल के वर्षों में मजबूत प्रदर्शन किया है। यह नोटिस पुराने वित्तीय वर्ष से जुड़ा होने के कारण तत्काल चिंता का विषय नहीं लगता।यह घटना जीएसटी अनुपालन की जटिलताओं को उजागर करती है, जहां छोटी-मोटी विसंगतियां भी बड़े डिमांड में बदल सकती हैं। कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे रिटर्न फाइलिंग में सतर्क रहें। अधिक अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोतों पर नजर रखें।
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नोटिस में क्या है
यह नोटिस जीएसटी के नियमों के तहत आया है। विभाग कहता है कि कंपनी ने टैक्स रिटर्न में ज्यादा क्रेडिट मांगा था। नोटिस का ब्रेकअप इस तरह है:
चीज | पैसे (रुपये) |
मूल टैक्स डिमांड | 1,18,74,263 |
ब्याज | 1,28,32,920 |
जुर्माना | 1,18,74,263 |
कुल | 3,65,81,446 |
यह डिमांड स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स के डिप्टी कमिश्नर, जबलपुर द्वारा जारी की गई है। इसके अतिरिक्त, सीजीएसटी/एमपी जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 122 के तहत भी जुर्माने का प्रावधान लागू किया गया है।
कंपनी का रुख
एवरेस्ट इंडस्ट्रीज ने स्पष्ट किया है कि उसके पास इस मामले में मजबूत कानूनी और तथ्यात्मक आधार हैं। कंपनी का मानना है कि इस नोटिस से कोई महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा। वह शो कॉज नोटिस का जवाब तैयार कर रही है और आवश्यक कदम उठाएगी। यह बयान कंपनी की वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है, जो बाजार में सकारात्मक संकेत दे सकता है।
बाजार पर संभावित असर
हालांकि लेख में शेयर बाजार पर सीधे प्रभाव का उल्लेख नहीं है, लेकिन कंपनी की आश्वासन भरी प्रतिक्रिया से निवेशकों का विश्वास बना रह सकता है। एवरेस्ट इंडस्ट्रीज, जो फाइबर सीमेंट बोर्ड्स और अन्य निर्माण उत्पादों में अग्रणी है, ने हाल के वर्षों में मजबूत प्रदर्शन किया है। यह नोटिस पुराने वित्तीय वर्ष से जुड़ा होने के कारण तत्काल चिंता का विषय नहीं लगता।यह घटना जीएसटी अनुपालन की जटिलताओं को उजागर करती है, जहां छोटी-मोटी विसंगतियां भी बड़े डिमांड में बदल सकती हैं। कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे रिटर्न फाइलिंग में सतर्क रहें। अधिक अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोतों पर नजर रखें।