क्या आपके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड है तो रहे सावधान, कहीं आप भी तो कर्ज के जाल में फस तो नहीं रहे हैं
मैं, आप और हमारे जैसे बहुत से लोग है जिनके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड्स होते है और बहुत खुश होते है की उनके पास एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड है और वो किसी जरुरी मौके पर इसका इस्तेमाल कर के अपने पैसे बचा सकते है पर ऐसा नहीं है जाने क्यों? क्रेडिट कार्ड्स का इस्तेमाल कई बार आसान लगता है, खासकर जब आपके पास कई कार्ड्स हों। लेकिन अगर अनुशासन न रखा जाए, तो ये जल्दी ही अनियंत्रित कर्ज में बदल सकते हैं। आज हम बताएंगे कि कैसे स्मार्ट तरीके से कई कार्ड्स मैनेज करें और कर्ज के चक्रव्यूह से दूर रहें।
कई क्रेडिट कार्ड्स होने से खरीदारी का मन करता है, लेकिन बैलेंस बढ़ने लगे तो पेमेंट ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। एक देरी से पेमेंट पर पेनल्टी, लेट फीस और क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। कर्ज तेजी से बढ़ता है और इससे निकलना कठिन। ज्यादा कार्ड्स आवेगी खरीदारी को बढ़ावा देते हैं। नया कार्ड लेने से पहले सोचें कि फायदे जोखिम से ज्यादा हैं या नहीं। जरूरत और चाहत में फर्क समझें—कार्ड सिर्फ जरूरी चीजों या इमरजेंसी पर ही यूज करें।
कर्ज से दूर रहने का पहला कदम है खर्चों पर कंट्रोल। कंप्यूटर टूल्स या मोबाइल ऐप्स से कार्ड खर्च ट्रैक करें और लिमिट में रहें। पेमेंट डेट की याद दिलाने वाले रिमाइंडर सेट करें या ऑटो-पे सिस्टम यूज करें, ताकि लेट फीस न लगे। हर महीने मिनिमम अमाउंट न चुकाकर पूरा बैलेंस पे करें—इससे हाई इंटरेस्ट से बचेंगे।
अगर कई कार्ड्स पर बैलेंस है, तो सबसे पहले हाई इंटरेस्ट रेट वाले कार्ड को क्लियर करें। ज्यादातर बैंक बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा देते हैं, जहां हाई-इंटरेस्ट कर्ज को लो या जीरो-इंटरेस्ट वाली कार्ड पर शिफ्ट कर सकते हैं। ये शॉर्ट-टर्म राहत देता है, लेकिन इसे खरीदारी के बहाने न बनाएं। लो-इंटरेस्ट पीरियड में प्रिंसिपल अमाउंट ज्यादा से ज्यादा चुकाएं, वरना रेगुलर रेट लगने पर परेशानी बढ़ेगी।
स्टेटमेंट्स नियमित चेक करें, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो पर नजर रखें और हमेशा मिनिमम से ज्यादा पेमेंट करें। इससे कर्ज का जाल टल जाएगा।
कई क्रेडिट कार्ड्स का सही यूज आपको फायदे दे सकता है, लेकिन जिम्मेदारी जरूरी है। खर्च ट्रैकिंग, टाइमली पेमेंट और स्मार्ट ट्रांसफर से कर्ज से दूर रहें। आज से ही प्लान बनाएं और फाइनेंशियल सिक्योरिटी पाएं।
कई कार्ड्स के खतरे: ओवरस्पेंडिंग का लालच
कई क्रेडिट कार्ड्स होने से खरीदारी का मन करता है, लेकिन बैलेंस बढ़ने लगे तो पेमेंट ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। एक देरी से पेमेंट पर पेनल्टी, लेट फीस और क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। कर्ज तेजी से बढ़ता है और इससे निकलना कठिन। ज्यादा कार्ड्स आवेगी खरीदारी को बढ़ावा देते हैं। नया कार्ड लेने से पहले सोचें कि फायदे जोखिम से ज्यादा हैं या नहीं। जरूरत और चाहत में फर्क समझें—कार्ड सिर्फ जरूरी चीजों या इमरजेंसी पर ही यूज करें।
कर्ज से बचने के आसान टिप्स
कर्ज से दूर रहने का पहला कदम है खर्चों पर कंट्रोल। कंप्यूटर टूल्स या मोबाइल ऐप्स से कार्ड खर्च ट्रैक करें और लिमिट में रहें। पेमेंट डेट की याद दिलाने वाले रिमाइंडर सेट करें या ऑटो-पे सिस्टम यूज करें, ताकि लेट फीस न लगे। हर महीने मिनिमम अमाउंट न चुकाकर पूरा बैलेंस पे करें—इससे हाई इंटरेस्ट से बचेंगे।
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अगर कई कार्ड्स पर बैलेंस है, तो सबसे पहले हाई इंटरेस्ट रेट वाले कार्ड को क्लियर करें। ज्यादातर बैंक बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा देते हैं, जहां हाई-इंटरेस्ट कर्ज को लो या जीरो-इंटरेस्ट वाली कार्ड पर शिफ्ट कर सकते हैं। ये शॉर्ट-टर्म राहत देता है, लेकिन इसे खरीदारी के बहाने न बनाएं। लो-इंटरेस्ट पीरियड में प्रिंसिपल अमाउंट ज्यादा से ज्यादा चुकाएं, वरना रेगुलर रेट लगने पर परेशानी बढ़ेगी।
स्टेटमेंट्स नियमित चेक करें, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो पर नजर रखें और हमेशा मिनिमम से ज्यादा पेमेंट करें। इससे कर्ज का जाल टल जाएगा।
निष्कर्ष: जिम्मेदारी से फाइनेंशियल फ्रीडम
कई क्रेडिट कार्ड्स का सही यूज आपको फायदे दे सकता है, लेकिन जिम्मेदारी जरूरी है। खर्च ट्रैकिंग, टाइमली पेमेंट और स्मार्ट ट्रांसफर से कर्ज से दूर रहें। आज से ही प्लान बनाएं और फाइनेंशियल सिक्योरिटी पाएं।