दिवाली से पहले आई खुशखबरी! 2026 में भारत में सैलरी बढ़ोतरी, रियल एस्टेट और NBFC में बंपर इजाफा
दिवाली के समय एक अच्छी खबर सामने आई है, जो नौकरी करने वालों के लिए राहत लेकर आई है। एक ताजा सर्वे बताता है कि 2026 में देश भर में सैलरी में औसतन 9 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। यह पिछले साल की 8.9 प्रतिशत ग्रोथ से बेहतर है। रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और NBFC जैसे क्षेत्रों में यह बढ़ोतरी 10 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। वैश्विक मंदी के बावजूद भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और सरकारी नीतियां इसकी वजह हैं। कर्मचारियों के बीच स्थिरता बढ़ रही है, जिससे कंपनियां अपस्किलिंग पर जोर देंगी।
सैलरी ग्रोथ और स्थिरता का ट्रेंड
रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में सैलरी में 9 प्रतिशत की औसत वृद्धि होने की उम्मीद है। यह आंकड़ा वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद सकारात्मक है। भारत की विकास गाथा को मजबूती देने वाले कारक हैं - मजबूत उपभोक्ता मांग, निवेश का प्रवाह और सरकारी समर्थन। सर्वे में शामिल कंपनियों के आंकड़ों से साफ है कि अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है। इसके अलावा, कर्मचारियों की कंपनी छोड़ने की दर में कमी आई है। 2023 में यह 18.7 प्रतिशत थी, जो 2024 में घटकर 17.7 प्रतिशत और 2025 में 17.1 प्रतिशत रह गई। इससे जाहिर होता है कि लोग नौकरियों को लंबे समय तक संभाल रहे हैं। जब वर्कफोर्स स्थिर रहता है, तो कंपनियों को कर्मचारियों की क्षमताओं को निखारने का बेहतर अवसर मिलता है। आने वाले वर्षों में अपस्किलिंग और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स पर फोकस बढ़ेगा। इससे कर्मचारी भविष्य की मांगों के अनुरूप तैयार हो सकेंगे। कुल मिलाकर, यह ट्रेंड कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
सेक्टर-विशिष्ट ब्रेकडाउन: कहां होगी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी?
सभी क्षेत्रों में सैलरी बढ़ोतरी एक समान नहीं होगी। कुछ उद्योगों में यह औसत से कहीं ज्यादा रहेगी। उदाहरण के लिए, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 10.9 प्रतिशत तक वृद्धि का अनुमान है। NBFC यानी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में भी लगभग 10 प्रतिशत की ग्रोथ संभव है। इसके बाद इंजीनियरिंग डिजाइन सर्विसेज में 9.7 प्रतिशत, ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और लाइफ साइंसेज में 9.6 प्रतिशत की उम्मीद की जा रही है। ये आंकड़े बताते हैं कि कुशल श्रमिकों पर कंपनियां निवेश बढ़ा रही हैं। रियल एस्टेट में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की वजह से मांग बढ़ी है, जबकि NBFC में वित्तीय सेवाओं का विस्तार हो रहा है। ऑटो सेक्टर में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करने से नई नौकरियां पैदा हो रही हैं। रिटेल में ऑनलाइन शॉपिंग की तेजी और लाइफ साइंसेज में हेल्थकेयर की बढ़ती जरूरतें सैलरी को ऊपर धकेल रही हैं। अगर आप इन क्षेत्रों में हैं, तो 2026 आपके लिए सुनहरा साल हो सकता है।
Aon इंडिया के पार्टनर रूपांक चौधरी ने कहा कि “भारत की ग्रोथ स्टोरी अब भी मजबूत है. इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट और सरकार की पॉलिसी से मिल रहे सपोर्ट कंपनियों को आगे बढ़ने का भरोसा दे रही हैं. कंपनियां अब टैलेंट को बनाए रखने और लॉन्ग-टर्म स्टेबिलिटी पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं. रियल एस्टेट और NBFC जैसे सेक्टर टैलेंट में निवेश कर रहे हैं और कंपनियां सैलरी और हायरिंग के फैसले स्ट्रेटेजिक तरीके से से ले रही हैं, ताकि ग्रोथ और स्टेबिलिटी दोनों बनी रहे.” यह जिक्र साफ करता है कि कंपनियां अब रणनीतिक फैसले ले रही हैं। वे न केवल सैलरी बढ़ा रही हैं, बल्कि टैलेंट को लंबे समय तक जोड़े रखने के लिए कोशिश कर रही हैं।
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सैलरी ग्रोथ और स्थिरता का ट्रेंड
रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में सैलरी में 9 प्रतिशत की औसत वृद्धि होने की उम्मीद है। यह आंकड़ा वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद सकारात्मक है। भारत की विकास गाथा को मजबूती देने वाले कारक हैं - मजबूत उपभोक्ता मांग, निवेश का प्रवाह और सरकारी समर्थन। सर्वे में शामिल कंपनियों के आंकड़ों से साफ है कि अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है। इसके अलावा, कर्मचारियों की कंपनी छोड़ने की दर में कमी आई है। 2023 में यह 18.7 प्रतिशत थी, जो 2024 में घटकर 17.7 प्रतिशत और 2025 में 17.1 प्रतिशत रह गई। इससे जाहिर होता है कि लोग नौकरियों को लंबे समय तक संभाल रहे हैं। जब वर्कफोर्स स्थिर रहता है, तो कंपनियों को कर्मचारियों की क्षमताओं को निखारने का बेहतर अवसर मिलता है। आने वाले वर्षों में अपस्किलिंग और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स पर फोकस बढ़ेगा। इससे कर्मचारी भविष्य की मांगों के अनुरूप तैयार हो सकेंगे। कुल मिलाकर, यह ट्रेंड कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
सेक्टर-विशिष्ट ब्रेकडाउन: कहां होगी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी?
सभी क्षेत्रों में सैलरी बढ़ोतरी एक समान नहीं होगी। कुछ उद्योगों में यह औसत से कहीं ज्यादा रहेगी। उदाहरण के लिए, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 10.9 प्रतिशत तक वृद्धि का अनुमान है। NBFC यानी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में भी लगभग 10 प्रतिशत की ग्रोथ संभव है। इसके बाद इंजीनियरिंग डिजाइन सर्विसेज में 9.7 प्रतिशत, ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और लाइफ साइंसेज में 9.6 प्रतिशत की उम्मीद की जा रही है। ये आंकड़े बताते हैं कि कुशल श्रमिकों पर कंपनियां निवेश बढ़ा रही हैं। रियल एस्टेट में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की वजह से मांग बढ़ी है, जबकि NBFC में वित्तीय सेवाओं का विस्तार हो रहा है। ऑटो सेक्टर में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करने से नई नौकरियां पैदा हो रही हैं। रिटेल में ऑनलाइन शॉपिंग की तेजी और लाइफ साइंसेज में हेल्थकेयर की बढ़ती जरूरतें सैलरी को ऊपर धकेल रही हैं। अगर आप इन क्षेत्रों में हैं, तो 2026 आपके लिए सुनहरा साल हो सकता है।
विशेषज्ञ की राय: ग्रोथ और टैलेंट रिटेंशन पर फोकस
Aon इंडिया के पार्टनर रूपांक चौधरी ने कहा कि “भारत की ग्रोथ स्टोरी अब भी मजबूत है. इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट और सरकार की पॉलिसी से मिल रहे सपोर्ट कंपनियों को आगे बढ़ने का भरोसा दे रही हैं. कंपनियां अब टैलेंट को बनाए रखने और लॉन्ग-टर्म स्टेबिलिटी पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं. रियल एस्टेट और NBFC जैसे सेक्टर टैलेंट में निवेश कर रहे हैं और कंपनियां सैलरी और हायरिंग के फैसले स्ट्रेटेजिक तरीके से से ले रही हैं, ताकि ग्रोथ और स्टेबिलिटी दोनों बनी रहे.” यह जिक्र साफ करता है कि कंपनियां अब रणनीतिक फैसले ले रही हैं। वे न केवल सैलरी बढ़ा रही हैं, बल्कि टैलेंट को लंबे समय तक जोड़े रखने के लिए कोशिश कर रही हैं।