आईटीआर प्रोसेस्ड लेकिन रिफंड अटका? ये स्टेप्स अपनाकर तुरंत पाएं अपना पैसा
कई टैक्सपेयर्स को परेशानी हो रही है कि ITR प्रोसेस हो गया लेकिन रिफंड नहीं मिला। सरकार के आंकड़ों के अनुसार 7.68 करोड़ रिटर्न फाइल हुए हैं जिनमें से 6.11 करोड़ प्रोसेस हो चुके हैं। देरी के पीछे बैंक डिटेल्स में त्रुटि, TDS में गड़बड़ी या ट्रांजेक्शन में तकनीकी समस्या हो सकती है। आमतौर पर प्रोसेसिंग के बाद 15-30 दिनों में रिफंड आ जाता है लेकिन कुछ समय से यह रिफंड बहुत देरी से आ रहा है या तो आ ही नहीं रहा जिसकी वजह से टैक्सपेयर्स को काफी दिक्कत आ रही हैं।
रिफंड न आने की वजहें कई हो सकती हैं। बैंक खाता या IFSC कोड गलत दर्ज होना आम समस्या है। कभी TDS या टैक्स क्रेडिट में असंगति के चलते रिफंड रुक जाता है। कभी-कभी रिफंड जारी होने के बावजूद बैंक तक पहुंचने में समय लगता है। तकनीकी खराबी से भी ट्रांजेक्शन प्रभावित होता है।
रिफंड स्टेटस जांचने का तरीका
रिफंड की स्थिति जानने के लिए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें। Refund/Demand Status सेक्शन में जाएं। अगर प्रोसेस्ड दिख रहा है लेकिन पैसा नहीं आया, तो बैंक अकाउंट और IFSC कोड जांचें। सब सही होने पर पोर्टल से ‘ Refund Reissue Request ' सबमिट करें। इससे रिफंड दोबारा जारी होगा। अगर RFD कोड दिखे लेकिन क्रेडिट न हो, तो NSDL या बैंक ब्रांच से बात करें।
नॉन-ऑडिट कैटेगरी के लोग जिनकी कमाई सैलरी या सामान्य स्रोतों से है, उनके रिटर्न तेजी से प्रोसेस होते हैं। पोर्टल पर इनकम, डिडक्शन और TDS भरकर फाइल करने के बाद वेरिफिकेशन होता है। अगर देरी हो तो ऊपर बताए स्टेप्स फॉलो करें। बैंक डिटेल्स सही होने पर कुछ दिनों में पैसा अपने आप आ जाएगा। AY 2025-26 के लिए नॉन-ऑडिट ITR की अंतिम तिथि 16 सितंबर 2025 थी, जो दो बार बढ़ाई गई। ऑडिट वाले के लिए 31 अक्टूबर 2025 तक समय है।
देरी के संभावित कारण
रिफंड न आने की वजहें कई हो सकती हैं। बैंक खाता या IFSC कोड गलत दर्ज होना आम समस्या है। कभी TDS या टैक्स क्रेडिट में असंगति के चलते रिफंड रुक जाता है। कभी-कभी रिफंड जारी होने के बावजूद बैंक तक पहुंचने में समय लगता है। तकनीकी खराबी से भी ट्रांजेक्शन प्रभावित होता है।
रिफंड स्टेटस जांचने का तरीका
रिफंड की स्थिति जानने के लिए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें। Refund/Demand Status सेक्शन में जाएं। अगर प्रोसेस्ड दिख रहा है लेकिन पैसा नहीं आया, तो बैंक अकाउंट और IFSC कोड जांचें। सब सही होने पर पोर्टल से ‘ Refund Reissue Request ' सबमिट करें। इससे रिफंड दोबारा जारी होगा। अगर RFD कोड दिखे लेकिन क्रेडिट न हो, तो NSDL या बैंक ब्रांच से बात करें।
रिफंड जल्दी पाने के उपाय
नॉन-ऑडिट कैटेगरी के लोग जिनकी कमाई सैलरी या सामान्य स्रोतों से है, उनके रिटर्न तेजी से प्रोसेस होते हैं। पोर्टल पर इनकम, डिडक्शन और TDS भरकर फाइल करने के बाद वेरिफिकेशन होता है। अगर देरी हो तो ऊपर बताए स्टेप्स फॉलो करें। बैंक डिटेल्स सही होने पर कुछ दिनों में पैसा अपने आप आ जाएगा। AY 2025-26 के लिए नॉन-ऑडिट ITR की अंतिम तिथि 16 सितंबर 2025 थी, जो दो बार बढ़ाई गई। ऑडिट वाले के लिए 31 अक्टूबर 2025 तक समय है।
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