Mutual Fund से अच्छा रिटर्न नहीं मिल रहा? ये 5 ग़लतियाँ तुरंत सुधारें
म्यूचुअल फंड निवेश का एक शक्तिशाली ज़रिया है। हर महीने करोड़ों लोग SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ज़रिए बाज़ार में पैसा लगा रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जो निवेशक शेयर बाज़ार और अर्थशास्त्र की अच्छी समझ रखते हैं, वे भी अक्सर ऐसी बुनियादी ग़लतियाँ कर बैठते हैं जो उनके पोर्टफोलियो (Portfolio) को नुक़सान पहुँचाती हैं। ये ग़लतियाँ बाज़ार की अस्थिरता से कम, बल्कि निवेशक के मनोविज्ञान (Investor Psychology) से ज़्यादा जुड़ी हैं। आइए, 2025 के बाज़ार ट्रेंड्स के अनुसार 5 ऐसी बड़ी ग़लतियों को समझते हैं, जिन्हें स्मार्ट निवेशकों को भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
स्मार्ट निवेशक अक्सर उस "अगली बड़ी चीज़" (Next Big Thing) की तलाश में रहते हैं। जब कोई नया फंड ऑफर (NFO) बाज़ार में आता है, तो वे पुरानी योजनाओं के मुकाबले इसे ज़्यादा आकर्षक मानकर निवेश कर देते हैं।
ग़लती: NFO का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता है। निवेशक सिर्फ़ फंड हाउस के नाम या मौजूदा बाज़ार की तेज़ी को देखकर निवेश करते हैं।
समाधान: हमेशा ट्रैक रिकॉर्ड और फंड मैनेजर के अनुभव को देखें। किसी भी नए फंड में निवेश से बचें जब तक कि उसकी थीम (Theme) आपके पोर्टफोलियो के लिए बहुत ज़रूरी न हो।
2. Chasing Short-Term Sectoral Gains (शॉर्ट-टर्म सेक्टर के मुनाफ़े के पीछे भागना)
आजकल, थीमैटिक (Thematic) और सेक्टोरल (Sectoral) फंड्स बहुत चर्चा में हैं (जैसे कि EV, ग्रीन एनर्जी या सेमीकंडक्टर फंड्स)। एक स्मार्ट निवेशक 6 महीने के शानदार रिटर्न को देखकर उस सेक्टर में कूद पड़ता है।
ग़लती: सेक्टर रोटेशन (Sector Rotation) एक तेज़ लेकिन जोखिम भरा खेल है। जिस समय तक आप निवेश करते हैं, वह सेक्टर पहले ही टॉप पर पहुँच चुका होता है, और करेक्शन (Correction) शुरू होने पर आप घाटे में बेच देते हैं।
समाधान: कोर पोर्टफोलियो (Core Portfolio) को फ्लेक्सी-कैप (Flexi-Cap) या मल्टी-कैप (Multi-Cap) फंड्स में रखें। सेक्टर पर दाँव लगाने से बचें, या अगर लगाते भी हैं, तो यह आपके कुल निवेश का 10-15% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।
3. SIP Panic During Market Dips (बाज़ार गिरने पर SIP बंद कर देना)
सबसे बड़ी ग़लती जो अनुभवी निवेशक भी करते हैं, वह है बाज़ार में बड़ी गिरावट (Market Correction) के दौरान अपनी SIP को रोकना या निकालना।
ग़लती: SIP का सबसे बड़ा फ़ायदा है 'रुपी कॉस्ट एवरेजिंग' (Rupee Cost Averaging) । जब बाज़ार गिरता है, तो आपको कम दाम पर ज़्यादा यूनिट्स मिलती हैं। SIP बंद करने से आप सबसे ज़्यादा मुनाफ़े वाले मौके को गंवा देते हैं।
समाधान: बाज़ार गिरने पर घबराएँ नहीं, बल्कि खुश हों! अगर संभव हो तो अपनी SIP की राशि बढ़ा दें। यह लंबी अवधि में आपका रिटर्न कई गुना बढ़ा सकता है।
4. The Burden of Over-Diversification (बहुत ज़्यादा डाइवर्सिफिकेशन का बोझ)
डाइवर्सिफिकेशन (Diversification) ज़रूरी है, लेकिन कुछ स्मार्ट निवेशक 20-25 अलग-अलग फंड्स में निवेश कर देते हैं।
ग़लती: बहुत ज़्यादा फंड्स होने पर उनका ट्रैक रखना मुश्किल हो जाता है, और अक्सर आपके पोर्टफोलियो में कई फंड्स एक ही तरह के शेयरों में पैसा लगा रहे होते हैं। इससे अतिरिक्त जोखिम कम नहीं होता, बल्कि आपका कुल रिटर्न एवरेज (Average) हो जाता है।
समाधान: एक सिंपल और मैनेज करने योग्य पोर्टफोलियो बनाएँ। 5-7 अच्छे फंड्स (अलग-अलग कैटेगरी के) काफ़ी हैं। इससे आप हर फंड के प्रदर्शन पर बेहतर नज़र रख पाएँगे।
5. Ignoring the Exit Load Trap (एग्जिट लोड ट्रैप को नज़रअंदाज़ करना)
स्मार्ट निवेशक भी कभी-कभी शॉर्ट-टर्म लक्ष्यों के लिए इक्विटी फंड्स (Equity Funds) का चुनाव कर लेते हैं।
ग़लती: इक्विटी फंड्स में आमतौर पर एक साल से पहले पैसा निकालने पर 0.5% से 1% तक का एग्जिट लोड (Exit Load) लगता है। साथ ही, शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) भी लगता है।
समाधान: शॉर्ट-टर्म (1-3 साल) लक्ष्यों के लिए हमेशा लिक्विड फंड्स (Liquid Funds) या अल्ट्रा शॉर्ट-ड्यूरेशन डेट फंड्स (Ultra Short Duration Debt Funds) का इस्तेमाल करें, जहाँ एग्जिट लोड नहीं होता और बाज़ार का जोखिम कम होता है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है। निवेश का निर्णय लेते समय अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह अवश्य लें। न्यूज़पॉइंट इस लेख परआधारित किसी भी वित्तीय हानि या लाभ के लिए ज़िम्मेदार नहीं होगा।
1. The Seduction of 'Hot' NFOs (नये फंड ऑफर का आकर्षण)
स्मार्ट निवेशक अक्सर उस "अगली बड़ी चीज़" (Next Big Thing) की तलाश में रहते हैं। जब कोई नया फंड ऑफर (NFO) बाज़ार में आता है, तो वे पुरानी योजनाओं के मुकाबले इसे ज़्यादा आकर्षक मानकर निवेश कर देते हैं।
ग़लती: NFO का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता है। निवेशक सिर्फ़ फंड हाउस के नाम या मौजूदा बाज़ार की तेज़ी को देखकर निवेश करते हैं।
समाधान: हमेशा ट्रैक रिकॉर्ड और फंड मैनेजर के अनुभव को देखें। किसी भी नए फंड में निवेश से बचें जब तक कि उसकी थीम (Theme) आपके पोर्टफोलियो के लिए बहुत ज़रूरी न हो।
2. Chasing Short-Term Sectoral Gains (शॉर्ट-टर्म सेक्टर के मुनाफ़े के पीछे भागना)
आजकल, थीमैटिक (Thematic) और सेक्टोरल (Sectoral) फंड्स बहुत चर्चा में हैं (जैसे कि EV, ग्रीन एनर्जी या सेमीकंडक्टर फंड्स)। एक स्मार्ट निवेशक 6 महीने के शानदार रिटर्न को देखकर उस सेक्टर में कूद पड़ता है।
ग़लती: सेक्टर रोटेशन (Sector Rotation) एक तेज़ लेकिन जोखिम भरा खेल है। जिस समय तक आप निवेश करते हैं, वह सेक्टर पहले ही टॉप पर पहुँच चुका होता है, और करेक्शन (Correction) शुरू होने पर आप घाटे में बेच देते हैं।
समाधान: कोर पोर्टफोलियो (Core Portfolio) को फ्लेक्सी-कैप (Flexi-Cap) या मल्टी-कैप (Multi-Cap) फंड्स में रखें। सेक्टर पर दाँव लगाने से बचें, या अगर लगाते भी हैं, तो यह आपके कुल निवेश का 10-15% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।
3. SIP Panic During Market Dips (बाज़ार गिरने पर SIP बंद कर देना)
सबसे बड़ी ग़लती जो अनुभवी निवेशक भी करते हैं, वह है बाज़ार में बड़ी गिरावट (Market Correction) के दौरान अपनी SIP को रोकना या निकालना।
ग़लती: SIP का सबसे बड़ा फ़ायदा है 'रुपी कॉस्ट एवरेजिंग' (Rupee Cost Averaging) । जब बाज़ार गिरता है, तो आपको कम दाम पर ज़्यादा यूनिट्स मिलती हैं। SIP बंद करने से आप सबसे ज़्यादा मुनाफ़े वाले मौके को गंवा देते हैं।
समाधान: बाज़ार गिरने पर घबराएँ नहीं, बल्कि खुश हों! अगर संभव हो तो अपनी SIP की राशि बढ़ा दें। यह लंबी अवधि में आपका रिटर्न कई गुना बढ़ा सकता है।
4. The Burden of Over-Diversification (बहुत ज़्यादा डाइवर्सिफिकेशन का बोझ)
डाइवर्सिफिकेशन (Diversification) ज़रूरी है, लेकिन कुछ स्मार्ट निवेशक 20-25 अलग-अलग फंड्स में निवेश कर देते हैं।
ग़लती: बहुत ज़्यादा फंड्स होने पर उनका ट्रैक रखना मुश्किल हो जाता है, और अक्सर आपके पोर्टफोलियो में कई फंड्स एक ही तरह के शेयरों में पैसा लगा रहे होते हैं। इससे अतिरिक्त जोखिम कम नहीं होता, बल्कि आपका कुल रिटर्न एवरेज (Average) हो जाता है।
समाधान: एक सिंपल और मैनेज करने योग्य पोर्टफोलियो बनाएँ। 5-7 अच्छे फंड्स (अलग-अलग कैटेगरी के) काफ़ी हैं। इससे आप हर फंड के प्रदर्शन पर बेहतर नज़र रख पाएँगे।
5. Ignoring the Exit Load Trap (एग्जिट लोड ट्रैप को नज़रअंदाज़ करना)
स्मार्ट निवेशक भी कभी-कभी शॉर्ट-टर्म लक्ष्यों के लिए इक्विटी फंड्स (Equity Funds) का चुनाव कर लेते हैं।
ग़लती: इक्विटी फंड्स में आमतौर पर एक साल से पहले पैसा निकालने पर 0.5% से 1% तक का एग्जिट लोड (Exit Load) लगता है। साथ ही, शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) भी लगता है।
समाधान: शॉर्ट-टर्म (1-3 साल) लक्ष्यों के लिए हमेशा लिक्विड फंड्स (Liquid Funds) या अल्ट्रा शॉर्ट-ड्यूरेशन डेट फंड्स (Ultra Short Duration Debt Funds) का इस्तेमाल करें, जहाँ एग्जिट लोड नहीं होता और बाज़ार का जोखिम कम होता है।
अस्वीकरण
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है। निवेश का निर्णय लेते समय अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह अवश्य लें। न्यूज़पॉइंट इस लेख परआधारित किसी भी वित्तीय हानि या लाभ के लिए ज़िम्मेदार नहीं होगा।
Next Story