पैन आधार लिंक से मिली इन 4 श्रेणियों को छूट: देखें कहीं आप भी तो इस नई लिस्ट में शामिल नहीं?

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पिछले कुछ सालों से, भारत सरकार ने वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने और कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए पैन कार्ड (Permanent Account Number) को आधार कार्ड (Aadhaar Card) से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। बार-बार समय सीमा बढ़ाने के बाद, अब यह प्रक्रिया लगभग सभी भारतीय निवासियों के लिए अनिवार्य है और देर से लिंक करने पर जुर्माना भी लग रहा है। जिन लोगों ने इसे लिंक नहीं कराया है, उनका पैन निष्क्रिय (inoperative) हो चुका है, जिससे उनके कई वित्तीय काम अटक गए हैं।
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हालाँकि, आपको यह जानकर राहत मिलेगी कि देश में व्यक्तियों की कुछ ऐसी श्रेणियाँ भी हैं, जिन्हें आयकर विभाग ने इस अनिवार्य लिंकिंग प्रक्रिया से पूरी तरह छूट दी है। यदि आप भी इन श्रेणियों में आते हैं, तो आपको न तो जुर्माना भरने की ज़रूरत है और न ही लिंक न होने के कारण आपका पैन कार्ड निष्क्रिय होगा।

आइए जानते हैं कि आयकर अधिनियम, 1961 के तहत कौन कौन से लोग इस अनिवार्यता से मुक्त हैं।


पैन-आधार लिंकिंग से छूट प्राप्त व्यक्तियों की सूची

आयकर विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, निम्नलिखित चार श्रेणियों के व्यक्तियों को पैन को आधार से लिंक करना ज़रूरी नहीं है, भले ही उनके पास दोनों दस्तावेज़ हों:

1. 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिक (Super Senior Citizens)

  • नियम: वह व्यक्ति जिनकी आयु पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष या उससे अधिक रही हो।


  • स्थिति: ऐसे सुपर सीनियर सिटिजन्स को पैन को आधार से लिंक करने की ज़रूरत नहीं है। उनकी उम्र और वित्तीय आवश्यकताओं को देखते हुए उन्हें यह राहत दी गई है।

  • 2. अनिवासी भारतीय (Non-Resident Indians – NRIs)

    • नियम: आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार जो व्यक्ति अनिवासी (Non-Resident) की श्रेणी में आते हैं।

    • स्थिति: भारत से बाहर रहने वाले और कानूनी रूप से अनिवासी माने जाने वाले भारतीयों को इस लिंकिंग से छूट प्राप्त है। हालाँकि, यह सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अपने अधिकारिता मूल्यांकन अधिकारी (Jurisdictional Assessing Officer) को अपनी अनिवासी स्थिति के बारे में सूचित करना पड़ सकता है।

    3. भारत के नागरिक नहीं (Not a Citizen of India)

    • नियम: वह व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है (यानी विदेशी नागरिक)।


  • स्थिति: विदेशी नागरिकों के पास भारत में वित्तीय लेनदेन के लिए पैन हो सकता है, लेकिन उन्हें आधार से लिंक करना अनिवार्य नहीं है।

  • 4. कुछ विशेष राज्यों के निवासी

    • नियम: वह व्यक्ति जो असम, मेघालय और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर राज्यों में निवास करते हैं।

    • स्थिति: इन भौगोलिक क्षेत्रों के निवासियों को भी विशिष्ट प्रशासनिक कारणों से यह छूट प्रदान की गई है।

    ध्यान दें: यह छूट सरकारी अधिसूचना संख्या 37/2017 (दिनांक 11 मई 2017) और समय-समय पर जारी होने वाले अन्य परिपत्रों के तहत प्रदान की गई है।

    क्या होगा अगर आप छूट प्राप्त श्रेणी में हैं, लेकिन लिंक करना चाहें?

    यदि आप ऊपर दी गई छूट प्राप्त श्रेणियों में से किसी एक में आते हैं, लेकिन फिर भी स्वेच्छा से अपने पैन को आधार से लिंक करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं। हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना होगा कि लिंकिंग की प्रक्रिया के दौरान जुर्माना राशि (वर्तमान में ₹1,000) का भुगतान करना पड़ सकता है, क्योंकि लिंकिंग की अंतिम समय सीमा (अधिकतर मामलों में 30 जून 2023 या 31 मई 2024) पहले ही बीत चुकी है।


    यदि आपका पैन निष्क्रिय हो गया है तो क्या करें?

    यदि आप छूट प्राप्त श्रेणी में नहीं हैं और आपने अंतिम समय सीमा तक लिंक नहीं किया था, तो आपका पैन कार्ड 1 जुलाई 2023 (या निर्दिष्ट नवीनतम तिथि) से निष्क्रिय (inoperative) हो गया होगा।

    निष्क्रिय पैन के परिणाम:

    • आपको आयकर रिफंड जारी नहीं किया जाएगा।

    • आपको रिफंड पर ब्याज नहीं मिलेगा।

    • आपका टीडीएस (TDS) और टीसीएस (TCS) उच्च दर पर काटा जाएगा (धारा 206AA और 206CC के अनुसार)।

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  • आप बैंक खाता खोलने, ₹50,000 से अधिक जमा करने, या अचल संपत्ति खरीदने जैसे कई महत्वपूर्ण वित्तीय लेनदेन नहीं कर पाएंगे।

  • पैन को सक्रिय करने का तरीका:

    1. आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएँ।

    2. सबसे पहले ₹1,000 का शुल्क भरें (चालान 280 के माध्यम से)।

    3. भुगतान के बाद, 'लिंक आधार' विकल्प पर जाकर पैन और आधार नंबर दर्ज करें।


  • सफल लिंकिंग के बाद, आपका पैन लगभग 30 दिनों के भीतर फिर से सक्रिय (operative) हो जाएगा।

  • यदि आप छूट प्राप्त व्यक्तियों की सूची में शामिल नहीं हैं और आपका पैन अभी भी निष्क्रिय है, तो आपको जल्द से जल्द जुर्माना भरकर अपने पैन को आधार से लिंक कराना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि आपके सभी वित्तीय लेनदेन बिना किसी बाधा के चलते रहें और आपको उच्च टीडीएस/टीसीएस कटौती का सामना न करना पड़े। यदि आप छूट प्राप्त श्रेणी में आते हैं, तो भी आप निश्चिंत होने के लिए आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपनी 'लिंक आधार स्थिति' की जाँच कर सकते हैं।



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