रिटायरमेंट के बाद नियमित आय: सीनियर सिटिजन्स को मिलेगी ₹1.5 लाख पेंशन, जानें कैसे
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रिटायरमेंट के बाद नियमित आय की समस्या से जूझ रहे वरिष्ठ नागरिकों के लिए भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की रिवर्स मॉर्टगेज योजना एक वरदान साबित हो सकती है। इस स्कीम के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अपने घर को गिरवी रखकर बिना बेदखली के मासिक, तिमाही या एकमुश्त राशि प्राप्त कर सकते हैं। निवेश बैंकर सार्थक आहूजा द्वारा साझा उदाहरण के अनुसार, 4 करोड़ के घर पर 60 वर्षीय दंपति को 20 वर्ष तक लगभग ₹1.5 लाख मासिक मिल सकता है, जो पूरी तरह टैक्स मुक्त है। यह योजना हाउस-रिच लेकिन कैश-पुअर व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
रिवर्स मॉर्टगेज योजना क्या है? (What is Reverse Mortgage Scheme?)
रिवर्स मॉर्टगेज एक विशेष प्रकार की ऋण व्यवस्था है जो 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजाइन की गई है। इस योजना में बुजुर्ग अपने स्व-अर्जित आवासीय संपत्ति को बैंक के पास गिरवी रखते हैं। बदले में, बैंक उन्हें मासिक किस्तों, तिमाही भुगतान या एकमुश्त राशि के रूप में धन उपलब्ध कराता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जीवनकाल के दौरान किसी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ता और प्राप्त धन को आयकर विभाग द्वारा कर-मुक्त माना जाता है। सार्थक आहूजा ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया कि यदि किसी दंपति के पास 4 करोड़ रुपये मूल्य का आवास है और उनकी आयु 60 वर्ष है, तो बैंक संपत्ति मूल्य का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा 20 वर्षों तक मासिक किश्तों में दे सकता है। इससे वरिष्ठों को प्रति माह लगभग ₹1.5 लाख की स्थिर आय सुनिश्चित हो सकती है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), एचडीएफसी, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई बैंक यह स्कीम उपलब्ध कराते हैं। आवेदन के लिए ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स में –
SBI, PNB, HDFC, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे कई बैंक यह योजना संचालित कर रहे हैं। आवेदन के लिए पहचान पत्र, पते का प्रमाण, संपत्ति के दस्तावेज और कानूनी उत्तराधिकारियों की सूची जमा करनी होती है। बैंक संपत्ति का मूल्यांकन करके और बीमा कवर के बाद भुगतान शुरू कर देते हैं।
रिवर्स मॉर्टगेज योजना क्या है? (What is Reverse Mortgage Scheme?)
रिवर्स मॉर्टगेज एक विशेष प्रकार की ऋण व्यवस्था है जो 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजाइन की गई है। इस योजना में बुजुर्ग अपने स्व-अर्जित आवासीय संपत्ति को बैंक के पास गिरवी रखते हैं। बदले में, बैंक उन्हें मासिक किस्तों, तिमाही भुगतान या एकमुश्त राशि के रूप में धन उपलब्ध कराता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जीवनकाल के दौरान किसी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ता और प्राप्त धन को आयकर विभाग द्वारा कर-मुक्त माना जाता है। सार्थक आहूजा ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया कि यदि किसी दंपति के पास 4 करोड़ रुपये मूल्य का आवास है और उनकी आयु 60 वर्ष है, तो बैंक संपत्ति मूल्य का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा 20 वर्षों तक मासिक किश्तों में दे सकता है। इससे वरिष्ठों को प्रति माह लगभग ₹1.5 लाख की स्थिर आय सुनिश्चित हो सकती है।
स्कीम की प्रमुख खूबियां
- जीवनभर घर में रहने का अधिकार बना रहता है।
- मृत्यु के बाद वारिस बैंक का बकाया चुका कर घर वापस ले सकते हैं।
- चाहें तो घर बेचकर कर्ज चुकाने के बाद बची रकम अपने पास रख सकते हैं।
- विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी, जिनके पास घर है लेकिन नियमित आय नहीं है।
आवेदन प्रक्रिया
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), एचडीएफसी, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई बैंक यह स्कीम उपलब्ध कराते हैं। आवेदन के लिए ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स में –
- पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ
- संपत्ति के मूल दस्तावेज
- कानूनी उत्तराधिकारियों की सूची
- शामिल होते हैं। बैंक संपत्ति का मूल्यांकन और बीमा कवर तय करने के बाद भुगतान शुरू कर देता है।
लाभ कैसे उठाएं?
SBI, PNB, HDFC, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे कई बैंक यह योजना संचालित कर रहे हैं। आवेदन के लिए पहचान पत्र, पते का प्रमाण, संपत्ति के दस्तावेज और कानूनी उत्तराधिकारियों की सूची जमा करनी होती है। बैंक संपत्ति का मूल्यांकन करके और बीमा कवर के बाद भुगतान शुरू कर देते हैं।
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