SBI की ग्राहकों को बड़ी चेतावनी: UPI यूज़र्स हो जाएं सावधान, ये छोटी ग़लती आपको कर सकती है कंगाल
आज के दौर में देश में डिजिटल लेनदेन की रफ़्तार तेज़ी से बढ़ रही है। UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने हमारी ज़िंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) के तरीकों में भी चिंताजनक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसी के मद्देनजर, देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने करोड़ों ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। बैंक ने साफ़ कहा है कि UPI प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स को पहले से कहीं ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है, क्योंकि साइबर अपराधी लोगों को फंसाने के लिए लगातार नए तरीके अपना रहे हैं।
SBI ने ग्राहकों को क्यों किया अलर्ट?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने पूरे देश में अपने लाखों ग्राहकों को टेक्स्ट मैसेज (SMS) के जरिए अलर्ट किया है। बैंक ने सलाह दी है कि खाते में आए किसी भी अज्ञात डिपॉज़िट (unidentified deposit) पर भरोसा न करें और न ही तुरंत पैसे वापस करने के लिए दबाव में आएं। बैंक के अनुसार, कई स्कैमर धोखाधड़ी वाली रिक्वेस्ट भेजकर ग्राहकों के भरोसे का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। किसी भी अपरिचित या अप्रमाणित UPI रिक्वेस्ट को मंज़ूरी देने से बड़ा वित्तीय नुकसान हो सकता है।
SBI ने स्पष्ट किया है कि बिना सत्यापन (verification) के किसी भी परिस्थिति में UPI रिक्वेस्ट को अप्रूव नहीं करना चाहिए। बैंक ने ग्राहकों से आग्रह किया है कि वे डिजिटल लेनदेन के दौरान किसी भी अज्ञात लिंक, कॉल या मैसेज से सावधान रहें।
बढ़ते डिजिटल फ्रॉड ने बढ़ाई चिंता
डिजिटल भुगतान प्रणालियों के विस्तार के साथ ही, देश में साइबर अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोज़ाना लाखों लोग UPI के ज़रिए भुगतान कर रहे हैं, लेकिन धोखेबाजों के तरीके भी अधिक परिष्कृत (sophisticated) हो गए हैं। ऐसे माहौल में, बैंक और सरकारी संस्थाएं लगातार जागरूकता अभियान चला रही हैं ताकि आम जनता अपने वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित रख सके।
फ़र्ज़ी UPI ऐप्स के ज़रिए होने वाला धोखा
हाल के दिनों में फ़र्ज़ी UPI ऐप्स का प्रचलन बढ़ा है, जो दिखने में बिलकुल असली लगते हैं। अनजाने ग्राहक अक्सर इन फ़र्ज़ी ऐप्स का शिकार हो जाते हैं। साइबर अपराधी एक फ़र्ज़ी एप्लिकेशन का उपयोग करके ग्राहक के नंबर पर एक फ़र्ज़ी लेनदेन दिखाते हैं और उस लेनदेन का एक स्क्रीनशॉट ले लेते हैं। इसके बाद, वे बैंक के नाम पर ग्राहक के नंबर पर फ़र्ज़ी मैसेज भेजते हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि उनके खाते में पैसा जमा हो गया है।
जब ग्राहक भ्रमित हो जाते हैं, तो स्कैमर उन्हें कॉल करके सत्यापन की पेशकश करते हुए धोखा देने की कोशिश करते हैं। कई मामलों में, लोग इस धोखे का शिकार हो जाते हैं और अपनी बैंकिंग जानकारी साझा कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनके खातों से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
सुरक्षा की कुंजी है सावधानी
UPI इस्तेमाल करने में आसान और तेज़ है, लेकिन इसमें जोखिम भी शामिल है। यूज़र्स को यह समझना चाहिए कि बैंक कभी भी ग्राहकों से उनका पासवर्ड, UPI पिन या OTP साझा करने के लिए नहीं कहते हैं। बिना पुष्टि किए किसी भी लेनदेन को स्वीकार करने से वित्तीय नुकसान हो सकता है। SBI की यह चेतावनी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सही समय पर बरती गई सतर्कता ही सबसे मजबूत सुरक्षा है। अपने पैसों को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा अज्ञात अनुरोधों को अनदेखा करें और अपने बैंकिंग विवरण किसी के साथ साझा न करें।
SBI ने ग्राहकों को क्यों किया अलर्ट?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने पूरे देश में अपने लाखों ग्राहकों को टेक्स्ट मैसेज (SMS) के जरिए अलर्ट किया है। बैंक ने सलाह दी है कि खाते में आए किसी भी अज्ञात डिपॉज़िट (unidentified deposit) पर भरोसा न करें और न ही तुरंत पैसे वापस करने के लिए दबाव में आएं। बैंक के अनुसार, कई स्कैमर धोखाधड़ी वाली रिक्वेस्ट भेजकर ग्राहकों के भरोसे का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। किसी भी अपरिचित या अप्रमाणित UPI रिक्वेस्ट को मंज़ूरी देने से बड़ा वित्तीय नुकसान हो सकता है।
SBI ने स्पष्ट किया है कि बिना सत्यापन (verification) के किसी भी परिस्थिति में UPI रिक्वेस्ट को अप्रूव नहीं करना चाहिए। बैंक ने ग्राहकों से आग्रह किया है कि वे डिजिटल लेनदेन के दौरान किसी भी अज्ञात लिंक, कॉल या मैसेज से सावधान रहें।
बढ़ते डिजिटल फ्रॉड ने बढ़ाई चिंता
डिजिटल भुगतान प्रणालियों के विस्तार के साथ ही, देश में साइबर अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोज़ाना लाखों लोग UPI के ज़रिए भुगतान कर रहे हैं, लेकिन धोखेबाजों के तरीके भी अधिक परिष्कृत (sophisticated) हो गए हैं। ऐसे माहौल में, बैंक और सरकारी संस्थाएं लगातार जागरूकता अभियान चला रही हैं ताकि आम जनता अपने वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित रख सके।
फ़र्ज़ी UPI ऐप्स के ज़रिए होने वाला धोखा
हाल के दिनों में फ़र्ज़ी UPI ऐप्स का प्रचलन बढ़ा है, जो दिखने में बिलकुल असली लगते हैं। अनजाने ग्राहक अक्सर इन फ़र्ज़ी ऐप्स का शिकार हो जाते हैं। साइबर अपराधी एक फ़र्ज़ी एप्लिकेशन का उपयोग करके ग्राहक के नंबर पर एक फ़र्ज़ी लेनदेन दिखाते हैं और उस लेनदेन का एक स्क्रीनशॉट ले लेते हैं। इसके बाद, वे बैंक के नाम पर ग्राहक के नंबर पर फ़र्ज़ी मैसेज भेजते हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि उनके खाते में पैसा जमा हो गया है।
जब ग्राहक भ्रमित हो जाते हैं, तो स्कैमर उन्हें कॉल करके सत्यापन की पेशकश करते हुए धोखा देने की कोशिश करते हैं। कई मामलों में, लोग इस धोखे का शिकार हो जाते हैं और अपनी बैंकिंग जानकारी साझा कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनके खातों से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
सुरक्षा की कुंजी है सावधानी
UPI इस्तेमाल करने में आसान और तेज़ है, लेकिन इसमें जोखिम भी शामिल है। यूज़र्स को यह समझना चाहिए कि बैंक कभी भी ग्राहकों से उनका पासवर्ड, UPI पिन या OTP साझा करने के लिए नहीं कहते हैं। बिना पुष्टि किए किसी भी लेनदेन को स्वीकार करने से वित्तीय नुकसान हो सकता है। SBI की यह चेतावनी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सही समय पर बरती गई सतर्कता ही सबसे मजबूत सुरक्षा है। अपने पैसों को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा अज्ञात अनुरोधों को अनदेखा करें और अपने बैंकिंग विवरण किसी के साथ साझा न करें।
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