SIP का जादू: क्यों 14% रिटर्न वाला निवेशक 10% वाले से पीछे रह गया?
ज्यादातर निवेशकों के लिए निवेश का फैसला केवल एक ही बात पर टिका होता है और वह है 'रिटर्न'। लोगों का पूरा ध्यान हमेशा इस बात पर रहता है कि किस फंड ने सबसे ज्यादा मुनाफा दिया या किस रणनीति ने बाजार को पीछे छोड़ दिया। लेकिन लंबे समय के निवेश में यह जुनून अक्सर एक बड़े सच को छिपा देता है। सच यह है कि रिटर्न अनिश्चित है और आपके नियंत्रण से बाहर है, लेकिन आप कितना निवेश करते हैं, यह पूरी तरह आपके हाथ में है।
दो निवेशकों की कहानी: रिटर्न बनाम योगदान
इसे समझने के लिए 20 साल के दो अलग-अलग सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की तुलना करते हैं।
मान लीजिए दो निवेशक ₹5,000 प्रति माह से शुरुआत करते हैं। पहले मामले में निवेशक अपनी राशि को पूरे 20 साल तक नहीं बदलता और उसे 14% का सालाना रिटर्न मिलता है। दूसरे मामले में निवेशक को केवल 10% का रिटर्न मिलता है, लेकिन वह हर साल अपने निवेश में 10% की बढ़ोतरी (Step-up) करता है।
पहली नजर में ज्यादा रिटर्न वाला विकल्प बेहतर लगता है। लेकिन चौंकाने वाला सच यह है कि कम रिटर्न मिलने के बावजूद दूसरा निवेशक अंत में लगभग ₹15 लाख ज्यादा फंड जमा कर लेता है। इसका कारण बहुत सीधा है। निवेश की राशि में लगातार बढ़ोतरी भी उतनी ही ताकत से बढ़ती है जितनी कि रिटर्न की दर।
जब रिटर्न और बढ़ता निवेश साथ मिलते हैं
अब एक और स्थिति पर गौर करें। यदि निवेशक न केवल सालाना 10% की बढ़ोतरी करता है बल्कि उसे 14% का रिटर्न भी मिलता है, तो 20 साल में उसका कुल फंड बढ़कर करीब ₹1.13 करोड़ हो जाता है। यह स्पष्ट करता है कि रिटर्न भले ही आपकी संपत्ति बढ़ाने की गति को तेज करता है, लेकिन निवेश की बढ़ती राशि वह आधार तैयार करती है जिस पर कंपाउंडिंग का जादू काम करता है।
अनुशासन ही असली ताकत है
कई निवेशक यह तर्क दे सकते हैं कि बड़ा फंड इसलिए बना क्योंकि पैसा ज्यादा निवेश किया गया था। यह बात बिल्कुल सही है और यही इस पूरी चर्चा का सबसे बड़ा सबक भी है। मार्केट का रिटर्न घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन अपने SIP योगदान को बढ़ाना एक सोचा-समझा और दोहराया जाने वाला कदम है।
समय के साथ आय बढ़ने के साथ SIP को धीरे-धीरे बढ़ाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यह हर साल सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले फंड को खोजने के दबाव को कम करता है और आक्रामक रिटर्न की उम्मीद किए बिना संपत्ति को स्थिरता से बढ़ने देता है।
लंबे समय में वेल्थ क्रिएशन इस बात पर कम निर्भर करता है कि आपने 'परफेक्ट' निवेश चुना है या नहीं, बल्कि इस बात पर ज्यादा निर्भर करता है कि आप कितने अनुशासित हैं। अपनी SIP में हर साल मामूली बढ़ोतरी शुरू में छोटी लग सकती है, लेकिन भविष्य में यह आपके अंतिम फंड में एक बहुत बड़ा अंतर पैदा कर सकती है।
दो निवेशकों की कहानी: रिटर्न बनाम योगदान
इसे समझने के लिए 20 साल के दो अलग-अलग सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की तुलना करते हैं।मान लीजिए दो निवेशक ₹5,000 प्रति माह से शुरुआत करते हैं। पहले मामले में निवेशक अपनी राशि को पूरे 20 साल तक नहीं बदलता और उसे 14% का सालाना रिटर्न मिलता है। दूसरे मामले में निवेशक को केवल 10% का रिटर्न मिलता है, लेकिन वह हर साल अपने निवेश में 10% की बढ़ोतरी (Step-up) करता है।
पहली नजर में ज्यादा रिटर्न वाला विकल्प बेहतर लगता है। लेकिन चौंकाने वाला सच यह है कि कम रिटर्न मिलने के बावजूद दूसरा निवेशक अंत में लगभग ₹15 लाख ज्यादा फंड जमा कर लेता है। इसका कारण बहुत सीधा है। निवेश की राशि में लगातार बढ़ोतरी भी उतनी ही ताकत से बढ़ती है जितनी कि रिटर्न की दर।
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जब रिटर्न और बढ़ता निवेश साथ मिलते हैं
अब एक और स्थिति पर गौर करें। यदि निवेशक न केवल सालाना 10% की बढ़ोतरी करता है बल्कि उसे 14% का रिटर्न भी मिलता है, तो 20 साल में उसका कुल फंड बढ़कर करीब ₹1.13 करोड़ हो जाता है। यह स्पष्ट करता है कि रिटर्न भले ही आपकी संपत्ति बढ़ाने की गति को तेज करता है, लेकिन निवेश की बढ़ती राशि वह आधार तैयार करती है जिस पर कंपाउंडिंग का जादू काम करता है। अनुशासन ही असली ताकत है
कई निवेशक यह तर्क दे सकते हैं कि बड़ा फंड इसलिए बना क्योंकि पैसा ज्यादा निवेश किया गया था। यह बात बिल्कुल सही है और यही इस पूरी चर्चा का सबसे बड़ा सबक भी है। मार्केट का रिटर्न घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन अपने SIP योगदान को बढ़ाना एक सोचा-समझा और दोहराया जाने वाला कदम है।समय के साथ आय बढ़ने के साथ SIP को धीरे-धीरे बढ़ाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यह हर साल सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले फंड को खोजने के दबाव को कम करता है और आक्रामक रिटर्न की उम्मीद किए बिना संपत्ति को स्थिरता से बढ़ने देता है।
लंबे समय में वेल्थ क्रिएशन इस बात पर कम निर्भर करता है कि आपने 'परफेक्ट' निवेश चुना है या नहीं, बल्कि इस बात पर ज्यादा निर्भर करता है कि आप कितने अनुशासित हैं। अपनी SIP में हर साल मामूली बढ़ोतरी शुरू में छोटी लग सकती है, लेकिन भविष्य में यह आपके अंतिम फंड में एक बहुत बड़ा अंतर पैदा कर सकती है।









