शिक्षक नहीं जल्लाद! बेंगलुरु में स्कूल प्रिंसिपल ने पाइप से बच्चे को पीटा, पुलिस जांच शुरू
बेंगलुरु के एक नामी स्कूल में पढ़ने वाले एक मासूम बच्चे के साथ हुई यह घटना हर किसी को झकझोर रही है। यह घटना तब हुई जब बच्चा दो दिन की छुट्टी के बाद 14 अक्टूबर को स्कूल आया था। यह अमानवीय व्यवहार जब सामने आया तब स्कूल प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए।
यह मामला बेंगलुरु के एक प्राइवेट स्कूल का है। कक्षा 5 का छात्र जब 14 अक्टूबर को स्कूल आया तब उसे उसके शिक्षक ने सजा के तौर पर बच्चे को दो घंटे तक दीवार के पास खड़ा रहने को कहा गया और फिर उन्होंने बच्चे को प्रिंसिपल रूम में बुलाया और वहां CPVC की पाइप से कई बार मारा। जब छात्र ने भागने की कोशिश की तब भी यह हिंसा जारी रही, क्योंकि कथित तौर पर शिक्षक ने प्रिंसिपल को उसे और मारने का निर्देश दिया। इस युवा छात्र को चोटें आईं हैं और वह वर्तमान में चिकित्सा उपचार ले रहा है। यह छात्र तीन साल से इसी स्कूल में पढ़ रहा है और उसका बड़ा भाई भी इसी स्कूल में नामांकित है। बच्चे के शरीर पर कई जगह निशान पड़ गए, खासकर पीठ और हाथों पर। परिवार को जब पता चला तो वे स्कूल पहुंचे, लेकिन प्रिंसिपल ने कोई सफाई नहीं दी।
बच्चे के माता-पिता ने बताया कि जब वह घर लौटा तो उसके शरीर पर चोट के निशान साफ दिख रहे थे। उन्होंने स्कूल से सवाल किए, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने गलती मानने के बजाय कहा कि वे ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेकर बच्चे को कहीं और दाखिला दिला दें।
कामाक्षीपाल्य पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) की धारा 75 (बच्चों पर क्रूरता) और भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 118 और 351 (खतरनाक हथियार से चोट पहुँचाना और आपराधिक डराना) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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घटना की पूरी कहानी
यह मामला बेंगलुरु के एक प्राइवेट स्कूल का है। कक्षा 5 का छात्र जब 14 अक्टूबर को स्कूल आया तब उसे उसके शिक्षक ने सजा के तौर पर बच्चे को दो घंटे तक दीवार के पास खड़ा रहने को कहा गया और फिर उन्होंने बच्चे को प्रिंसिपल रूम में बुलाया और वहां CPVC की पाइप से कई बार मारा। जब छात्र ने भागने की कोशिश की तब भी यह हिंसा जारी रही, क्योंकि कथित तौर पर शिक्षक ने प्रिंसिपल को उसे और मारने का निर्देश दिया। इस युवा छात्र को चोटें आईं हैं और वह वर्तमान में चिकित्सा उपचार ले रहा है। यह छात्र तीन साल से इसी स्कूल में पढ़ रहा है और उसका बड़ा भाई भी इसी स्कूल में नामांकित है। बच्चे के शरीर पर कई जगह निशान पड़ गए, खासकर पीठ और हाथों पर। परिवार को जब पता चला तो वे स्कूल पहुंचे, लेकिन प्रिंसिपल ने कोई सफाई नहीं दी।
परिवार की प्रतिक्रिया
बच्चे के माता-पिता ने बताया कि जब वह घर लौटा तो उसके शरीर पर चोट के निशान साफ दिख रहे थे। उन्होंने स्कूल से सवाल किए, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने गलती मानने के बजाय कहा कि वे ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेकर बच्चे को कहीं और दाखिला दिला दें।
पुलिस की कार्रवाई
कामाक्षीपाल्य पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) की धारा 75 (बच्चों पर क्रूरता) और भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 118 और 351 (खतरनाक हथियार से चोट पहुँचाना और आपराधिक डराना) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।