दिवाली की रात ने दिल्ली में बढ़ाई प्रदूषण की समस्या, AQI पहुंचा 344 के पार

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त्योहारों की चमक के बीच दिल्ली की हवा एक बार फिर धुएं की परतों में घिर गई। दिवाली की रात जब शहर में चारों ओर आतिशबाज़ी हुई, तो हवा की गुणवत्ता तेजी से नीचे गिरने लगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘ग्रीन पटाखे’ केवल रात 8 से 10 बजे तक जलाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन जश्न देर रात तक जारी रहा, जिसके चलते हवा में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया।
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वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पहुंचा खतरनाक स्तर पर


सोमवार रात 10 बजे तक, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 344 रहा, जिसे 'बहुत खराब' श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के SAMEER ऐप के आंकड़ों के अनुसार, चार स्टेशनों पर प्रदूषण का स्तर 400 के अंक को पार कर गया, जो 'गंभीर' श्रेणी को दर्शाता है। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में वज़ीरपुर (423), द्वारका (417), आनंद विहार (404) और अशोक विहार (404) शामिल थे। मंगलवार की सुबह, कोहरे की मोटी चादर ने शहर को ढक लिया, और दृश्यों में अक्षरधाम मंदिर भी आंशिक रूप से धुंध में छिपा हुआ दिखाई दिया।


24 घंटे का औसत और चेतावनी


दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 345 दर्ज किया गया, जो रविवार के 326 से अधिक था। दोपहर तक 31 स्टेशनों ने ‘बहुत खराब’ और 3 ने ‘गंभीर’ श्रेणी दर्ज की।
अधिकारियों का कहना है कि “हवा की गुणवत्ता आने वाले मंगलवार और बुधवार को और गिर सकती है, और कई क्षेत्र ‘गंभीर’ श्रेणी में जा सकते हैं।”


कानूनी पृष्ठभूमि और उपाय


15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति केवल सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक दी थी। इसके बावजूद, कई स्थानों पर देर रात तक पटाखे फूटे। इससे पहले, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने रविवार को GRAP स्टेज II लागू किया था, जो हवा की बिगड़ती स्थिति के पूर्वानुमान के आधार पर किया गया।


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