धौला कुआं BMW एक्सिडेंट: क्यों 22 किमी दूर ले जाया गया घायल अफसर

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राजधानी दिल्ली एक बार फिर एक दिल दहला देने वाले सड़क हादसे की गवाह बनी, जिसने एक अधिकारी की ज़िंदगी छीन ली। रविवार दोपहर धौला कुआं इलाके में हुए इस हादसे में एक तेज़ रफ़्तार बीएमडब्ल्यू कार ने बाइक सवार वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह और उनकी पत्नी को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए अपनी जाँच शुरू कर दी है।


हादसे की पूरी कहानी: कैसे हुई यह त्रासदी?


रविवार दोपहर करीब 2 बजे, नवजोत सिंह अपनी पत्नी के साथ बाइक से घर लौट रहे थे। जैसे ही वे दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन रोड पहुंचे, एक तेज रफ्तार BMW कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि बाइक सवार दंपत्ति दूर जा गिरे और BMW भी पलटकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

22 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने का रहस्य: क्या थी वजह?


इस मामले में सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला पहलू यह है कि आरोपी दंपत्ति ने घायलों को धौला कुआं से लगभग 22 किलोमीटर दूर मुखर्जी नगर स्थित एनयू लाइफ़ हॉस्पिटल में भर्ती कराया। इस फ़ैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि घटनास्थल के पास ही नारायणा, कीर्ति नगर और राजौरी गार्डन जैसे कई बड़े और बेहतर अस्पताल मौजूद हैं। यदि घायलों को समय पर इन अस्पतालों में पहुँचाया जाता, तो शायद नवजोत सिंह की जान बच सकती थी। नवजोत सिंह के बेटे ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इलाज में देरी के कारण ही उनके पिता की जान गई। पुलिस की शुरुआती जाँच से पता चला है कि आरोपी दंपत्ति ने घायलों को 22 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल इसलिए पहुँचाया क्योंकि वह उनके किसी परिचित का अस्पताल है।


पुलिस की सख्त कार्रवाई: दर्ज हुईं ये गंभीर धाराएं


दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कई गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज की है:

BNS 281: सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना।
BNS 105: गैर-इरादतन हत्या ( Culpable Homicide )।
BNS 125(b): लापरवाही से किया गया कार्य जिससे गंभीर चोट पहुँचे।
BNS 238: सबूत छिपाने या अपराधी को बचाने के लिए झूठी जानकारी देना।


बड़ा सवाल


यह हादसा न केवल तेज रफ्तार और लापरवाही की देन था बल्कि इलाज में देरी ने भी एक अफसर की जान छीन ली। अब पुलिस की जांच से यह साफ होगा कि आरोपी दंपत्ति ने जानबूझकर घायलों को दूर अस्पताल क्यों ले जाया और इस देरी में कितनी जिम्मेदारी उनकी बनती है।