दिवाली की चमक के बाद धुंध की मार, दिल्ली में हवा पहुंची ‘बहुत खराब’ स्तर पर
सर्दियों की शुरुआत होते ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर बढ़ गया है। ठंडी हवाओं और कम हवा की गति के कारण जहरीली हवा जमीन के करीब ठहर रही है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट बताती है कि गुरुवार सुबह शहर का समग्र एक्यूआई 362 पर पहुंच गया, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रहा है। आइए जानते हैं इस समस्या की गहराई और इससे जुड़े तथ्यों को।
दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हवा की गुणवत्ता का आकलन करने पर पता चलता है कि ज्यादातर जगहों पर स्थिति "बहुत खराब" है। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के आरके पुरम में सुबह 6 बजे एक्यूआई 362 दर्ज किया गया। पटपड़गंज में यह 361 रहा, जबकि इंडिया गेट के आसपास 353 और AIIMS क्षेत्र में 342 मापा गया। अक्षरधाम मंदिर के पास 350 और आनंद विहार में तो 428 तक पहुंच गया, जो "गंभीर" श्रेणी में है। ये आंकड़े बताते हैं कि प्रदूषण पूरे शहर को घेर चुका है।
दिवाली मनाने के ठीक अगले दिन मंगलवार को दिल्ली का समग्र एक्यूआई दोपहर 4 बजे 351 था, जो "बहुत खराब" ही रहा। त्योहार के बाद पटाखों का धुआं और मौसम की मार ने हवा को और जहरीला बना दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्द हवाएं ऊपर नहीं उठ पातीं, इसलिए प्रदूषण नीचे ही जमा हो जाता है। इससे पहले दिवाली से ठीक पहले ही एक्यूआई में बढ़ोतरी शुरू हो गई थी।
बढ़ते प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा कमजोर वर्गों को हो रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि एलर्जी और फेफड़ों के मरीजों को सतर्क रहना चाहिए। अपोलो हॉस्पिटल्स के श्वसन चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. निखिल मोदी ने कहा, "As winter approaches every year, we see the AQI start to rise because as the air cools, the wind speed decreases, and cold air does not rise, causing pollution to accumulate at lower levels. Before Diwali, we began to notice that the AQI was increasing, and after Diwali, it was anticipated that the AQI would continue to rise. As soon as pollution increases, people with allergies and lung problems face issues like difficulty in breathing, coughing, watery eyes, and other symptoms."
एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (सीएक्यूएम) ने हाल ही में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के स्टेज-II को लागू करने का फैसला किया। रविवार को हुई समीक्षा बैठक में मौसम पूर्वानुमान के आधार पर 12-सूत्री कार्रवाई योजना शुरू की गई, ताकि प्रदूषण और न बिगड़े। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को बताया कि निर्माण कार्य में 21 प्रतिशत की वृद्धि और नई गाड़ियों के पंजीकरण में 8 प्रतिशत बढ़ोतरी के बावजूद प्रदूषण स्थिर रहा है। उन्होंने पिछले वर्षों से तुलना भी की: 2020 (आप सरकार के तहत) में एक्यूआई 462, 2024 में 360 और 2025 में 351। यह सुधार प्रयासों का नतीजा है।
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प्रमुख इलाकों में एक्यूआई AQI का स्तर
दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हवा की गुणवत्ता का आकलन करने पर पता चलता है कि ज्यादातर जगहों पर स्थिति "बहुत खराब" है। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के आरके पुरम में सुबह 6 बजे एक्यूआई 362 दर्ज किया गया। पटपड़गंज में यह 361 रहा, जबकि इंडिया गेट के आसपास 353 और AIIMS क्षेत्र में 342 मापा गया। अक्षरधाम मंदिर के पास 350 और आनंद विहार में तो 428 तक पहुंच गया, जो "गंभीर" श्रेणी में है। ये आंकड़े बताते हैं कि प्रदूषण पूरे शहर को घेर चुका है।
दिवाली के बाद प्रदूषण की स्थिति
दिवाली मनाने के ठीक अगले दिन मंगलवार को दिल्ली का समग्र एक्यूआई दोपहर 4 बजे 351 था, जो "बहुत खराब" ही रहा। त्योहार के बाद पटाखों का धुआं और मौसम की मार ने हवा को और जहरीला बना दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्द हवाएं ऊपर नहीं उठ पातीं, इसलिए प्रदूषण नीचे ही जमा हो जाता है। इससे पहले दिवाली से ठीक पहले ही एक्यूआई में बढ़ोतरी शुरू हो गई थी।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और विशेषज्ञों की राय
बढ़ते प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा कमजोर वर्गों को हो रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि एलर्जी और फेफड़ों के मरीजों को सतर्क रहना चाहिए। अपोलो हॉस्पिटल्स के श्वसन चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. निखिल मोदी ने कहा, "As winter approaches every year, we see the AQI start to rise because as the air cools, the wind speed decreases, and cold air does not rise, causing pollution to accumulate at lower levels. Before Diwali, we began to notice that the AQI was increasing, and after Diwali, it was anticipated that the AQI would continue to rise. As soon as pollution increases, people with allergies and lung problems face issues like difficulty in breathing, coughing, watery eyes, and other symptoms."
सरकारी प्रयास और तुलना
एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (सीएक्यूएम) ने हाल ही में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के स्टेज-II को लागू करने का फैसला किया। रविवार को हुई समीक्षा बैठक में मौसम पूर्वानुमान के आधार पर 12-सूत्री कार्रवाई योजना शुरू की गई, ताकि प्रदूषण और न बिगड़े। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को बताया कि निर्माण कार्य में 21 प्रतिशत की वृद्धि और नई गाड़ियों के पंजीकरण में 8 प्रतिशत बढ़ोतरी के बावजूद प्रदूषण स्थिर रहा है। उन्होंने पिछले वर्षों से तुलना भी की: 2020 (आप सरकार के तहत) में एक्यूआई 462, 2024 में 360 और 2025 में 351। यह सुधार प्रयासों का नतीजा है।