गोरखपुर बैंक मनी मिस्ट्री: 10 साल से यूं ही पड़े हैं 260 करोड़,असली हकदार की खोज में शुरू करा अपनी पूंजी अपना अभियान
गोरखपुर शहर के बैंकों में करीब 260 करोड़ रुपये की राशि बिना किसी मालिक के पड़ी हुई है। ये पैसे सात लाख से ज्यादा निष्क्रिय खातों से जुड़े हैं, जहां सालों से कोई लेन-देन नहीं हुआ। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) इन पैसों को सही हकदारों तक पहुंचाने के लिए जुटा हुआ है। एक खास कैंप भी आयोजित किया जा रहा है, ताकि लोग अपने भूले-बिसरे पैसे वापस पा सकें। ये खबर न सिर्फ शहरवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे देश की वित्तीय जागरूकता को भी दर्शाती है।
शहर के विभिन्न बैंकों में कुल 259.37 करोड़ रुपये की राशि लावारिस पड़ी है। ये रकम 6,97,874 खातों से आती है, जो दस साल या उससे ज्यादा समय से बंद पड़े हैं। देशभर में ये समस्या और भी बड़ी है, जहां जून 2025 तक 67,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बिना दावा किए पड़ी हुई है। गोरखपुर में ये आंकड़े बताते हैं कि कई लोग अपने खातों को भूल जाते हैं या कहीं और चले जाते हैं। आरबीआई के अनुसार, ऐसे खाते 'निष्क्रिय' या 'लावारिस जमा' कहलाते हैं, और अंत में ये पैसे आरबीआई के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में चले जाते हैं।
इन खातों के निष्क्रिय होने की कई वजहें हैं। कई खाताधारक अपने पुराने खाते को भूलकर नए में शिफ्ट हो जाते हैं। कुछ लोग शहर छोड़कर कहीं दूर बस जाते हैं, जिससे संपर्क टूट जाता है। सबसे दुखद मामला उन लोगों का है, जो गुजर चुके हैं, लेकिन उनके वारिसों को इन खातों की जानकारी ही नहीं होती। आरबीआई इन दावेदारों को ढूंढने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर्स पर संपर्क कर रहा है। साथ ही, जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को अपने पैसे के हकदार होने की याद दिला रहा है। ये प्रयास दिखाते हैं कि छोटी सी लापरवाही से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है।
अपनी पूंजी वापस पाएं: आरबीआई का 'अपनी पूंजी अपना अभियान'
आरबीआई ने 'अपनी पूंजी अपना अभियान' के तहत लोगों को उनके हक का पैसा लौटाने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में 14 नवंबर 2025 को एक विशेष कैंप लगाया जा रहा है। इसमें आरबीआई के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसर शामिल होंगे। कैंप में लोग आसानी से अपने दावे कर सकेंगे। अगर आपका या आपके परिवार का कोई पुराना खाता निष्क्रिय है, तो ये मौका न छोड़ें। अभियान के जरिए न सिर्फ पैसे लौटाए जा रहे हैं, बल्कि वित्तीय साक्षरता भी बढ़ रही है।
पैसे वापस लेने का आसान तरीका: स्टेप बाय स्टेप गाइड
अगर आपको लगता है कि आपके पास कोई लावारिस राशि है, तो चिंता न करें। बैंक जाकर केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया पूरी करें, खाता सक्रिय हो जाएगा और पैसा मिल जाएगा। अगर खाताधारक का निधन हो चुका है, तो नामित व्यक्ति को मौत का प्रमाण पत्र और अपनी पहचान के कागज जमा करने होंगे। बैंक जल्द ही दावा निपटा देगा। बिना नामित के स्थिति में परिवार को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र लेना पड़ेगा। ये सरल कदम उठाकर आप अपना हक पा सकते हैं। आरबीआई की ये व्यवस्था निष्पक्ष और तेज है।
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निष्क्रिय खातों का बोझ: आंकड़ों की सच्चाई
शहर के विभिन्न बैंकों में कुल 259.37 करोड़ रुपये की राशि लावारिस पड़ी है। ये रकम 6,97,874 खातों से आती है, जो दस साल या उससे ज्यादा समय से बंद पड़े हैं। देशभर में ये समस्या और भी बड़ी है, जहां जून 2025 तक 67,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बिना दावा किए पड़ी हुई है। गोरखपुर में ये आंकड़े बताते हैं कि कई लोग अपने खातों को भूल जाते हैं या कहीं और चले जाते हैं। आरबीआई के अनुसार, ऐसे खाते 'निष्क्रिय' या 'लावारिस जमा' कहलाते हैं, और अंत में ये पैसे आरबीआई के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में चले जाते हैं।
क्यों पड़े हैं ये पैसे बेकार? वजहें और चुनौतियां
इन खातों के निष्क्रिय होने की कई वजहें हैं। कई खाताधारक अपने पुराने खाते को भूलकर नए में शिफ्ट हो जाते हैं। कुछ लोग शहर छोड़कर कहीं दूर बस जाते हैं, जिससे संपर्क टूट जाता है। सबसे दुखद मामला उन लोगों का है, जो गुजर चुके हैं, लेकिन उनके वारिसों को इन खातों की जानकारी ही नहीं होती। आरबीआई इन दावेदारों को ढूंढने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर्स पर संपर्क कर रहा है। साथ ही, जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को अपने पैसे के हकदार होने की याद दिला रहा है। ये प्रयास दिखाते हैं कि छोटी सी लापरवाही से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है।
अपनी पूंजी वापस पाएं: आरबीआई का 'अपनी पूंजी अपना अभियान'
आरबीआई ने 'अपनी पूंजी अपना अभियान' के तहत लोगों को उनके हक का पैसा लौटाने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में 14 नवंबर 2025 को एक विशेष कैंप लगाया जा रहा है। इसमें आरबीआई के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसर शामिल होंगे। कैंप में लोग आसानी से अपने दावे कर सकेंगे। अगर आपका या आपके परिवार का कोई पुराना खाता निष्क्रिय है, तो ये मौका न छोड़ें। अभियान के जरिए न सिर्फ पैसे लौटाए जा रहे हैं, बल्कि वित्तीय साक्षरता भी बढ़ रही है।
पैसे वापस लेने का आसान तरीका: स्टेप बाय स्टेप गाइड
अगर आपको लगता है कि आपके पास कोई लावारिस राशि है, तो चिंता न करें। बैंक जाकर केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया पूरी करें, खाता सक्रिय हो जाएगा और पैसा मिल जाएगा। अगर खाताधारक का निधन हो चुका है, तो नामित व्यक्ति को मौत का प्रमाण पत्र और अपनी पहचान के कागज जमा करने होंगे। बैंक जल्द ही दावा निपटा देगा। बिना नामित के स्थिति में परिवार को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र लेना पड़ेगा। ये सरल कदम उठाकर आप अपना हक पा सकते हैं। आरबीआई की ये व्यवस्था निष्पक्ष और तेज है।









