दूध बेचकर करोड़ों कमाती हैं गुजरात की मणिबेन, जानें सफलता की कहानी

Hero Image
Share this article:
गुजरात की 65 वर्षीय मणिबेन जिन्होंने दूध बेचकर करोड़ों रुपये का कारोबार खड़ा किया है। बनासकांठा जिले की रहने वाली मणिबेन ने 2024-25 में ₹1.94 करोड़ का दूध बेचा है और अब उनका लक्ष्य ₹3 करोड़ तक पहुंचना है। उनकी सफलता यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत और सही तकनीक के उपयोग से कोई भी व्यक्ति पारंपरिक व्यवसाय में भी असाधारण सफलता हासिल कर सकता है। उनकी उपलब्धि ने न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि 16 परिवारों को रोजगार भी दिया है। गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने भी उनकी सराहना करते हुए गुजरात के डेयरी उद्योग में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया है।


गुजरात की मणिबेन: करोड़ों का कारोबार, दूध बेचने का हुनर


क्या आपने कभी सोचा है कि कोई व्यक्ति बिना किसी हाई-प्रोफाइल नौकरी के करोड़पति बन सकता है? गुजरात की 65 वर्षीय मणिबेन ने यह सच साबित कर दिखाया है। बनासकांठा जिले की रहने वाली मणिबेन ने दूध बेचकर एक ऐसा सफल कारोबार खड़ा किया है, जो कई बड़ी कंपनियों को टक्कर दे सकता है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सफलता केवल शिक्षा या बड़ी नौकरी से नहीं मिलती, बल्कि लगन और कड़ी मेहनत से भी हासिल की जा सकती है।

पशुपालन में आधुनिक तकनीक


मणिबेन अपनी गायों और भैंसों से दूध निकालने के लिए आधुनिक मशीनों का उपयोग करती हैं। उनके परिवार के सदस्य इस काम में सक्रिय रहते हैं और उनकी प्रेरणा से करीब 16 परिवार पशुपालन से जुड़े हैं।

You may also like



सफलता की राह: ₹1.94 करोड़ का कारोबार


मणिबेन ने 2024-25 वित्तीय वर्ष में 1,94,00,000 रुपये का दूध बेचकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। बनासकांठा जिले में वह दूध बेचने के मामले में दूसरे स्थान पर रही हैं। उनका यह अद्भुत प्रदर्शन दर्शाता है कि डेयरी व्यवसाय में कितनी संभावनाएं हैं। अब उन्होंने अपना अगला लक्ष्य निर्धारित किया है: इस साल ₹3 करोड़ का दूध बेचना। मणिबेन, जोसूंगभाई चौधरी स्थानीय पटेलवास (कसारा) दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति में प्रतिदिन 11,100 लीटर दूध की आपूर्ति करती हैं। इस काम को आसान बनाने के लिए, उन्होंने अपनी गायों और भैंसों का दूध निकालने के लिए आधुनिक मशीनों का भी उपयोग किया है।

एक परिवार से बढ़कर: 16 परिवारों को रोजगार


मणिबेन की सफलता सिर्फ उन तक सीमित नहीं है। उनका यह काम लगभग 16 परिवारों को आजीविका प्रदान करता है, जो उनके पशुपालन के काम में सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। उनके बेटे ने बताया कि 2011 में, उनके पास सिर्फ 10 भैंसें और 12 गायें थीं। आज, यह संख्या बढ़कर 230 से अधिक हो गई है। वे अब 100 और भैंसें खरीदकर अपने दूध उत्पादन को और बढ़ाना चाहते हैं, जिससे और भी लोगों को रोजगार मिल सके। गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने भी मणिबेन की प्रशंसा की और कहा कि “गुजरात पूरे भारत में सहकारी क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन गया है। प्रदेश के पशुपालक किसानों की उल्लेखनीय समृद्धि हो रही है। महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं और व्यापक समाज को प्रेरित कर रही हैं।"


आत्मनिर्भरता की मिसाल


मणिबेन ने यह साबित कर दिया कि बड़ी कमाई सिर्फ नौकरी या पढ़ाई पर निर्भर नहीं है। पशुपालन और मेहनत से भी समृद्धि पाई जा सकती है। उनकी सफलता न सिर्फ उनके परिवार बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा है।


Loving Newspoint? Download the app now
Newspoint