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गुरुग्राम में इंसानियत शर्मसार: चलती कार में महिला से दरिंदगी, गंभीर हालत में सड़क पर फेंका

दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद को जोड़ने वाली सड़क पर एक ऐसी वारदात सामने आई है जिसने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। एक महिला के साथ चलती कार में न केवल सामूहिक दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया गया, बल्कि आरोपियों ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उसे घायल अवस्था में चलती गाड़ी से बाहर फेंक दिया।
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वारदात की रूह कंपा देने वाली कहानी

यह घटना उस समय सामने आई जब गुरुग्राम और फरीदाबाद के मुख्य मार्ग पर राहगीरों ने एक महिला को लहूलुहान हालत में पड़ा देखा। शुरुआती जानकारी के अनुसार महिला को एक चलती कार से बाहर फेंका गया था। चश्मदीदों और पुलिस की रिपोर्ट बताती है कि हमलावरों ने महिला के साथ चलती गाड़ी के अंदर दरिंदगी की और फिर साक्ष्य मिटाने या उसे जान से मारने की नीयत से सड़क पर फेंककर फरार हो गए। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि रात के अंधेरे में शहर की सड़कें आज भी असुरक्षित बनी हुई हैं।

गंभीर चोटें और अस्पताल में संघर्ष

पीड़ित महिला को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत अत्यंत नाजुक बनी हुई है। बताया जा रहा है कि अपराधियों ने महिला के साथ मारपीट की और उसके चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं। चेहरे पर लगी ये चोटें हमलावरों की बर्बरता की गवाही दे रही हैं। डॉक्टरों की टीम महिला की जान बचाने की कोशिश कर रही है लेकिन फिलहाल वह बयान देने की स्थिति में नहीं है। इस तरह की शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना ने न केवल पीड़िता के शरीर को बल्कि समाज के भरोसे को भी गहरा जख्म दिया है।


पुलिस की कार्रवाई और सुरक्षा पर सवाल

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश तेज कर दी गई है। गुरुग्राम पुलिस उस रूट पर लगे तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि उस संदिग्ध गाड़ी की पहचान की जा सके। इसके साथ ही पुलिस उन रास्तों पर लगे मोबाइल टावरों का डेटा भी जुटा रही है ताकि संदिग्धों की लोकेशन का पता लगाया जा सके। हालांकि, इस घटना ने पुलिस गश्त और सड़कों पर सुरक्षा के दावों की पोल खोलकर रख दी है।

क्या सुरक्षित हैं शहर की सड़कें?

गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे आधुनिक शहरों में जहां हर चौराहे पर कैमरे और सुरक्षा का दम भरा जाता है, वहां ऐसी घटना होना बेहद चिंताजनक है। यह महज एक आपराधिक मामला नहीं है बल्कि हमारे समाज की गिरती मानसिकता और कानून के प्रति खत्म होते डर का परिणाम है। सड़कों पर बढ़ता अपराध और महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर हम अपनी बेटियों के लिए कैसा माहौल तैयार कर रहे हैं।


समाज और प्रशासन को अब केवल निंदा करने से ऊपर उठकर ठोस कदम उठाने होंगे। सड़कों पर लाइटिंग की उचित व्यवस्था, नियमित पुलिस पेट्रोलिंग और अपराधियों के मन में कानून का सख्त डर ही इस तरह की वारदातों को रोक सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिले और इन दरिंदों को ऐसी सजा दी जाए जो आने वाले समय में एक मिसाल बने।