शिवाजी महाराज के रूप में शख्स का मराठी पर विवाद, गार्ड से बहस का वीडियो वायरल
महाराष्ट्र के ऐतिहासिक वसाई किले (Vasai Fort) में एक नया भाषा विवाद सामने आया है। एक व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की वेशभूषा पहनकर किला परिसर में एक छोटा वीडियो (रील) शूट करने आया था। किले के एक सुरक्षा गार्ड ने उसे बिना अनुमति शूटिंग करने से रोका। इसके बाद दोनों के बीच शुरू हुई बहस जल्द ही 'हिंदी बनाम मराठी' के विवाद में बदल गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस विवाद ने क्षेत्रीय भाषा के सम्मान और सार्वजनिक व्यवहार पर एक नई बहस को जन्म दिया है।
विवाद तब शुरू हुआ जब गार्ड ने उस व्यक्ति को किले के अंदर वीडियोग्राफी शुरू करने से पहले ही रोक दिया और कहा कि उसके पास शूटिंग की अनुमति नहीं है। बहस के दौरान, जब उस शख्स ने गार्ड से हिंदी में बात की, तो गार्ड ने भी जवाब हिंदी में दिया।
शख्स का आरोप: व्यक्ति इस बात से नाराज़ हो गया कि गार्ड ने मराठी में बात करने से मना कर दिया और स्वीकार किया कि उसे मराठी नहीं आती। शख्स ने गार्ड से गुस्से में कहा, “मैंने तुम्हें हिंदी में सम्मान से बात की; तुम्हें मराठी बोलकर महाराष्ट्र का सम्मान करना चाहिए।”
गार्ड की प्रतिक्रिया: गार्ड ने विनम्रता से जवाब दिया कि वह पिछले दो साल से वहाँ काम कर रहा है और जल्द ही मराठी सीखने का वादा भी किया।
'मराठी क्यों नहीं सीखी?' और नौकरी खोने की धमकी
गार्ड के विनम्र जवाब के बावजूद, शिवाजी महाराज की वेशभूषा पहने उस शख्स का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने गार्ड से सवाल करते हुए पूछा, “Marathi kyun nahi seekha (मराठी क्यों नहीं सीखी)?”
शख्स ने गार्ड पर छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत (legacy) का अपमान करने का आरोप लगाया और उसे धमकाते हुए कहा, “तुम्हें मराठी नहीं आती, और तुम यहाँ दादागिरी कर रहे हो। याद रखना, इस वीडियो से तुम फेमस होगे और शायद तुम्हारी नौकरी भी जा सकती है।”
यह वीडियो माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट एक्स (@Toxicity_______) पर वायरल हुआ और इसे 6 लाख से ज़्यादा बार देखा गया। इस घटना को लेकर यूज़र्स दो गुटों में बँट गए।
आक्रामक व्यवहार की आलोचना: कई यूज़र्स ने शख्स के अति-आक्रामक व्यवहार की निंदा की। उनका कहना था कि शख्स का व्यवहार शिवाजी महाराज के मूल्यों (teachings) के खिलाफ था, क्योंकि शिवाजी महाराज हमेशा सम्मान और एकता के लिए खड़े थे।
स्थानीय भाषा का समर्थन: वहीं, कुछ यूज़र्स ने महसूस किया कि महाराष्ट्र के एक ऐतिहासिक स्थल पर काम करने वाले गार्ड को स्थानीय भाषा का ज्ञान होना चाहिए था।
एक यूजर ने टिप्पणी में सही बात कही: “गार्ड को रील शूट करने से रोकना गलत था। लेकिन उस व्यक्ति ने तब गलती की जब वह एक गरीब गार्ड के साथ दुर्व्यवहार करने लगा और उस पर मराठी सीखने का दबाव बनाने लगा, जिसे किसी एजेंसी ने वहाँ तैनात किया है। एजेंसी से कहो कि महाराष्ट्र में केवल मराठी लोगों को ही सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त करें, फिर हम देखेंगे कि कितने गार्ड उपलब्ध होते हैं।”
एक अन्य यूज़र ने भाषा विवाद पर ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (historical perspective) साझा करते हुए लिखा: "They’re using language as a tool to divide, but history tells a different story. The eldest son of Ch Shivaji Maharaj, Ch Sambhaji Maharaj, himself wrote extensively in Hindi and never once treated language as a reason for division."
विवाद की शुरुआत: शूटिंग पर रोक और 'हिंदी' का इस्तेमाल
विवाद तब शुरू हुआ जब गार्ड ने उस व्यक्ति को किले के अंदर वीडियोग्राफी शुरू करने से पहले ही रोक दिया और कहा कि उसके पास शूटिंग की अनुमति नहीं है। बहस के दौरान, जब उस शख्स ने गार्ड से हिंदी में बात की, तो गार्ड ने भी जवाब हिंदी में दिया।
शख्स का आरोप: व्यक्ति इस बात से नाराज़ हो गया कि गार्ड ने मराठी में बात करने से मना कर दिया और स्वीकार किया कि उसे मराठी नहीं आती। शख्स ने गार्ड से गुस्से में कहा, “मैंने तुम्हें हिंदी में सम्मान से बात की; तुम्हें मराठी बोलकर महाराष्ट्र का सम्मान करना चाहिए।”
गार्ड की प्रतिक्रिया: गार्ड ने विनम्रता से जवाब दिया कि वह पिछले दो साल से वहाँ काम कर रहा है और जल्द ही मराठी सीखने का वादा भी किया।
'मराठी क्यों नहीं सीखी?' और नौकरी खोने की धमकी
गार्ड के विनम्र जवाब के बावजूद, शिवाजी महाराज की वेशभूषा पहने उस शख्स का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने गार्ड से सवाल करते हुए पूछा, “Marathi kyun nahi seekha (मराठी क्यों नहीं सीखी)?”
शख्स ने गार्ड पर छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत (legacy) का अपमान करने का आरोप लगाया और उसे धमकाते हुए कहा, “तुम्हें मराठी नहीं आती, और तुम यहाँ दादागिरी कर रहे हो। याद रखना, इस वीडियो से तुम फेमस होगे और शायद तुम्हारी नौकरी भी जा सकती है।”
सोशल मीडिया पर लोगों की राय
यह वीडियो माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट एक्स (@Toxicity_______) पर वायरल हुआ और इसे 6 लाख से ज़्यादा बार देखा गया। इस घटना को लेकर यूज़र्स दो गुटों में बँट गए।
आक्रामक व्यवहार की आलोचना: कई यूज़र्स ने शख्स के अति-आक्रामक व्यवहार की निंदा की। उनका कहना था कि शख्स का व्यवहार शिवाजी महाराज के मूल्यों (teachings) के खिलाफ था, क्योंकि शिवाजी महाराज हमेशा सम्मान और एकता के लिए खड़े थे।
स्थानीय भाषा का समर्थन: वहीं, कुछ यूज़र्स ने महसूस किया कि महाराष्ट्र के एक ऐतिहासिक स्थल पर काम करने वाले गार्ड को स्थानीय भाषा का ज्ञान होना चाहिए था।
एक यूजर ने टिप्पणी में सही बात कही: “गार्ड को रील शूट करने से रोकना गलत था। लेकिन उस व्यक्ति ने तब गलती की जब वह एक गरीब गार्ड के साथ दुर्व्यवहार करने लगा और उस पर मराठी सीखने का दबाव बनाने लगा, जिसे किसी एजेंसी ने वहाँ तैनात किया है। एजेंसी से कहो कि महाराष्ट्र में केवल मराठी लोगों को ही सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त करें, फिर हम देखेंगे कि कितने गार्ड उपलब्ध होते हैं।”
एक अन्य यूज़र ने भाषा विवाद पर ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (historical perspective) साझा करते हुए लिखा: "They’re using language as a tool to divide, but history tells a different story. The eldest son of Ch Shivaji Maharaj, Ch Sambhaji Maharaj, himself wrote extensively in Hindi and never once treated language as a reason for division."
Next Story