मेरठ में बीजेपी नेता की गुंडागर्दी का वीडियो वायरल, पार्किंग विवाद में ड्राइवर को घुटनों पर झुकाया
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में एक छोटी-सी पार्किंग की लड़ाई ने बड़ा रूप ले लिया। स्थानीय बीजेपी किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विकुल चपराना ने दो नौजवानों पर गुस्सा निकाला और एक को जमीन पर घुटने टेकवा दिए। यह घटना मंत्री सोमेंद्र तोमर के कार्यालय के नीचे घटी। सोशल मीडिया पर वीडियो फैलते ही हंगामा मच गया और पुलिस हरकत में आ गई।
घटना 19 अक्टूबर की रात को मेडिकल पुलिस स्टेशन के तिगारी क्षेत्र में हुई। वीडियो में दिख रहा है कि विकुल चपराना और उनके साथी दो युवकों को धमकाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कार के शीशे तोड़ दिए। एक युवक हाथ जोड़कर माफी मांगता दिखा और सिर झुकाकर सड़क पर नाक रगड़ने लगा, वहीं दूसरा युवक गालियां देता हुआ दिखा। चश्मदीदों के मुताबिक, यह सब पार्किंग स्पेस को लेकर हुआ, जो ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर के दफ्तर के पास था।
वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया तो शहर के एसएसपी आयुष विक्रम सिंह ने संज्ञान लिया। जांच में पता चला कि पार्किंग को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था। मेडिकल थाने के एसएचओ शिलेश कुमार ने बताया कि शिकायत सत्याम रस्तोगी के भाई आदित्य रस्तोगी ने दी। विकुल चपराना के खिलाफ मुकदमा दर्ज लिया गया। बाकी शामिल लोगों की तलाश जारी है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस मामले पर विपक्ष ने बीजेपी पर हमला बोला। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बीजेपी के लोग सत्ता के नशे में चूर होकर किसी का भी अपमान करने से नहीं हिचकते। बीजेपी के लोगों को याद रखना चाहिए कि हर घमंड का अंत होता है एक न एक दिन।"
कांग्रेस ने भी तीखी आलोचना की। पार्टी ने कहा, "विकुल चपराना ने यूपी पुलिस के सामने पूरा ड्रामा रचा और बड़े-बड़े नाम ले-लेकर अपनी ताकत दिखाई। यह बीजेपी का असली चेहरा है, जहां नेता खुद को राजा समझते हैं और आम लोगों को कीड़े-मकौड़े। इस गुंडे को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।"
बीजेपी का पक्ष
बीजेपी जिला अध्यक्ष शिवकुमार राणा ने पीटीआई को बताया, "वीडियो हमारे संज्ञान में आ गया है। पार्टी ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करती। मामले की जानकारी राज्य और क्षेत्रीय नेतृत्व को भेज दी गई है।"
इस बीच, सोमेंद्र तोमर ने स्थानीय मीडिया से कहा कि उनका इस झगड़े से कोई लेना-देना नहीं है।
घटना का विवरण
घटना 19 अक्टूबर की रात को मेडिकल पुलिस स्टेशन के तिगारी क्षेत्र में हुई। वीडियो में दिख रहा है कि विकुल चपराना और उनके साथी दो युवकों को धमकाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कार के शीशे तोड़ दिए। एक युवक हाथ जोड़कर माफी मांगता दिखा और सिर झुकाकर सड़क पर नाक रगड़ने लगा, वहीं दूसरा युवक गालियां देता हुआ दिखा। चश्मदीदों के मुताबिक, यह सब पार्किंग स्पेस को लेकर हुआ, जो ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर के दफ्तर के पास था।
पुलिस कार्रवाई
वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया तो शहर के एसएसपी आयुष विक्रम सिंह ने संज्ञान लिया। जांच में पता चला कि पार्किंग को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था। मेडिकल थाने के एसएचओ शिलेश कुमार ने बताया कि शिकायत सत्याम रस्तोगी के भाई आदित्य रस्तोगी ने दी। विकुल चपराना के खिलाफ मुकदमा दर्ज लिया गया। बाकी शामिल लोगों की तलाश जारी है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस मामले पर विपक्ष ने बीजेपी पर हमला बोला। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बीजेपी के लोग सत्ता के नशे में चूर होकर किसी का भी अपमान करने से नहीं हिचकते। बीजेपी के लोगों को याद रखना चाहिए कि हर घमंड का अंत होता है एक न एक दिन।"
कांग्रेस ने भी तीखी आलोचना की। पार्टी ने कहा, "विकुल चपराना ने यूपी पुलिस के सामने पूरा ड्रामा रचा और बड़े-बड़े नाम ले-लेकर अपनी ताकत दिखाई। यह बीजेपी का असली चेहरा है, जहां नेता खुद को राजा समझते हैं और आम लोगों को कीड़े-मकौड़े। इस गुंडे को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।"
बीजेपी का पक्ष
बीजेपी जिला अध्यक्ष शिवकुमार राणा ने पीटीआई को बताया, "वीडियो हमारे संज्ञान में आ गया है। पार्टी ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करती। मामले की जानकारी राज्य और क्षेत्रीय नेतृत्व को भेज दी गई है।"
इस बीच, सोमेंद्र तोमर ने स्थानीय मीडिया से कहा कि उनका इस झगड़े से कोई लेना-देना नहीं है।
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