RSS के 100 वर्ष: विजयादशमी पर शताब्दी पूर्ण, जयपुर शाखा की शुरुआत की रोचक दास्तान

Hero Image
Newspoint
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) विजयादशमी के दिन 100 वर्ष का सफर पूरा करेगा। जयपुर में इसकी पहली शाखा 1942 में चांदी की टकसाल, हनुमान मंदिर के पीछे लगाई गई थी। विश्वनाथ लिमिए ने अजमेर से आकर इसकी नींव रखी। आज जयपुर महानगर में 658 शाखाएं सक्रिय हैं, जो राष्ट्र प्रथम के भाव को जगाती हैं। सेवा कार्यों में 958 गतिविधियां चल रही हैं। यह लेख संघ के जयपुर इतिहास, शाखाओं की संरचना और सेवा प्रयासों पर प्रकाश डालता है।


जयपुर में संघ की पहली शाखा की शुरुआत


जयपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियां 1942 में शुरू हुईं। अजमेर से विश्वनाथ लिमिए नामक स्वयंसेवक यहां आए और चांदी की टकसाल के पास, हनुमान मंदिर के पिछे पहली शाखा लगाई। यह छोटी शुरुआत थी, लेकिन जल्द ही महावीर पार्क और पुरानी बस्ती जैसे इलाकों में नई शाखाएं खुलने लगीं। धीरे-धीरे पूरे शहर की हर चौकी में संघ की पहुंच हो गई। आजादी के बाद यह विस्तार और तेज हुआ। इस तरह जयपुर में संघ ने मजबूत जड़ें जमाईं और आज यह शहर संघ का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है।

जयपुर महानगर की शाखाओं का विस्तार


जयपुर को चार मुख्य भागों में विभाजित किया गया है, जिसमें कुल 29 नगर शामिल हैं। ये नगर आगे 291 बस्तियों में बंटे हुए हैं, जहां हर 10 हजार आबादी पर एक बस्ती मानी जाती है। इन सभी में 658 शाखाएं नियमित रूप से चल रही हैं। पार्कों और खुले मैदानों में लगने वाली इन शाखाओं में स्वयंसेवक राष्ट्र को सर्वोपरि मानने का संदेश देते हैं। रोजाना हजारों लोग इनमें भाग लेते हैं, जो संघ की लोकप्रियता को दर्शाता है।

You may also like



सुबह की व्यवसायी शाखाओं का स्वरूप


जयपुर में सुबह का समय व्यवसायियों के लिए समर्पित है। व्यवसायी शाखाओं को दो भागों में बांटा गया है। पहला, तरुण व्यवसायी शाखा, जिसमें 40 वर्ष तक के युवा स्वयंसेवक शामिल होते हैं। शहर में ऐसी 215 शाखाएं सक्रिय हैं। दूसरा, प्रौढ़ शाखा, जो 40 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए है और इसमें 177 शाखाएं लग रही हैं। ये शाखाएं व्यस्त जीवन में भी राष्ट्र सेवा का भाव जगाती हैं।

शाम की विद्यार्थी शाखाओं की व्यवस्था


शाम का समय विद्यार्थियों के लिए है। विद्यार्थी शाखाओं को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पहली, बाल शाखा, छोटे बच्चों के लिए, जिसमें 10 शाखाएं हैं। दूसरी, तरुण शाखा, किशोरों के लिए, 58 शाखाओं के साथ। तीसरी, संयुक्त विद्यार्थी शाखा, जिसमें सभी उम्र के छात्र आते हैं और यह 198 शाखाओं में चल रही है। ये शाखाएं नई पीढ़ी में अनुशासन और देशभक्ति की भावना पैदा करती हैं।


जयपुर प्रांत में सेवा कार्यों की झलक


संघ के सेवा विभाग और सेवा भारती के माध्यम से जयपुर प्रांत में 958 सेवा गतिविधियां संचालित हो रही हैं। राजस्थान राज्य को जयपुर, जोधपुर और चित्तौड़गढ़ प्रांतों में बांटा गया है। जयपुर प्रांत में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य हो रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में 463, स्वास्थ्य में 72, स्वावलंबन के लिए 135 और सामाजिक कार्यों में 288 गतिविधियां चल रही हैं। ये प्रयास समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचा रहे हैं।

सात प्रकार की जागरूकता गतिविधियां


संघ स्वयंसेवक सात तरह की गतिविधियों से लोगों को जागरूक कर रहे हैं। कुटुंब प्रबोधन के तहत परिवारों को एकजुट रहने की प्रेरणा दी जाती है। इसमें सामूहिक भोजन, भजन और अन्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं। पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है, जहां पेड़ लगाने और स्वच्छता अभियान चलाए जाते हैं। अन्य गतिविधियां सामाजिक सद्भाव, शिक्षा जागरूकता और आपदा राहत से जुड़ी हैं। ये सभी प्रयास संघ के मूल सिद्धांतों पर आधारित हैं।


Loving Newspoint? Download the app now
Newspoint