CBSE Exam 2025: बोर्ड परीक्षाओं का पूरा शेड्यूल जारी, यहाँ देखें महत्वपूर्ण तिथियां
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए अपनी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी है। लाखों छात्र हर साल इस परीक्षा का इंतजार करते हैं क्योंकि यह उनके भविष्य के करियर की दिशा तय करने वाला एक बड़ा पड़ाव होता है। बोर्ड ने संकेत दिए हैं कि परीक्षाएं अपने तय समय यानी फरवरी और मार्च के महीनों के दौरान आयोजित की जाएंगी। समय पर शेड्यूल जारी होने से छात्रों को अपनी तैयारी की रणनीति बनाने में काफी मदद मिलती है।
इस बार की परीक्षाओं में सीबीएसई ने प्रायोगिक परीक्षाओं (Practical Exams) पर भी विशेष ध्यान दिया है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय रहते आंतरिक मूल्यांकन पूरा कर लें ताकि मुख्य लिखित परीक्षा के समय छात्रों पर दबाव कम रहे। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर छात्र अपनी कक्षा के अनुसार विस्तृत विषयवार तिथियां देख सकते हैं। यह सलाह दी जाती है कि छात्र केवल आधिकारिक स्रोतों से मिली जानकारी पर ही भरोसा करें।
परीक्षा के पैटर्न में भी निरंतर सुधार देखा जा रहा है। अब रटने वाली शिक्षा के बजाय विश्लेषणात्मक कौशल और योग्यता आधारित प्रश्नों पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इसका मतलब है कि छात्रों को केवल किताबों को खत्म करने के बजाय विषयों की गहराई को समझना होगा। सीबीएसई का लक्ष्य है कि छात्र रट्टा मार प्रणाली से बाहर निकलें और जो कुछ भी वे पढ़ रहे हैं उसका वास्तविक जीवन में उपयोग करना सीखें।
तैयारी के अंतिम दौर में छात्रों के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करना सबसे अधिक फायदेमंद साबित होता है। इससे न केवल समय प्रबंधन का अभ्यास होता है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है। शिक्षकों का मानना है कि इस साल का पाठ्यक्रम काफी संतुलित है और यदि छात्र नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं, तो वे शानदार परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। परीक्षाओं को लेकर किसी भी तरह के तनाव से बचने के लिए छात्रों को अपनी नींद और स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।
इस बार की परीक्षाओं में सीबीएसई ने प्रायोगिक परीक्षाओं (Practical Exams) पर भी विशेष ध्यान दिया है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय रहते आंतरिक मूल्यांकन पूरा कर लें ताकि मुख्य लिखित परीक्षा के समय छात्रों पर दबाव कम रहे। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर छात्र अपनी कक्षा के अनुसार विस्तृत विषयवार तिथियां देख सकते हैं। यह सलाह दी जाती है कि छात्र केवल आधिकारिक स्रोतों से मिली जानकारी पर ही भरोसा करें।
परीक्षा के पैटर्न में भी निरंतर सुधार देखा जा रहा है। अब रटने वाली शिक्षा के बजाय विश्लेषणात्मक कौशल और योग्यता आधारित प्रश्नों पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इसका मतलब है कि छात्रों को केवल किताबों को खत्म करने के बजाय विषयों की गहराई को समझना होगा। सीबीएसई का लक्ष्य है कि छात्र रट्टा मार प्रणाली से बाहर निकलें और जो कुछ भी वे पढ़ रहे हैं उसका वास्तविक जीवन में उपयोग करना सीखें।
तैयारी के अंतिम दौर में छात्रों के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करना सबसे अधिक फायदेमंद साबित होता है। इससे न केवल समय प्रबंधन का अभ्यास होता है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है। शिक्षकों का मानना है कि इस साल का पाठ्यक्रम काफी संतुलित है और यदि छात्र नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं, तो वे शानदार परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। परीक्षाओं को लेकर किसी भी तरह के तनाव से बचने के लिए छात्रों को अपनी नींद और स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।
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