CBSE बोर्ड परीक्षा 2026: साइंस और सोशल साइंस के लिए उत्तर पुस्तिका का नया पैटर्न जारी, नहीं की ये गलती तो कट जाएंगे नंबर!

हर साल लाखों छात्र सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) की बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं। यह परीक्षा न सिर्फ़ छात्रों के भविष्य की दिशा तय करती है, बल्कि इसमें सफलता पाने के लिए उन्हें पूरे साल कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। 2026 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए, CBSE ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह बदलाव प्रश्नपत्र के पैटर्न के साथ-साथ उत्तर पुस्तिका (Answer Sheet) में जवाब लिखने के तरीके से जुड़ा है। विशेष रूप से साइंस (Science) और सोशल साइंस (Social Science) विषयों के लिए बोर्ड ने कुछ कड़े निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन न करने पर आपके अंक शून्य हो सकते हैं।

यह नई गाइडलाइन छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करती है कि मूल्यांकन प्रक्रिया (Evaluation Process) में कोई भ्रम न हो और हर छात्र को उसके प्रयास का सही अंक मिले।

क्या है उत्तर पुस्तिका का नया सेक्शन-वाइज़ पैटर्न?

CBSE ने 10वीं कक्षा के साइंस और सोशल साइंस विषय के प्रश्नपत्रों की संरचना (Structure) को बदल दिया है। अब छात्रों को उत्तर पुस्तिका में भी इस नई संरचना का कड़ाई से पालन करना होगा।

1. साइंस विषय के लिए:

साइंस का प्रश्नपत्र अब मुख्य रूप से तीन अलग-अलग सेक्शन में विभाजित होगा, और छात्रों को उत्तर पुस्तिका में भी इसी विभाजन का पालन करना होगा:

  • सेक्शन A: जीव विज्ञान (Biology)
  • सेक्शन B: रसायन विज्ञान (Chemistry)
  • सेक्शन C: भौतिक विज्ञान (Physics)

2. सोशल साइंस विषय के लिए:

सोशल साइंस का प्रश्नपत्र अब चार अलग-अलग खंडों में विभाजित होगा। छात्रों को उत्तर पुस्तिका में भी इन चारों खंडों को स्पष्ट रूप से अंकित करना होगा:

  • सेक्शन A: इतिहास (History)
  • सेक्शन B: भूगोल (Geography)
  • सेक्शन C: राजनीति विज्ञान (Political Science)
  • सेक्शन D: अर्थशास्त्र (Economics)

सबसे महत्वपूर्ण निर्देश: ज़रा सी ग़लती और अंक शून्य

बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों को अपनी उत्तर पुस्तिका में इन सेक्शन को विभाजित करके लिखना होगा। इसका मतलब है कि साइंस के लिए आपको अपनी उत्तर पुस्तिका में तीन और सोशल साइंस के लिए चार सेक्शन बनाने होंगे।

मुख्य चेतावनी:

  • जवाब को सही जगह पर लिखें: किसी भी प्रश्न का उत्तर केवल उसी सेक्शन या खंड के लिए निर्धारित जगह पर लिखा जाना चाहिए।
  • जवाब को मिलाएं नहीं: एक सेक्शन के जवाब को दूसरे सेक्शन के साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, साइंस पेपर में जीव विज्ञान (Biology) के प्रश्न का उत्तर रसायन विज्ञान (Chemistry) वाले सेक्शन में नहीं लिखा जाना चाहिए।
  • अंक न मिलने की चेतावनी: CBSE ने साफ निर्देश दिया है कि अगर किसी छात्र ने एक सेक्शन का जवाब दूसरे सेक्शन में मिला दिया या गलत सेक्शन में लिखा, तो उन उत्तरों का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा और छात्र को उन पर कोई अंक नहीं दिया जाएगा।
  • रिवैल्यूएशन में भी नहीं होगा सुधार: बोर्ड ने यह भी साफ कर दिया है कि मूल्यांकन के बाद सत्यापन (Verification) या पुनर्मूल्यांकन (Revaluation) के दौरान भी इस तरह की गलती को सुधारा नहीं जाएगा। यानी, यह गलती अंतिम मानी जाएगी।

स्कूलों और छात्रों के लिए तैयारी के सुझाव

CBSE के इस कदम का उद्देश्य छात्रों को रटने के बजाय, विषयों की गहरी समझ और व्यावहारिक ज्ञान (Competency Based Learning) की ओर ले जाना है। प्रश्नपत्रों में भी अब योग्यता-आधारित (Competency Based) प्रश्नों का वेटेज लगभग 50% तक बढ़ाया गया है।

  • प्रैक्टिस ही समाधान: सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे प्री-बोर्ड और आंतरिक परीक्षाओं (Internal Exams) में भी छात्रों से इसी सेक्शन-वाइज़ पैटर्न पर अभ्यास कराएं।
  • सावधानी जरूरी: छात्रों को यह समझना चाहिए कि परीक्षा में जल्दबाजी या लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्हें अपने पेपर की शुरुआत में ही सेक्शन को स्पष्ट रूप से लेबल कर लेना चाहिए।
  • नए सैंपल पेपर देखें: बोर्ड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नए सैंपल प्रश्नपत्र जारी किए हैं। छात्रों को इन पेपर्स को देखकर नए फॉर्मेट को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए।

यह बदलाव छात्रों को अधिक व्यवस्थित (Organized) तरीके से लिखने और मूल्यांकन प्रक्रिया को और अधिक सटीक बनाने में मदद करेगा। इसलिए, 2026 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले सभी छात्रों को इस नई गाइडलाइन को गंभीरता से लेना चाहिए और इसके अनुसार अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।




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