CTET परीक्षा 2025: सिलेबस, पासिंग क्राइटेरिया और सफलता के टिप्स
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शिक्षक बनने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए CTET एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होती है। राज्य स्तर पर TET परीक्षा भी समान महत्व रखती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, वर्तमान में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए भी CTET या TET अनिवार्य हो गया है, जिससे इस वर्ष प्रतिस्पर्धा और तीव्र हो गई है। अभ्यर्थी अक्सर सिलेबस, पासिंग मार्क्स और मेरिट में आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में जानना चाहते हैं। यह परीक्षा दो पेपरों में विभाजित है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं और कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि CTET 2025 की तैयारी कैसे करें और क्या-क्या शामिल है।
CTET पेपर 1 का सिलेबस (कक्षा 1 से 5 के लिए)
प्राथमिक स्तर की शिक्षण के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए पेपर 1 में पांच मुख्य खंड शामिल हैं, प्रत्येक 30 अंकों का। बाल विकास एवं शैशवावस्था शिक्षा पर फोकस बच्चों की समझ और शिक्षण पद्धति पर होता है। भाषा प्रथम और द्वितीय खंड भाषा कौशल की जांच करते हैं। गणित भाग बुनियादी संख्यात्मक अवधारणाओं को कवर करता है, जबकि पर्यावरण अध्ययन खंड पर्यावरण, विज्ञान और सामाजिक मुद्दों पर आधारित होता है। इन सभी को संतुलित तरीके से तैयार करने से अच्छे अंक प्राप्त होते हैं।
CTET पेपर 2 का सिलेबस (कक्षा 6 से 8 के लिए)
उच्च प्राथमिक स्तर के लिए पेपर 2 में भी बाल विकास एवं शैशवावस्था शिक्षा, भाषा प्रथम और द्वितीय के 30-30 अंक हैं। गणित और विज्ञान शिक्षकों के लिए 60 अंकों का खंड गहन विषयों पर केंद्रित होता है, जबकि सामाजिक अध्ययन या सामाजिक विज्ञान शिक्षकों के लिए अलग 60 अंकों का भाग इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र को छूता है। यह पेपर विशेषज्ञता के अनुसार चुना जा सकता है, और उच्च वेटेज वाले खंडों पर ध्यान देकर स्कोर बढ़ाया जा सकता है।
CTET परीक्षा में दोनों पेपर 150 अंकों के होते हैं, जिसमें सभी प्रश्न में विकल्प होते हैं। नेगेटिव मार्किंग न होने से हर प्रश्न का उत्तर देना फायदेमंद साबित होता है। पास होने के लिए कट-ऑफ लिस्ट नहीं होती, बल्कि न्यूनतम अंक जरूरी हैं। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को कम से कम 60 प्रतिशत यानी 150 में से 90 अंक लाने होते हैं। वहीं, ओबीसी, एससी तथा एसटी वर्गों के लिए 55 प्रतिशत यानी 82 अंक पर्याप्त हैं। इन अंकों को प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी योग्य घोषित हो जाते हैं।
सफल तैयारी के लिए टिप्स
CTET की तैयारी केवल किताबी पढ़ाई से पूरी नहीं होती, बल्कि बुद्धिमान योजना आवश्यक है। सबसे पहले सिलेबस को गहराई से समझें। उसके बाद एक व्यवस्थित टाइम टेबल बनाएं। पुराने वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें और जितने अधिक मॉक टेस्ट संभव हो, उतने दें। इन कदमों से कमजोरियां दूर होंगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
CTET पेपर 1 का सिलेबस (कक्षा 1 से 5 के लिए)
प्राथमिक स्तर की शिक्षण के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए पेपर 1 में पांच मुख्य खंड शामिल हैं, प्रत्येक 30 अंकों का। बाल विकास एवं शैशवावस्था शिक्षा पर फोकस बच्चों की समझ और शिक्षण पद्धति पर होता है। भाषा प्रथम और द्वितीय खंड भाषा कौशल की जांच करते हैं। गणित भाग बुनियादी संख्यात्मक अवधारणाओं को कवर करता है, जबकि पर्यावरण अध्ययन खंड पर्यावरण, विज्ञान और सामाजिक मुद्दों पर आधारित होता है। इन सभी को संतुलित तरीके से तैयार करने से अच्छे अंक प्राप्त होते हैं।CTET पेपर 2 का सिलेबस (कक्षा 6 से 8 के लिए)
उच्च प्राथमिक स्तर के लिए पेपर 2 में भी बाल विकास एवं शैशवावस्था शिक्षा, भाषा प्रथम और द्वितीय के 30-30 अंक हैं। गणित और विज्ञान शिक्षकों के लिए 60 अंकों का खंड गहन विषयों पर केंद्रित होता है, जबकि सामाजिक अध्ययन या सामाजिक विज्ञान शिक्षकों के लिए अलग 60 अंकों का भाग इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र को छूता है। यह पेपर विशेषज्ञता के अनुसार चुना जा सकता है, और उच्च वेटेज वाले खंडों पर ध्यान देकर स्कोर बढ़ाया जा सकता है।
परीक्षा पैटर्न और क्वालीफाइंग मार्क्स
CTET परीक्षा में दोनों पेपर 150 अंकों के होते हैं, जिसमें सभी प्रश्न में विकल्प होते हैं। नेगेटिव मार्किंग न होने से हर प्रश्न का उत्तर देना फायदेमंद साबित होता है। पास होने के लिए कट-ऑफ लिस्ट नहीं होती, बल्कि न्यूनतम अंक जरूरी हैं। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को कम से कम 60 प्रतिशत यानी 150 में से 90 अंक लाने होते हैं। वहीं, ओबीसी, एससी तथा एसटी वर्गों के लिए 55 प्रतिशत यानी 82 अंक पर्याप्त हैं। इन अंकों को प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी योग्य घोषित हो जाते हैं।
सफल तैयारी के लिए टिप्स
CTET की तैयारी केवल किताबी पढ़ाई से पूरी नहीं होती, बल्कि बुद्धिमान योजना आवश्यक है। सबसे पहले सिलेबस को गहराई से समझें। उसके बाद एक व्यवस्थित टाइम टेबल बनाएं। पुराने वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें और जितने अधिक मॉक टेस्ट संभव हो, उतने दें। इन कदमों से कमजोरियां दूर होंगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
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