राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: एक नारा, एक लक्ष्य – शिक्षित हो देश हमारा
भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती का प्रतीक है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके अपार योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए, भारत सरकार ने 2008 में इस दिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किया। यह केवल एक जयंती नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के लिए शिक्षा के महत्व को समझने का अवसर है।
मौलाना आज़ाद: एक शिक्षाविद और दूरदर्शी नेता
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक विद्वान, लेखक और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। शिक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने देश की शैक्षिक प्रणाली की नींव रखी। उनका मानना था कि एक मजबूत और विकसित राष्ट्र के लिए सुलभ (Accessible) और समावेशी (Inclusive) शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने और 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की वकालत की।
मौलाना आज़ाद की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप भारत में कई प्रमुख शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थानों की स्थापना हुई:
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हमें मौलाना आज़ाद के सपनों को साकार करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों, जैसे गुणवत्ता, पहुँच और डिजिटल विभाजन (Digital Divide) पर विचार करने का मौका देता है। नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 भी उनके समावेशी और समग्र शिक्षा के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है। यह दिन छात्रों, शिक्षकों और नीति निर्माताओं को शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का सबसे शक्तिशाली उपकरण बनाने के लिए प्रेरित करता है।
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मौलाना आज़ाद: एक शिक्षाविद और दूरदर्शी नेता
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक विद्वान, लेखक और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। शिक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने देश की शैक्षिक प्रणाली की नींव रखी। उनका मानना था कि एक मजबूत और विकसित राष्ट्र के लिए सुलभ (Accessible) और समावेशी (Inclusive) शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने और 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की वकालत की।
आज़ाद की शैक्षणिक विरासत
मौलाना आज़ाद की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप भारत में कई प्रमुख शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थानों की स्थापना हुई:
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC )
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IITs )
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बैंगलोर में विकास पहल
- साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी जैसी सांस्कृतिक अकादमियाँ
- इन संस्थानों ने भारत को विश्व स्तर पर ज्ञान और नवाचार का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आधुनिक भारत में शिक्षा की चुनौतियां और अवसर
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हमें मौलाना आज़ाद के सपनों को साकार करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों, जैसे गुणवत्ता, पहुँच और डिजिटल विभाजन (Digital Divide) पर विचार करने का मौका देता है। नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 भी उनके समावेशी और समग्र शिक्षा के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है। यह दिन छात्रों, शिक्षकों और नीति निर्माताओं को शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का सबसे शक्तिशाली उपकरण बनाने के लिए प्रेरित करता है।









