200 रुपये की नौकरी से स्टारडम तक, धर्मेंद्र का संघर्ष हर सपने को जगाता है
बॉलीवुड के मशहूर ही-मैन धर्मेंद्र आजकल खबरों में हैं। हाल ही में वो मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में उम्र से जुड़ी परेशानियों के चलते भर्ती हैं। आज उनकी निधन की अफवाह फैलते ही उनकी बेटी दिशा देओल ने इस पर प्रतिक्रिया देते बताया कि अभी उनकी तबीयत सही और वो जल्द रिकवर कर लेंगे। धर्मेंद्र ने 1960 में 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से डेब्यू किया। लेकिन सफलता से पहले गैरेज में सोना, पार्ट-टाइम नौकरी और ओवरटाइम जैसे कष्ट सहे। रियलिटी शो 'इंडियन आइडल 11' में उन्होंने अपने स्कूल के दिनों और किसान पिता की मिट्टी से जुड़ी यादें शेयर कीं। 300 फिल्मों में काम कर चुके वे 1970 में दुनिया के सबसे हैंडसम पुरुष बने और वर्ल्ड आयरन मैन अवॉर्ड भी जीता। दो शादियों से छह बच्चों के पिता, वे आज भी फिटनेस के लिए मशहूर हैं।
पंजाब के लुधियाना में पैदा हुए धर्मेंद्र मुंबई पहुंचे तो उनके पास रहने की जगह तक नहीं थी। उन्होंने एक रियलिटी शो में बताया कि शुरुआत में वे गैरेज में ही सोते थे। पैसे की तंगी इतनी थी कि पार्ट-टाइम ड्रिलिंग की नौकरी में महज 200 रुपये मिलते थे। गुजारा चलाने के लिए ओवरटाइम करना पड़ता था। ये दिन उनके लिए सबक थे, जो बाद में सिनेमा की दुनिया में चमक लाए।
स्कूल की यादें: पुल पर सपने बुनते थे
स्कूल खत्म होने के बाद धर्मेंद्र अक्सर एक पुल के पास चले जाते। वहां घंटों बैठकर भविष्य के बारे में सोचते। शो के मंच पर उन्होंने भावुक होकर कहा, 'मैं अपनी स्कूल के बाद अक्सर एक पुल के पास जाया करता था. जहां मैं अपनी मंजिल के बारे में सोचता था. वहां मैं घंटों बैठा रहता था. लेकिन आज जब मैं वहां जाता हूं तो एक आवाज सुनाई देती है, धर्मेद्र तू एक्टर बन गया।' ये यादें आज भी उन्हें ताकत देती हैं।
किसान की जड़ें: फिटनेस का राज
एक इंटरव्यू में जब उनकी फिटनेस का राज पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'मैं किसान का बेटा हूं. खेत की मिट्टी हाथों पर नहीं, दिल पर भी असर करती है. उसी मिट्टी से मुझे जड़ें मिली हैं. मैं अपने फॉर्महाउस पर गायों से बात करता हूं, पेड़ों की छांव में मुझे काफी चैन मिलता है।' उनके पिता किशन सिंह देओल स्कूल हेडमास्टर थे, लेकिन परिवार खेती से जुड़ा रहा। यही जड़ें उन्हें 71 साल की उम्र में भी चुस्त रखती हैं।
सिनेमा की चमक: अवॉर्ड्स और हिट फिल्में
1960 के दशक में सिनेमा में कदम रखने वाले धर्मेंद्र ने करीब 300 फिल्में कीं। 1970 में वे दुनिया के सबसे हैंडसम पुरुष चुने गए। वर्ल्ड आयरन मैन अवॉर्ड भी उनके नाम रहा। उनकी यादगार फिल्में जैसे 'सत्यकाम', 'खामोशी', 'शोले', 'क्रोधी' और 'यादों की बारात' ने उन्हें अमर कर दिया। इनसे लाखों दिल जीते।
पारिवारिक जीवन: दो शादियां और छह संतानें
धर्मेंद्र का निजी जीवन भी उतना ही रोचक है। उन्होंने प्रकाश कौर से पहली शादी की, जिनसे सनी देओल, बॉबी देओल, विजेता देओल और अजीता देओल हुए। दूसरी शादी हेमा मालिनी से हुई, जिनसे ईशा और अहाना पैदा हुईं। कुल छह बच्चों के बावजूद वे परिवार को मजबूती से जोड़े रखते हैं।
शुरुआती मुश्किलें: गैरेज में रातें और छोटी कमाई
पंजाब के लुधियाना में पैदा हुए धर्मेंद्र मुंबई पहुंचे तो उनके पास रहने की जगह तक नहीं थी। उन्होंने एक रियलिटी शो में बताया कि शुरुआत में वे गैरेज में ही सोते थे। पैसे की तंगी इतनी थी कि पार्ट-टाइम ड्रिलिंग की नौकरी में महज 200 रुपये मिलते थे। गुजारा चलाने के लिए ओवरटाइम करना पड़ता था। ये दिन उनके लिए सबक थे, जो बाद में सिनेमा की दुनिया में चमक लाए।
स्कूल की यादें: पुल पर सपने बुनते थे
स्कूल खत्म होने के बाद धर्मेंद्र अक्सर एक पुल के पास चले जाते। वहां घंटों बैठकर भविष्य के बारे में सोचते। शो के मंच पर उन्होंने भावुक होकर कहा, 'मैं अपनी स्कूल के बाद अक्सर एक पुल के पास जाया करता था. जहां मैं अपनी मंजिल के बारे में सोचता था. वहां मैं घंटों बैठा रहता था. लेकिन आज जब मैं वहां जाता हूं तो एक आवाज सुनाई देती है, धर्मेद्र तू एक्टर बन गया।' ये यादें आज भी उन्हें ताकत देती हैं।
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किसान की जड़ें: फिटनेस का राज
एक इंटरव्यू में जब उनकी फिटनेस का राज पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'मैं किसान का बेटा हूं. खेत की मिट्टी हाथों पर नहीं, दिल पर भी असर करती है. उसी मिट्टी से मुझे जड़ें मिली हैं. मैं अपने फॉर्महाउस पर गायों से बात करता हूं, पेड़ों की छांव में मुझे काफी चैन मिलता है।' उनके पिता किशन सिंह देओल स्कूल हेडमास्टर थे, लेकिन परिवार खेती से जुड़ा रहा। यही जड़ें उन्हें 71 साल की उम्र में भी चुस्त रखती हैं।सिनेमा की चमक: अवॉर्ड्स और हिट फिल्में
1960 के दशक में सिनेमा में कदम रखने वाले धर्मेंद्र ने करीब 300 फिल्में कीं। 1970 में वे दुनिया के सबसे हैंडसम पुरुष चुने गए। वर्ल्ड आयरन मैन अवॉर्ड भी उनके नाम रहा। उनकी यादगार फिल्में जैसे 'सत्यकाम', 'खामोशी', 'शोले', 'क्रोधी' और 'यादों की बारात' ने उन्हें अमर कर दिया। इनसे लाखों दिल जीते।
पारिवारिक जीवन: दो शादियां और छह संतानें
धर्मेंद्र का निजी जीवन भी उतना ही रोचक है। उन्होंने प्रकाश कौर से पहली शादी की, जिनसे सनी देओल, बॉबी देओल, विजेता देओल और अजीता देओल हुए। दूसरी शादी हेमा मालिनी से हुई, जिनसे ईशा और अहाना पैदा हुईं। कुल छह बच्चों के बावजूद वे परिवार को मजबूती से जोड़े रखते हैं।









