Sadhguru का बचाव: 'रामायण' में रणबीर कपूर को भगवान राम बनाने पर बैकलैश अनुचित, कलाकार का अतीत मायने नहीं रखता!
बॉलीवुड की दुनिया में रामायण का जिक्र आते ही उत्साह और विवाद दोनों ही हवा में तैरने लगते हैं। नितेश तिवारी की निर्देशित आगामी महाकाव्य फिल्म 'रामायण: पार्ट 1' का टीजर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर तहलका मच गया।
एक तरफ फैंस रणबीर कपूर को भगवान राम के रूप में देखकर रोमांचित हैं, वहीं दूसरी तरफ ट्रोल्स और कुछ आलोचकों ने उनके अतीत की फिल्मों और पर्सनल इमेज को आधार बनाकर बैकलैश शुरू कर दिया। लेकिन इस विवाद के बीच आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने रणबीर का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने इसे 'अनुचित फैसला' करार देते हुए कहा कि एक कलाकार का पिछला रोल उसके भविष्य के किरदारों को परिभाषित नहीं कर सकता। यह बयान न सिर्फ विवाद को शांत करने का प्रयास है, बल्कि सिनेमा की पेशेवरता पर भी रोशनी डालता है।
सद्गुरु का यह बयान प्रोड्यूसर नामित मल्होत्रा के साथ उनकी एक बातचीत के दौरान सामने आया। नामित ने बताया कि लोग रणबीर के पुराने रोल्स – जैसे 'अनिमल' या अन्य कंट्रोवर्शियल इमेज – को खोदकर पूछ रहे हैं कि आखिर वे भगवान राम कैसे बन सकते हैं। इस पर सद्गुरु ने तीखा प्रहार किया: "यह एक कलाकार का निष्पछ मूल्यांकन नहीं है क्योंकि उसने किसी तरह का अभिनय किया। मान लीजिए वह राम की भूमिका निभा रहा है, तो क्या आप उम्मीद करते हैं कि वह पूरी तरह राम बन जाए? कल किसी दूसरी फिल्म में वह रावण का रोल कर सकता है। यह एक प्रोफेशनल एक्टर का काम है।" उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने सद्गुरु की बात से सहमति जताई, जबकि कुछ ने इसे 'आधुनिकता का बहाना' बताया। लेकिन सच्चाई यही है कि रामायण जैसी पौराणिक कथा को सिनेमा में उतारना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, और कास्टिंग पर सवाल उठना स्वाभाविक। फिर भी, सद्गुरु का पक्ष साफ है – कला को धार्मिक कठोरता से बांधना गलत है।
फिल्म की बात करें तो 'रामायण' बॉलीवुड का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक है। नितेश तिवारी, जिन्होंने 'दंगल' जैसी सुपरहिट दी है, इस बार रामकथा को आधुनिक VFX और भावनात्मक गहराई के साथ पेश करने जा रहे हैं। कास्टिंग भी कमाल की है: रणबीर कपूर भगवान राम के रूप में, साई पल्लवी सीता के किरदार में, यश (कन्नड़ सुपरस्टार) रावण बने हैं, और रवि दुबे लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे हैं। रिलीज डेट तय है – पार्ट 1 दिवाली 2026 पर थिएटर्स में धमाल मचाएगी, उसके बाद पार्ट 2 2027 में। प्रोड्यूसर नामित मल्होत्रा ने बताया कि यश को रावण बनाने का फैसला सद्गुरु से चर्चा के बाद लिया गया। सद्गुरु ने यश की तारीफ करते हुए कहा, "यश एक हैंडसम आदमी हैं।" नामित ने हंसते हुए जोड़ा, "यश न सिर्फ हैंडसम हैं, बल्कि देश के सबसे टैलेंटेड सुपरस्टार्स में से एक। रावण के सभी शेड्स – उसकी भक्ति, गहराई – सिर्फ यश ही दिखा सकते हैं।" यह कमेंट विवाद को हल्का करने वाला था, लेकिन रणबीर पर फोकस ज्यादा रहा।
अब रणबीर की तैयारी की बात करें, जो इस विवाद को और मजेदार बनाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रणबीर ने भगवान राम के किरदार में ढलने के लिए सात्विक जीवनशैली अपना ली है। उन्होंने शराब और स्मोकिंग छोड़ दी, शाकाहारी बन गए, और सख्त सात्विक डाइट फॉलो कर रहे हैं। सुबह जल्दी वर्कआउट, मेडिटेशन, और स्पिरिचुअल डिसिप्लिन – ये सब उनके रूटीन का हिस्सा हैं। रवि दुबे, जो उनके ऑन-स्क्रीन भाई लक्ष्मण हैं, ने हाल ही में खुलासा किया, "रणबीर ने इतना बलिदान दिया है कि हम सब बदल गए।" यह बदलाव न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक स्तर पर भी है। ट्रेनर ने उनकी फिटनेस रूटीन शेयर की – मिड-एयर कैलिस्थेनिक्स, क्लैप पुल-अप्स, हाइकिंग – सब राम के योद्धा अवतार के लिए। ऐसे में बैकलैश लगता है बेमानी। रणबीर खुद कह चुके हैं, "यह मेरे लिए सम्मान की बात है, मैं पूरी ईमानदारी से करूंगा।"
यह विवाद सिनेमा और आस्था के बीच की पतली रेखा को उजागर करता है। सद्गुरु का बचाव न सिर्फ रणबीर को बूस्ट देगा, बल्कि पूरे प्रोजेक्ट को। क्या 'रामायण' बैकलैश के बावजूद हिट साबित होगी?
एक तरफ फैंस रणबीर कपूर को भगवान राम के रूप में देखकर रोमांचित हैं, वहीं दूसरी तरफ ट्रोल्स और कुछ आलोचकों ने उनके अतीत की फिल्मों और पर्सनल इमेज को आधार बनाकर बैकलैश शुरू कर दिया। लेकिन इस विवाद के बीच आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने रणबीर का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने इसे 'अनुचित फैसला' करार देते हुए कहा कि एक कलाकार का पिछला रोल उसके भविष्य के किरदारों को परिभाषित नहीं कर सकता। यह बयान न सिर्फ विवाद को शांत करने का प्रयास है, बल्कि सिनेमा की पेशेवरता पर भी रोशनी डालता है।
सद्गुरु का यह बयान प्रोड्यूसर नामित मल्होत्रा के साथ उनकी एक बातचीत के दौरान सामने आया। नामित ने बताया कि लोग रणबीर के पुराने रोल्स – जैसे 'अनिमल' या अन्य कंट्रोवर्शियल इमेज – को खोदकर पूछ रहे हैं कि आखिर वे भगवान राम कैसे बन सकते हैं। इस पर सद्गुरु ने तीखा प्रहार किया: "यह एक कलाकार का निष्पछ मूल्यांकन नहीं है क्योंकि उसने किसी तरह का अभिनय किया। मान लीजिए वह राम की भूमिका निभा रहा है, तो क्या आप उम्मीद करते हैं कि वह पूरी तरह राम बन जाए? कल किसी दूसरी फिल्म में वह रावण का रोल कर सकता है। यह एक प्रोफेशनल एक्टर का काम है।" उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने सद्गुरु की बात से सहमति जताई, जबकि कुछ ने इसे 'आधुनिकता का बहाना' बताया। लेकिन सच्चाई यही है कि रामायण जैसी पौराणिक कथा को सिनेमा में उतारना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, और कास्टिंग पर सवाल उठना स्वाभाविक। फिर भी, सद्गुरु का पक्ष साफ है – कला को धार्मिक कठोरता से बांधना गलत है।
फिल्म की बात करें तो 'रामायण' बॉलीवुड का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक है। नितेश तिवारी, जिन्होंने 'दंगल' जैसी सुपरहिट दी है, इस बार रामकथा को आधुनिक VFX और भावनात्मक गहराई के साथ पेश करने जा रहे हैं। कास्टिंग भी कमाल की है: रणबीर कपूर भगवान राम के रूप में, साई पल्लवी सीता के किरदार में, यश (कन्नड़ सुपरस्टार) रावण बने हैं, और रवि दुबे लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे हैं। रिलीज डेट तय है – पार्ट 1 दिवाली 2026 पर थिएटर्स में धमाल मचाएगी, उसके बाद पार्ट 2 2027 में। प्रोड्यूसर नामित मल्होत्रा ने बताया कि यश को रावण बनाने का फैसला सद्गुरु से चर्चा के बाद लिया गया। सद्गुरु ने यश की तारीफ करते हुए कहा, "यश एक हैंडसम आदमी हैं।" नामित ने हंसते हुए जोड़ा, "यश न सिर्फ हैंडसम हैं, बल्कि देश के सबसे टैलेंटेड सुपरस्टार्स में से एक। रावण के सभी शेड्स – उसकी भक्ति, गहराई – सिर्फ यश ही दिखा सकते हैं।" यह कमेंट विवाद को हल्का करने वाला था, लेकिन रणबीर पर फोकस ज्यादा रहा।
अब रणबीर की तैयारी की बात करें, जो इस विवाद को और मजेदार बनाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रणबीर ने भगवान राम के किरदार में ढलने के लिए सात्विक जीवनशैली अपना ली है। उन्होंने शराब और स्मोकिंग छोड़ दी, शाकाहारी बन गए, और सख्त सात्विक डाइट फॉलो कर रहे हैं। सुबह जल्दी वर्कआउट, मेडिटेशन, और स्पिरिचुअल डिसिप्लिन – ये सब उनके रूटीन का हिस्सा हैं। रवि दुबे, जो उनके ऑन-स्क्रीन भाई लक्ष्मण हैं, ने हाल ही में खुलासा किया, "रणबीर ने इतना बलिदान दिया है कि हम सब बदल गए।" यह बदलाव न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक स्तर पर भी है। ट्रेनर ने उनकी फिटनेस रूटीन शेयर की – मिड-एयर कैलिस्थेनिक्स, क्लैप पुल-अप्स, हाइकिंग – सब राम के योद्धा अवतार के लिए। ऐसे में बैकलैश लगता है बेमानी। रणबीर खुद कह चुके हैं, "यह मेरे लिए सम्मान की बात है, मैं पूरी ईमानदारी से करूंगा।"
यह विवाद सिनेमा और आस्था के बीच की पतली रेखा को उजागर करता है। सद्गुरु का बचाव न सिर्फ रणबीर को बूस्ट देगा, बल्कि पूरे प्रोजेक्ट को। क्या 'रामायण' बैकलैश के बावजूद हिट साबित होगी?
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