सुलक्षणा पंडित का निधन, संजीव कुमार की पुण्यतिथि पर किस्मत ने लिखी दर्दभरी कहानी
बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री और गायिका सुलक्षणा पंडित अब हमारे बीच नहीं रहीं। 71 साल की उम्र में उनका निधन हो गया, जो संगीत और सिनेमा की दुनिया के लिए एक बड़ा झटका है। दिलचस्प बात ये है कि उनका जाना उसी दिन हुआ, जब उनके प्रिय अभिनेता संजीव कुमार की पुण्यतिथि थी। सुलक्षणा ने अपनी जिंदगी में कई यादगार किरदार निभाए और गीतों से दिल जीता। आइए, उनकी कहानी को करीब से समझें।
सुलक्षणा पंडित का जन्म 1954 में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक संगीतमय परिवार में हुआ था। वे प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की भतीजी थीं, और उनके भाई जतिन-ललित जैसे मशहूर संगीतकार हैं। बचपन से ही संगीत की दुनिया में रंगी सुलक्षणा ने 1975 में फिल्म 'संकल्प' में गीत 'तू ही सागर है तू ही किनारा' गाकर सबका दिल मोह लिया। इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार मिला। एक और सुपरहिट गाना 'सात समंदर पार से' ने उनकी आवाज को अमर बना दिया। अभिनय की दुनिया में कदम रखते हुए उन्होंने 1975 की फिल्म 'उलझन' से डेब्यू किया। इसके बाद 'अपनापन', 'खानदान', 'हेरा फेरी' और 'वक्त की दीवार' जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी कला का जलवा बिखेरा। वे राजेश खन्ना, जीतेंद्र, विनोद खन्ना और शशि कपूर जैसे दिग्गजों के साथ स्क्रीन पर चमकीं। उनकी परफॉर्मेंस में एक अनोखी सादगी और भावनात्मक गहराई थी, जो दर्शकों को हमेशा खींच लेती थी।
6 नवंबर को मुंबई के नानावटी अस्पताल में सुलक्षणा को कार्डियक अरेस्ट आया, और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके भाई और संगीतकार ललित पंडित ने इस दुखद घटना की पुष्टि की। मिड-डे को दिए बयान में ललित ने बताया कि उनकी बहन की मौत रात 8 बजे हो गई। उनका अंतिम संस्कार 7 नवंबर को दोपहर 12 बजे किया गया। ये खबर सुनकर पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई।
अनकही प्रेम कहानी: संजीव कुमार के साथ बंधन जो निबद्ध न हो सका
सुलक्षणा की जिंदगी की सबसे रोमांचक कहानी फिल्म 'उलझन' के सेट से जुड़ी है। वहां उन्हें संजीव कुमार से गहरा प्रेम हो गया। साहस दिखाते हुए सुलक्षणा ने संजीव को प्रपोज किया, लेकिन उन्होंने ये रिश्ता कबूल नहीं किया। इसके बाद सुलक्षणा ने कभी शादी नहीं की और जीवन भर अविवाहित रहीं। संजीव कुमार का निधन भी 6 नवंबर 1985 को ही हुआ था, और हेमा मालिनी से उनके अनकहे प्रेम की कहानी बॉलीवुड के इतिहास का हिस्सा है। संजीव ने हेमा को प्रपोज किया था, मगर उन्होंने मना कर दिया। आज, संजीव की पुण्यतिथि पर सुलक्षणा का जाना जैसे किस्मत का एक दर्दनाक संयोग है। ये प्रेम की वो अधूरी दास्तान है, जो समय के साथ और भी खूबसूरत लगती है। सुलक्षणा पंडित की विदाई से बॉलीवुड ने एक चमकते सितारे को खो दिया। उनकी यादें फिल्मों और गीतों में जिंदा रहेंगी, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
सुलक्षणा पंडित: संगीत की धुन से सिनेमा की चमक तक
सुलक्षणा पंडित का जन्म 1954 में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक संगीतमय परिवार में हुआ था। वे प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की भतीजी थीं, और उनके भाई जतिन-ललित जैसे मशहूर संगीतकार हैं। बचपन से ही संगीत की दुनिया में रंगी सुलक्षणा ने 1975 में फिल्म 'संकल्प' में गीत 'तू ही सागर है तू ही किनारा' गाकर सबका दिल मोह लिया। इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार मिला। एक और सुपरहिट गाना 'सात समंदर पार से' ने उनकी आवाज को अमर बना दिया। अभिनय की दुनिया में कदम रखते हुए उन्होंने 1975 की फिल्म 'उलझन' से डेब्यू किया। इसके बाद 'अपनापन', 'खानदान', 'हेरा फेरी' और 'वक्त की दीवार' जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी कला का जलवा बिखेरा। वे राजेश खन्ना, जीतेंद्र, विनोद खन्ना और शशि कपूर जैसे दिग्गजों के साथ स्क्रीन पर चमकीं। उनकी परफॉर्मेंस में एक अनोखी सादगी और भावनात्मक गहराई थी, जो दर्शकों को हमेशा खींच लेती थी।
निधन की दुखद खबर: अस्पताल में ली अंतिम सांस
6 नवंबर को मुंबई के नानावटी अस्पताल में सुलक्षणा को कार्डियक अरेस्ट आया, और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके भाई और संगीतकार ललित पंडित ने इस दुखद घटना की पुष्टि की। मिड-डे को दिए बयान में ललित ने बताया कि उनकी बहन की मौत रात 8 बजे हो गई। उनका अंतिम संस्कार 7 नवंबर को दोपहर 12 बजे किया गया। ये खबर सुनकर पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई।
अनकही प्रेम कहानी: संजीव कुमार के साथ बंधन जो निबद्ध न हो सका
सुलक्षणा की जिंदगी की सबसे रोमांचक कहानी फिल्म 'उलझन' के सेट से जुड़ी है। वहां उन्हें संजीव कुमार से गहरा प्रेम हो गया। साहस दिखाते हुए सुलक्षणा ने संजीव को प्रपोज किया, लेकिन उन्होंने ये रिश्ता कबूल नहीं किया। इसके बाद सुलक्षणा ने कभी शादी नहीं की और जीवन भर अविवाहित रहीं। संजीव कुमार का निधन भी 6 नवंबर 1985 को ही हुआ था, और हेमा मालिनी से उनके अनकहे प्रेम की कहानी बॉलीवुड के इतिहास का हिस्सा है। संजीव ने हेमा को प्रपोज किया था, मगर उन्होंने मना कर दिया। आज, संजीव की पुण्यतिथि पर सुलक्षणा का जाना जैसे किस्मत का एक दर्दनाक संयोग है। ये प्रेम की वो अधूरी दास्तान है, जो समय के साथ और भी खूबसूरत लगती है। सुलक्षणा पंडित की विदाई से बॉलीवुड ने एक चमकते सितारे को खो दिया। उनकी यादें फिल्मों और गीतों में जिंदा रहेंगी, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
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