जीएसटी 2.0 की नई दरें: घर और जेब पर क्या पड़ेगा असर, जानें पूरी लिस्ट
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जीएसटी परिषद की नवीनतम बैठक ने जीएसटी दर स्लैबों के प्रमुख पुनर्गठन को मंजूरी दी है, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में कई उत्पादों पर जीएसटी दरों में संशोधन किया है। व्यवसायों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने उत्पादों और सेवाओं पर संशोधित दरों का ट्रैक रखें और इन दर परिवर्तनों का मौजूदा और चल रहे अनुबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव को भी समझें। यह परिवर्तन व्यापार और उपभोक्ताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव लाने की उम्मीद है।
मुआवजा उपकर की समाप्ति और नया 40% जीएसटी स्लैब
पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट, शराबी पेय, लग्जरी गाड़ियां, प्राइवेट जेट, यॉट, और कैसीनो जैसी वस्तुओं व सेवाओं को अब 40% जीएसटी स्लैब में लाया गया है।
पहले इन पर 28% जीएसटी और अलग से Compensation Cess लगाया जाता था।
नई दरों से कुल टैक्स का बोझ लगभग वैसा ही रहेगा, लेकिन अब उपकर अलग से नहीं लगेगा।
नई दर संरचना: केवल 2 प्रमुख दरें
अब केवल 5% (मेरिट रेट) और 18% (स्टैंडर्ड रेट) रहेंगे।
12% और 28% स्लैब को समाप्त कर दिया गया है।
विशेष "सिन गुड्स" पर 40% टैक्स लागू होगा।
उपभोक्ता वस्तुएं और वाहन
माइक्रोवेव, टीवी, एसी और छोटी गाड़ियों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।
एम्बुलेंस और सामान ढोने वाले ट्रक-लॉरी पर 28% से घटाकर 18%।
ऊर्जा और निर्माण क्षेत्र
नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5%।
सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।
दवाइयां और स्वास्थ्य सेवाएं
सभी दवाओं पर जीएसटी अब 5% (पहले 12% था)।
जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर पूरी तरह जीएसटी छूट।
रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव
सीमेंट पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करना भारत के दो सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों - रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर - के लिए एक स्वागत योग्य राहत लाने के लिए तैयार है। यह दर कटौती सीधे तौर पर कम परियोजना लागत, बेहतर नकदी प्रवाह में तब्दील होती है, और आवास की सामर्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास को एक मजबूत बढ़ावा प्रदान करती है।
जीवन और व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर छूट
जीएसटी परिषद ने सभी प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी की छूट को मंजूरी दी है, जिसमें यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIPs) और एंडोमेंट पॉलिसियां भी शामिल हैं। इसके अलावा, व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों, जिसमें फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिक पॉलिसियां भी शामिल हैं, पर भी जीएसटी छूट की सिफारिश की गई है। छूट को पुनर्बीमा पॉलिसियों तक भी विस्तारित करने की सिफारिश की गई है। यह एक स्वागत योग्य कदम है और इससे भारत में बीमा कवरेज में वृद्धि होने की उम्मीद है।
जीएसटी परिषद ने मध्यवर्ती सेवाओं को अन्य क्रॉस-बॉर्डर सेवाओं के साथ संरेखित करने की अनुमति दी है। इस परिवर्तन से सेवाओं के वर्गीकरण और कराधान को सुव्यवस्थित करके अनावश्यक मुकदमेबाजी को कम करने, निर्यातकों के लिए कर निश्चितता और विश्वास बढ़ाने, और बहुराष्ट्रीय कंपनियों, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी), और आईटी/आईटीईएस क्षेत्र के भारतीय सहयोगियों को एक मजबूत बढ़ावा प्रदान करने की उम्मीद है।
मुआवजा उपकर की समाप्ति और नया 40% जीएसटी स्लैब
पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट, शराबी पेय, लग्जरी गाड़ियां, प्राइवेट जेट, यॉट, और कैसीनो जैसी वस्तुओं व सेवाओं को अब 40% जीएसटी स्लैब में लाया गया है।
पहले इन पर 28% जीएसटी और अलग से Compensation Cess लगाया जाता था।
नई दरों से कुल टैक्स का बोझ लगभग वैसा ही रहेगा, लेकिन अब उपकर अलग से नहीं लगेगा।
नई दर संरचना: केवल 2 प्रमुख दरें
अब केवल 5% (मेरिट रेट) और 18% (स्टैंडर्ड रेट) रहेंगे।
12% और 28% स्लैब को समाप्त कर दिया गया है।
विशेष "सिन गुड्स" पर 40% टैक्स लागू होगा।
मुख्य बदलाव और राहतें
माइक्रोवेव, टीवी, एसी और छोटी गाड़ियों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।
एम्बुलेंस और सामान ढोने वाले ट्रक-लॉरी पर 28% से घटाकर 18%।
ऊर्जा और निर्माण क्षेत्र
नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5%।
सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।
दवाइयां और स्वास्थ्य सेवाएं
सभी दवाओं पर जीएसटी अब 5% (पहले 12% था)।
जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर पूरी तरह जीएसटी छूट।
रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव
सीमेंट पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करना भारत के दो सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों - रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर - के लिए एक स्वागत योग्य राहत लाने के लिए तैयार है। यह दर कटौती सीधे तौर पर कम परियोजना लागत, बेहतर नकदी प्रवाह में तब्दील होती है, और आवास की सामर्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास को एक मजबूत बढ़ावा प्रदान करती है। जीवन और व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर छूट
जीएसटी परिषद ने सभी प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी की छूट को मंजूरी दी है, जिसमें यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIPs) और एंडोमेंट पॉलिसियां भी शामिल हैं। इसके अलावा, व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों, जिसमें फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिक पॉलिसियां भी शामिल हैं, पर भी जीएसटी छूट की सिफारिश की गई है। छूट को पुनर्बीमा पॉलिसियों तक भी विस्तारित करने की सिफारिश की गई है। यह एक स्वागत योग्य कदम है और इससे भारत में बीमा कवरेज में वृद्धि होने की उम्मीद है।
भारत को एक प्रतिस्पर्धी वैश्विक सेवा वितरण केंद्र बनाने के उपाय
जीएसटी परिषद ने मध्यवर्ती सेवाओं को अन्य क्रॉस-बॉर्डर सेवाओं के साथ संरेखित करने की अनुमति दी है। इस परिवर्तन से सेवाओं के वर्गीकरण और कराधान को सुव्यवस्थित करके अनावश्यक मुकदमेबाजी को कम करने, निर्यातकों के लिए कर निश्चितता और विश्वास बढ़ाने, और बहुराष्ट्रीय कंपनियों, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी), और आईटी/आईटीईएस क्षेत्र के भारतीय सहयोगियों को एक मजबूत बढ़ावा प्रदान करने की उम्मीद है।
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