‘हमें फ्लैट दो या इच्छा मृत्यु’: गुरुग्राम में माहिरा होम्स के खिलाफ प्रदर्शन
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गुरुग्राम का डीएलएफ फेज 2 रविवार, 7 सितंबर 2025 को गुस्से और निराशा के नारों से गूंज उठा, जब सैकड़ों घर खरीदारों ने बिल्डर सिकंदर छोकर के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। सिकंदर, पूर्व कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर के बेटे, माहिरा होम्स के निदेशक हैं, जिन्होंने सात साल पहले सेक्टर 68 में एक किफायती हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किया था। 1,500 से अधिक खरीदारों को उनके सपनों के घर का वादा किया गया, लेकिन आज तक निर्माण शुरू नहीं हुआ। “हमने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई लगा दी, लेकिन आज तक जमीन खाली पड़ी है,” एक प्रदर्शनकारी ने कहा। यह लेख इस प्रदर्शन और खरीदारों की मांगों को विस्तार से बताता है।
माहिरा होम्स ने 2017 में गुरुग्राम के सेक्टर 68 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक किफायती हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसमें 1,500 से अधिक खरीदारों ने अपनी जिंदगी की कमाई निवेश की। लेकिन सात साल बाद भी, प्रोजेक्ट की जमीन पर एक ईंट तक नहीं रखी गई। प्रदर्शनकारी, जो अपने सपनों के घर के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, अब कर्ज और किराए के दोहरे बोझ तले दब गए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने भावुक होकर कहा, “हमें फ्लैट दो या इच्छा मृत्यु की अनुमति दो,” जो उनकी हताशा को दर्शाता है।
सेक्टर 68 का प्रोजेक्ट माहिरा होम्स की एकमात्र विफलता नहीं है। कंपनी के गुरुग्राम में कम से कम पांच अन्य प्रोजेक्ट भी लंबित हैं, जिससे हजारों परिवार प्रभावित हैं। खरीदारों ने आरोप लगाया कि बिल्डर ने उनके पैसे का दुरुपयोग किया और वादों को पूरा करने में विफल रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले सिकंदर छोकर और उनके पिता धर्म सिंह छोकर को मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन दोनों को जमानत मिलने के बाद खरीदारों का गुस्सा और बढ़ गया। प्रदर्शनकारियों ने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) पर भी “ढीले रवैये” का आरोप लगाया, जिसके कारण उनकी न्याय की लड़ाई कमजोर हो रही है
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सरकार तुरंत माहिरा होम्स के सभी लंबित प्रोजेक्ट्स को अपने नियंत्रण में ले और निर्माण कार्य शुरू कराए ताकि खरीदारों को उनके घर मिल सकें। कई खरीदार, जो फ्लैट के लिए EMI और किराए का दोहरा खर्च वहन कर रहे हैं, ने सरकार से बिल्डर की वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने का आग्रह किया। एक बैनर में लिखा था, “सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। हम इस तरह और नहीं झेल सकते।” यह प्रदर्शन गुरुग्राम के रियल एस्टेट क्षेत्र में व्याप्त व्यापक संकट को उजागर करता है, जहां विलंबित परियोजनाएं आम हो गई हैं।
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सात साल का इंतजार, खाली जमीन
माहिरा होम्स ने 2017 में गुरुग्राम के सेक्टर 68 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक किफायती हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसमें 1,500 से अधिक खरीदारों ने अपनी जिंदगी की कमाई निवेश की। लेकिन सात साल बाद भी, प्रोजेक्ट की जमीन पर एक ईंट तक नहीं रखी गई। प्रदर्शनकारी, जो अपने सपनों के घर के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, अब कर्ज और किराए के दोहरे बोझ तले दब गए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने भावुक होकर कहा, “हमें फ्लैट दो या इच्छा मृत्यु की अनुमति दो,” जो उनकी हताशा को दर्शाता है।
माहिरा होम्स की लंबित परियोजनाएं
सेक्टर 68 का प्रोजेक्ट माहिरा होम्स की एकमात्र विफलता नहीं है। कंपनी के गुरुग्राम में कम से कम पांच अन्य प्रोजेक्ट भी लंबित हैं, जिससे हजारों परिवार प्रभावित हैं। खरीदारों ने आरोप लगाया कि बिल्डर ने उनके पैसे का दुरुपयोग किया और वादों को पूरा करने में विफल रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले सिकंदर छोकर और उनके पिता धर्म सिंह छोकर को मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन दोनों को जमानत मिलने के बाद खरीदारों का गुस्सा और बढ़ गया। प्रदर्शनकारियों ने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) पर भी “ढीले रवैये” का आरोप लगाया, जिसके कारण उनकी न्याय की लड़ाई कमजोर हो रही है
सरकारी हस्तक्षेप की मांग
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सरकार तुरंत माहिरा होम्स के सभी लंबित प्रोजेक्ट्स को अपने नियंत्रण में ले और निर्माण कार्य शुरू कराए ताकि खरीदारों को उनके घर मिल सकें। कई खरीदार, जो फ्लैट के लिए EMI और किराए का दोहरा खर्च वहन कर रहे हैं, ने सरकार से बिल्डर की वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने का आग्रह किया। एक बैनर में लिखा था, “सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। हम इस तरह और नहीं झेल सकते।” यह प्रदर्शन गुरुग्राम के रियल एस्टेट क्षेत्र में व्याप्त व्यापक संकट को उजागर करता है, जहां विलंबित परियोजनाएं आम हो गई हैं।