बिहार चुनाव 2025: प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी, NDA मुश्किल में, Jan Suraaj Party 150 से अधिक सीटें जीतेगी
बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्माने लगी है, और इस बार चर्चा का केंद्र बने हैं चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor)। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कई बड़ी और साहसिक भविष्यवाणियाँ की हैं, जो राज्य की राजनीति में हलचल मचा रही हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी जन सुराज इस चुनाव में या तो 150 से अधिक सीटें जीतेगी या फिर 10 से भी कम सीटें हासिल करेगी। उनके अनुसार, बिहार में लोगों का मूड इतना स्पष्ट है कि या तो जनता उन्हें पूर्ण बहुमत से स्वीकार करेगी या पूरी तरह खारिज कर देगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी को 120–130 सीटें भी मिलती हैं, तो वह इसे हार मानेँगे। यह बयान उनके आत्मविश्वास और जनता से सीधे जुड़ाव को दर्शाता है।
प्रशांत किशोर ने अपने बयान में एनडीए (NDA) और नीतीश कुमार पर भी सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की हालत बहुत कमजोर है और जनता का भरोसा लगातार कम हो रहा है।
उनका दावा है कि नीतीश कुमार अब किसी भी स्थिति में मुख्यमंत्री पद पर वापसी नहीं कर पाएँगे। उन्होंने यहां तक कहा कि जद (यू) को इस बार 25 सीटें पाने में भी मुश्किल होगी। किशोर के अनुसार, बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं और वही बदलाव जन सुराज लाने की कोशिश कर रहा है।
प्रशांत किशोर ने यह भी साफ किया कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका कहना है कि अगर वे खुद उम्मीदवार बनते हैं, तो पार्टी के संगठनात्मक कामकाज और रणनीति पर असर पड़ेगा। वे चाहते हैं कि पार्टी की पूरी ऊर्जा संगठन विस्तार और जनता से जुड़ाव पर केंद्रित रहे।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल सीटों का नहीं बल्कि राजनीति में नई सोच और नई संस्कृति लाने का अभियान है।
किशोर ने कहा कि अगर जन सुराज 150 से कम सीटें जीतता है, तो यह जनता का भरोसा न मिलना माना जाएगा। उनका यह आत्मविश्वास बिहार की राजनीति में नया संदेश दे रहा है कि अब मतदाता नारे या जातीय समीकरण से आगे सोच रहे हैं।
प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी ने बिहार के चुनावी समीकरणों को हिला दिया है। उनका कहना है कि आने वाला चुनाव या तो जन सुराज की बड़ी जीत लेकर आएगा या फिर यह दिखाएगा कि जनता अभी पारंपरिक राजनीति पर ही विश्वास रखती है। उन्होंने नीतीश कुमार और एनडीए पर सीधे वार करते हुए बिहार की सत्ता में बदलाव की संभावना जताई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 2025 का बिहार चुनाव उनके इन दावों को सच साबित करता है या नहीं।
जन सुराज या तो बहुत जीतेगा या पूरी तरह हारेगा
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी जन सुराज इस चुनाव में या तो 150 से अधिक सीटें जीतेगी या फिर 10 से भी कम सीटें हासिल करेगी। उनके अनुसार, बिहार में लोगों का मूड इतना स्पष्ट है कि या तो जनता उन्हें पूर्ण बहुमत से स्वीकार करेगी या पूरी तरह खारिज कर देगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी को 120–130 सीटें भी मिलती हैं, तो वह इसे हार मानेँगे। यह बयान उनके आत्मविश्वास और जनता से सीधे जुड़ाव को दर्शाता है।
NDA की स्थिति खराब, नीतीश कुमार अब मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे
प्रशांत किशोर ने अपने बयान में एनडीए (NDA) और नीतीश कुमार पर भी सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की हालत बहुत कमजोर है और जनता का भरोसा लगातार कम हो रहा है।
उनका दावा है कि नीतीश कुमार अब किसी भी स्थिति में मुख्यमंत्री पद पर वापसी नहीं कर पाएँगे। उन्होंने यहां तक कहा कि जद (यू) को इस बार 25 सीटें पाने में भी मुश्किल होगी। किशोर के अनुसार, बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं और वही बदलाव जन सुराज लाने की कोशिश कर रहा है।
खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने यह भी साफ किया कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका कहना है कि अगर वे खुद उम्मीदवार बनते हैं, तो पार्टी के संगठनात्मक कामकाज और रणनीति पर असर पड़ेगा। वे चाहते हैं कि पार्टी की पूरी ऊर्जा संगठन विस्तार और जनता से जुड़ाव पर केंद्रित रहे।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल सीटों का नहीं बल्कि राजनीति में नई सोच और नई संस्कृति लाने का अभियान है।
150 सीटों से कम आईं तो हार मानी जाएगी
किशोर ने कहा कि अगर जन सुराज 150 से कम सीटें जीतता है, तो यह जनता का भरोसा न मिलना माना जाएगा। उनका यह आत्मविश्वास बिहार की राजनीति में नया संदेश दे रहा है कि अब मतदाता नारे या जातीय समीकरण से आगे सोच रहे हैं।
क्या सच होगी ये भविष्यवाणी
प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी ने बिहार के चुनावी समीकरणों को हिला दिया है। उनका कहना है कि आने वाला चुनाव या तो जन सुराज की बड़ी जीत लेकर आएगा या फिर यह दिखाएगा कि जनता अभी पारंपरिक राजनीति पर ही विश्वास रखती है। उन्होंने नीतीश कुमार और एनडीए पर सीधे वार करते हुए बिहार की सत्ता में बदलाव की संभावना जताई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 2025 का बिहार चुनाव उनके इन दावों को सच साबित करता है या नहीं।
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