हर कार मालिक के लिए ज़रूरी: ये RTO नियम जानना क्यों है आपकी सुरक्षा और जेब के लिए महत्वपूर्ण
पेश हैं वे सबसे महत्वपूर्ण RTO नियम जिनका पालन हर कार मालिक को करना चाहिए:
1. ज़रूरी दस्तावेज़ हमेशा साथ रखें (भौतिक या डिजिटल रूप में)
यह सबसे बुनियादी और महत्वपूर्ण नियम है. जब भी आप गाड़ी चला रहे हों, आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज़ वैध अवस्था में होने चाहिए:
- ड्राइविंग लाइसेंस (DL): यह सबसे ज़रूरी है.
- रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC): गाड़ी के मालिकाना हक का प्रमाण.
- पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट: यह सुनिश्चित करता है कि आपकी गाड़ी प्रदूषण मानकों का पालन कर रही है. इसकी वैधता समय पर चेक कराएँ.
- वैध कार इंश्योरेंस: थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) अनिवार्य है. बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाना भारी जुर्माने का कारण बन सकता है (पहली बार ₹2,000 और दोहराने पर ₹4,000 तक).
- डिजिटल विकल्प: अच्छी बात यह है कि अक्टूबर 2020 से, आप इन सभी दस्तावेज़ों को 'DigiLocker' या 'mParivahan' ऐप पर डिजिटल रूप में भी रख सकते हैं. ट्रैफिक पुलिस द्वारा मांगे जाने पर डिजिटल कॉपी भी मान्य होती है.
2. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ( HSRP ) अनिवार्य
केंद्र सरकार ने सभी वाहनों के लिए 'हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट' (HSRP) और रंग-कोडित स्टिकर (Color-Coded Sticker) लगाना अनिवार्य कर दिया है.
- HSRP क्या है? ये एल्युमीनियम की प्लेटें होती हैं जिन पर क्रोमियम-आधारित होलोग्राम लगा होता है. इन्हें छेड़छाड़ करना मुश्किल होता है और ये वाहन चोरी को रोकने में मदद करती हैं.
- कलर-कोडेड स्टिकर: ये स्टिकर वाहन के ईंधन के प्रकार को दर्शाते हैं (जैसे पेट्रोल/CNG के लिए नीला, डीज़ल के लिए नारंगी). इन्हें विंडस्क्रीन पर लगाना ज़रूरी है.
- जुर्माना: बिना HSRP या स्टिकर के पकड़े जाने पर ₹5,000 से ₹10,000 तक का भारी जुर्माना लग सकता है.
3. पुरानी गाड़ियों के लिए स्क्रैपिंग और री-रजिस्ट्रेशन नियम
सरकार की नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत पुराने वाहनों को लेकर महत्वपूर्ण नियम लागू किए गए हैं:
- 15 साल से पुराने निजी वाहन: यदि आपकी निजी कार 15 साल से ज़्यादा पुरानी हो गई है, तो आपको हर 5 साल में उसका री-रजिस्ट्रेशन कराना होगा. री-रजिस्ट्रेशन से पहले आपको फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य है.
- 20 साल पुराने वाहन: 20 साल से ज़्यादा पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने (कबाड़ में बदलने) के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
- एनसीआर के नियम: दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्रों में 15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीज़ल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध है.
4. मालिकाना हक (Ownership) ट्रांसफर के नियम
जब आप अपनी पुरानी कार बेचते हैं या किसी पुरानी कार को खरीदते हैं, तो RTO में उसका मालिकाना हक ट्रांसफर कराना सबसे ज़रूरी होता है.
- समय सीमा: गाड़ी बेचने या खरीदने के 30 दिनों के भीतर RTO में मालिकाना हक ट्रांसफर के लिए आवेदन करना ज़रूरी है.
- फॉर्म: इसके लिए फॉर्म 29 और फॉर्म 30 भरना और जमा करना आवश्यक है.
- दायित्व: यदि खरीदार गाड़ी को अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं कराता है, तो किसी भी दुर्घटना या कानूनी कार्यवाही के लिए पुराना मालिक ही ज़िम्मेदार माना जाएगा. इसलिए, बेचने वाले के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि ट्रांसफर जल्द से जल्द हो जाए.
5. एड्रेस बदलने पर RC में अपडेट
यदि आप अपना निवास स्थान बदलते हैं, तो आपको अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) में अपना नया पता अपडेट कराना ज़रूरी है.
- समय सीमा: पता बदलने के 30 दिनों के भीतर RTO को सूचित करना और फॉर्म 33 भरकर RC में बदलाव कराना अनिवार्य है.
- ज़रूरी दस्तावेज़: इसके लिए फॉर्म 33, ओरिजिनल RC, पते का प्रमाण और बीमा कॉपी की ज़रूरत होती है.
इन नियमों का पालन करना न केवल कानून का सम्मान है, बल्कि सड़क पर अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक तरीका भी है. जुर्माने से बचने के लिए नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदार नागरिक बनने के लिए इन नियमों को अपनी ड्राइविंग का हिस्सा बना लें.