गांधी जयंती 2025 का महत्व और स्वतंत्रता संग्राम की कहानी

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भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी को याद करने का दिन है गांधी जयंती। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। वे अहिंसा और सत्य के पुजारी थे, जिन्होंने बिना हथियार के देश को आजादी दिलाई। 2025 में उनकी 156वीं जयंती पर देश सरलता और सम्मान से यह पर्व मनाएगा। यह न सिर्फ राष्ट्रीय अवकाश है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी जाना जाता है। गांधी जी के विचार आज भी शांति और एकता का प्रतीक हैं।


गांधी जयंती 2025 कब मनाई जाएगी?


यह विशेष दिन हर वर्ष 2 अक्टूबर को आता है, जो गांधी जी के जन्म की तारीख है। वे भारतीय इतिहास के सबसे सम्मानित नायक हैं।

महात्मा गांधी कौन थे?


मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उन्हें प्यार से महात्मा या बापू कहा जाता है। वे वकील थे, स्वतंत्रता सेनानी थे और समाज सुधारक भी। गांधी जी ने ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई। वे हिंसा के खिलाफ थे और शांति व सत्य पर विश्वास रखते थे। लोगों से हमेशा सच्चाई का पालन करने को कहा। उनके प्रमुख आंदोलन थे नमक मार्च, असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन।

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हम गांधी जयंती क्यों मनाते हैं?

यह पर्व महात्मा गांधी के जन्म को सम्मान देने के लिए है। गांधी जी ने अहिंसा के रास्ते से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी और पूरे देश को एकजुट किया। भारत सरकार ने 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया ताकि उनके योगदान को याद रखा जाए। यह दिन उनके सिद्धांतों जैसे शांति, ईमानदारी, सादगी और स्वावलंबन को जीवित रखता है। 2007 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस बनाया, जो दुनिया को युद्ध के बजाय शांति चुनने की सीख देता है।


गांधी जयंती कैसे मनाई जाती है?


दिल्ली के राजघाट पर, जहां गांधी जी का अंतिम संस्कार हुआ था, लोग श्रद्धा के फूल चढ़ाते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। विशेष कार्यक्रमों में गीत, भाषण होते हैं। उनकी प्रिय भजन ‘Raghupati Raghav Raja Ram’ गाई जाती है। लोग सफाई अभियान चलाते हैं, क्योंकि गांधी जी स्वच्छता के पक्षधर थे।


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