PM Kisan Yojana Update: इन किसानों को लौटाने होंगे पैसे, सरकार ने अपात्र लाभार्थियों पर कसा शिकंजा

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) भारत के करोड़ों छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक जीवनरेखा की तरह है। सरकार इस योजना के माध्यम से हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजती है। लेकिन हाल के दिनों में यह देखा गया है कि कई ऐसे लोग भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं जो इसके पात्र नहीं हैं। अब केंद्र सरकार ने ऐसे अपात्र लोगों की पहचान करने और उनसे पैसे वसूलने के लिए नियमों को बेहद सख्त कर दिया है।

किन लोगों पर गिरेगी गाज?

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यह योजना केवल उन किसानों के लिए है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। यदि कोई व्यक्ति निम्नलिखित श्रेणियों में आता है, तो उसे अपात्र माना जाएगा और उसे अब तक मिली सभी किस्तों की राशि वापस करनी पड़ सकती है:

  • आयकर दाता: यदि परिवार का कोई भी सदस्य पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स भर चुका है, तो वह इस योजना का लाभ नहीं ले सकता।
  • संवैधानिक पद और सरकारी नौकरी: पूर्व या वर्तमान संवैधानिक पद धारक, केंद्र या राज्य सरकार के मंत्रालयों में कार्यरत या सेवानिवृत्त कर्मचारी (ग्रुप डी और एमटीएस को छोड़कर) इस योजना के दायरे से बाहर हैं।
  • पेंशनभोगी: ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये या उससे अधिक है, वे भी अपात्र माने गए हैं।
  • पेशेवर व्यक्ति: डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे लोग, जो प्रोफेशनल निकायों के साथ पंजीकृत हैं, इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।
  • संस्थागत भूमि धारक: यदि खेती की जमीन किसी संस्था, ट्रस्ट या कंपनी के नाम पर है, तो उस पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

1 जनवरी 2025 से लागू हुए नए बदलावसरकार ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अब कुछ प्रक्रियाओं को अनिवार्य कर दिया है। यदि आपने ये काम पूरे नहीं किए हैं, तो आपकी 21वीं किस्त रुक सकती है:

  1. ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य: अब हर लाभार्थी के लिए अपना ई-केवाईसी अपडेट करना जरूरी है। आप इसे पीएम किसान पोर्टल पर ओटीपी के जरिए या नजदीकी सीएससी (CSC) सेंटर पर जाकर बायोमेट्रिक तरीके से करा सकते हैं।
  2. भूलेख सत्यापन (Land Seeding): आपकी जमीन का रिकॉर्ड बैंक खाते और आधार से लिंक होना चाहिए। यदि जमीन आपके नाम पर नहीं है या रिकॉर्ड में कोई विसंगति है, तो पैसा अटक सकता है।
  3. आधार सीडिंग: बैंक खाते का आधार से लिंक होना और डीबीटी (Direct Benefit Transfer) मोड का सक्रिय होना अब प्राथमिक शर्त है।

अपात्रों से होगी रिकवरी

सरकार ने जिला स्तर पर विशेष समितियों का गठन किया है जो लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन (Physical Verification) कर रही हैं। यदि कोई व्यक्ति जांच में अपात्र पाया जाता है, तो न केवल उसका नाम लिस्ट से काट दिया जाएगा, बल्कि उसे अब तक मिली सभी किस्तों का पैसा सरकारी खजाने में वापस जमा करना होगा। सरकार ने इसके लिए पोर्टल पर 'Voluntary Surrender' (स्वैच्छिक आत्मसमर्पण) का विकल्प भी दिया है, ताकि लोग खुद आगे आकर अपनी अपात्रता स्वीकार कर सकें।

पीएम किसान योजना का उद्देश्य सही मायने में जरूरतमंद किसानों की मदद करना है। नियमों की सख्ती उन लोगों के लिए है जो पात्रता न होते हुए भी सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। यदि आप एक पात्र किसान हैं, तो तुरंत अपना ई-केवाईसी और लैंड सीडिंग का काम पूरा करें ताकि आपको मिलने वाली 2,000 रुपये की किस्त में कोई बाधा न आए।



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