Nutrition Campaign 2025: स्वस्थ महिला से सशक्त परिवार, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताई सफलता की कहानी
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दिल्ली में इसकी सफलता पर संतोष जताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम न सिर्फ कुपोषण को कम करने में मददगार साबित हुआ, बल्कि महिलाओं और बच्चों की सेहत को मजबूत बनाने का मजबूत आधार भी बना। यह राष्ट्रीय पोषण माह का आठवां संस्करण था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के धार जिले से किया। मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा बच्चों और महिलाओं की सेहत को प्राथमिकता देते हैं, और यह अभियान उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस साल का मुख्य थीम 'स्वस्थ महिला, सशक्त परिवार' था, जो साफ बताता है कि एक स्वस्थ महिला ही परिवार की नींव को मजबूत रख सकती है। मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि यह थीम महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। अगर महिलाएं पौष्टिक भोजन लेंगी, तो पूरा परिवार स्वस्थ रहेगा। अभियान के दौरान छह प्रमुख थीम्स पर काम किया गया: महिला, बाल विकास और विवाह; आंगनवाड़ी केंद्रों में ईसीसीई (अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन), पोषण और शिक्षा; मोटापा; वोकल फॉर लोकल; और तकनीकी आधारित कार्यक्रमों पर प्रशिक्षण। इन थीम्स के तहत देश भर में जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए, जिसमें लाखों लोगों ने हिस्सा लिया।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बच्चों की सेहत को लेकर बेहद चिंतित रहते हैं। खासकर 3 से 6 साल के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण के साथ-साथ शिक्षा पर फोकस किया गया। मोटापे की समस्या को देखते हुए विशेष अभियान चलाया गया, ताकि बच्चों को संतुलित आहार मिले। वोकल फॉर लोकल के तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया गया, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत हुई। तकनीकी प्रशिक्षण से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नई स्किल्स सिखाई गईं, जो भविष्य में और प्रभावी काम करेंगी।
अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि इस अभियान के दौरान 13 करोड़ से अधिक गतिविधियां आयोजित की गईं। ये थीम आधारित कार्यक्रम थे, जिनमें आम जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायक, आशा कार्यकर्ता और स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका सराहनीय रही। सरकार का प्रयास रहा कि ये कार्यक्रम ग्रामीण स्तर तक पहुंचें, ताकि हर व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। पोषण माह और पोषण पखवाड़ा जैसे प्रयासों से लोगों में जागरूकता बढ़ी है। मंत्री ने कहा कि ये कार्यक्रम सरकार की प्राथमिकता हैं, जो वास्तविकता पर आधारित हैं। बच्चों को संतुलित भोजन देने के साथ पोषण कार्यक्रम चलाए गए, जिससे कुपोषण की दर कम होगी।
पोषण अभियान भारत जैसे विकासशील देश के लिए बेहद जरूरी है। कुपोषण से न सिर्फ बच्चों का शारीरिक विकास रुकता है, बल्कि बौद्धिक क्षमता भी प्रभावित होती है। सरकार की योजनाएं जैसे पोषण भारत मिशन, आंगनवाड़ी सेवाएं और मिड-डे मील इसी दिशा में काम कर रही हैं। इस अभियान ने दिखाया कि सामूहिक प्रयास से बड़े बदलाव संभव हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शुरू हुए इस कार्यक्रम ने अच्छा रिस्पॉन्स दिया है। क्षेत्र से सकारात्मक फीडबैक आ रहा है, और इससे योजनाओं की जानकारी के साथ लाभ आम लोगों तक पहुंचेगा।
मंत्री ने जोर दिया कि स्थानीय प्रतिनिधियों को इसमें शामिल करना जरूरी है, ताकि जागरूकता हर कोने तक फैले। यह अभियान न सिर्फ स्वास्थ्य सुधारता है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाकर समाज को मजबूत करता है। आने वाले समय में ऐसे कार्यक्रमों से भारत कुपोषण मुक्त बनेगा। अगर आप भी इसमें योगदान देना चाहें, तो नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या सरकारी ऐप्स से जुड़ें। पोषण ही राष्ट्र निर्माण की कुंजी है।
अभियान का मुख्य थीम: स्वस्थ महिला, सशक्त परिवार
इस साल का मुख्य थीम 'स्वस्थ महिला, सशक्त परिवार' था, जो साफ बताता है कि एक स्वस्थ महिला ही परिवार की नींव को मजबूत रख सकती है। मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि यह थीम महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। अगर महिलाएं पौष्टिक भोजन लेंगी, तो पूरा परिवार स्वस्थ रहेगा। अभियान के दौरान छह प्रमुख थीम्स पर काम किया गया: महिला, बाल विकास और विवाह; आंगनवाड़ी केंद्रों में ईसीसीई (अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन), पोषण और शिक्षा; मोटापा; वोकल फॉर लोकल; और तकनीकी आधारित कार्यक्रमों पर प्रशिक्षण। इन थीम्स के तहत देश भर में जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए, जिसमें लाखों लोगों ने हिस्सा लिया।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बच्चों की सेहत को लेकर बेहद चिंतित रहते हैं। खासकर 3 से 6 साल के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण के साथ-साथ शिक्षा पर फोकस किया गया। मोटापे की समस्या को देखते हुए विशेष अभियान चलाया गया, ताकि बच्चों को संतुलित आहार मिले। वोकल फॉर लोकल के तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया गया, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत हुई। तकनीकी प्रशिक्षण से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नई स्किल्स सिखाई गईं, जो भविष्य में और प्रभावी काम करेंगी।
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अभियान की सफलता: 13 करोड़ से ज्यादा गतिविधियां
अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि इस अभियान के दौरान 13 करोड़ से अधिक गतिविधियां आयोजित की गईं। ये थीम आधारित कार्यक्रम थे, जिनमें आम जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायक, आशा कार्यकर्ता और स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका सराहनीय रही। सरकार का प्रयास रहा कि ये कार्यक्रम ग्रामीण स्तर तक पहुंचें, ताकि हर व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। पोषण माह और पोषण पखवाड़ा जैसे प्रयासों से लोगों में जागरूकता बढ़ी है। मंत्री ने कहा कि ये कार्यक्रम सरकार की प्राथमिकता हैं, जो वास्तविकता पर आधारित हैं। बच्चों को संतुलित भोजन देने के साथ पोषण कार्यक्रम चलाए गए, जिससे कुपोषण की दर कम होगी।
पोषण अभियान का महत्व: भारत का स्वस्थ भविष्य
पोषण अभियान भारत जैसे विकासशील देश के लिए बेहद जरूरी है। कुपोषण से न सिर्फ बच्चों का शारीरिक विकास रुकता है, बल्कि बौद्धिक क्षमता भी प्रभावित होती है। सरकार की योजनाएं जैसे पोषण भारत मिशन, आंगनवाड़ी सेवाएं और मिड-डे मील इसी दिशा में काम कर रही हैं। इस अभियान ने दिखाया कि सामूहिक प्रयास से बड़े बदलाव संभव हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शुरू हुए इस कार्यक्रम ने अच्छा रिस्पॉन्स दिया है। क्षेत्र से सकारात्मक फीडबैक आ रहा है, और इससे योजनाओं की जानकारी के साथ लाभ आम लोगों तक पहुंचेगा।
मंत्री ने जोर दिया कि स्थानीय प्रतिनिधियों को इसमें शामिल करना जरूरी है, ताकि जागरूकता हर कोने तक फैले। यह अभियान न सिर्फ स्वास्थ्य सुधारता है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाकर समाज को मजबूत करता है। आने वाले समय में ऐसे कार्यक्रमों से भारत कुपोषण मुक्त बनेगा। अगर आप भी इसमें योगदान देना चाहें, तो नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या सरकारी ऐप्स से जुड़ें। पोषण ही राष्ट्र निर्माण की कुंजी है।