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बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए अपडेट, PPF रिटर्न पर बड़ी खबर

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भारत में सुरक्षित निवेश के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) हमेशा से ही मध्यम वर्ग की पहली पसंद रहे हैं। हर तिमाही में सरकार इन योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है। वर्तमान आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए निवेशक इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि शायद आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कुछ बढ़ोतरी देखने को मिले। हालांकि, सरकार अपनी राजकोषीय स्थिति और बाजार में चल रही मुद्रास्फीति को ध्यान में रखकर ही कोई अंतिम फैसला लेती है।
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पीपीएफ की सबसे बड़ी खासियत इसकी 'ई-ई-ई' श्रेणी है, जिसका अर्थ है कि निवेश की गई राशि, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा, तीनों ही टैक्स फ्री होते हैं। वर्तमान में इसकी ब्याज दर 7.1 प्रतिशत के आसपास स्थिर है। लंबी अवधि के लक्ष्यों जैसे बच्चों की शिक्षा या अपनी सेवानिवृत्ति के लिए पीपीएफ को एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है क्योंकि इसमें जोखिम शून्य है और रिटर्न की गारंटी सरकार देती है।

दूसरी ओर नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) उन लोगों के लिए बेहतर है जो 5 साल की निश्चित अवधि के लिए पैसा जमा करना चाहते हैं। एनएससी पर मिलने वाला ब्याज पीपीएफ से थोड़ा अधिक हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह टैक्स फ्री नहीं होता है। हालांकि, आयकर की धारा 80सी के तहत इसमें निवेश की गई राशि पर छूट जरूर मिलती है। सुरक्षित निवेश चाहने वालों के लिए एनएससी एक पारदर्शी और सरल बचत योजना है जिसे किसी भी डाकघर से शुरू किया जा सकता है।


निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो में इन दोनों योजनाओं का संतुलन बनाए रखें। यदि आप बहुत लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो पीपीएफ बेहतर है, लेकिन यदि आपको 5 साल बाद पैसों की जरूरत है तो एनएससी एक अच्छा विकल्प है। ब्याज दरों में होने वाले छोटे बदलावों के बावजूद, इन योजनाओं की सुरक्षा और कर लाभ इन्हें शेयर बाजार की अस्थिरता के बीच एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं।



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