बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल और सांसद की फिटनेस का राज, 77 साल की उम्र में भी चमकदार चेहरा और ताजगी
बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल और राजस्थान के सांसद हेमा मालिनी ने यह साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है। 77 वर्ष की उम्र में भी वह शारीरिक और मानसिक रूप से चुस्त-दुरुस्त हैं। उनका यह संतुलित और अनुशासित जीवनशैली का राज उनकी डाइट, नियमित व्रत और सरल आहार पहलुओं में छिपा है।
हेमा बताती हैं कि वे सुबह की शुरुआत एक कप चाय से करती हैं। वह दिन में केवल दो कप चाय लेती हैं। चाय की दूध पहले केसर के साथ उबालकर बनाई जाती है। चाय के साथ वे कुछ मैरी बिस्किट लेती हैं। नाश्ते में वह इडली चुनती हैं और तली हुई चीजें जैसे वड़ा नहीं खाती। अगर रविवार हो, तो कभी-कभी वे पनीर पराठा और दही लेती हैं।
हेमा मालिनी का जीवनचर्या व्रत पर भी आधारित है। वे सोमवार को भगवान शिव की भक्ती में व्रत करती हैं और शुक्रवार को देवी (दुर्गा या लक्ष्मी) की पूजा में व्रत रखती हैं। व्रत के दौरान उनकी डाइट बहुत हल्की होती है — नमक रहित पनीर के दो छोटे टुकड़े, केले, और ऑरेंज जूस। व्रत शाम 6:30 बजे तक ही रहती है।
हेमा मालिनी मूलतः एक पवित्र शाकाहारी परिवार से हैं। वे मांसाहारी भोजन नहीं लेती हैं। वह दक्षिण भारतीय और गुजराती व्यंजनों को पसंद करती हैं। जैसे कि रसम, कड़ि, इडली, आदि।
वे कहते हैं कि वे चपाती और चावल एकसाथ नहीं खातीं — यानी यदि चावल हो, तो चपाती नहीं, और यदि चपाती हो तो चावल नहीं। जब वे फिल्म की शूटिंग पर होती हैं, तो अपना खाना साथ ले जाती हैं, ताकि भोजन उनकी डाइट अनुसार ही बने।
हेमा मालिनी का फिटनेस सिर्फ खाने-पीने तक सीमित नहीं है। उन्होंने कभी-कभी बताया है कि योग, नृत्य, और ध्यान/मेडिटेशन उनके जीवन में नियमित हैं। ये गतिविधियाँ उनकी शारीरिक और मानसिक शक्ति बनाए रखने में मदद करती हैं।
वे यह मानती हैं कि इन आदतों ने वर्षों से उन्हें ऊर्जा, लचीलापन, और स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद की है।
हेमा मालिनी का जीवन हमें यह सिखाता है कि संयम, सरलता और अपनी आदतों पर नियंत्रण हमें उम्र की चुनौतियों से पार दिला सकते हैं। उनकी डाइट पूरी तरह शाकाहारी है, और उन्होंने दक्षिण भारतीय खाने, व्रत और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल किया है। इन सभी आदतों ने उन्हें 77 वर्ष की उम्र में भी चुस्त, ऊर्जावान और स्वस्थ बनाए रखा है।
सुबह की शुरुआत और दैनिक आहार
हेमा बताती हैं कि वे सुबह की शुरुआत एक कप चाय से करती हैं। वह दिन में केवल दो कप चाय लेती हैं। चाय की दूध पहले केसर के साथ उबालकर बनाई जाती है। चाय के साथ वे कुछ मैरी बिस्किट लेती हैं। नाश्ते में वह इडली चुनती हैं और तली हुई चीजें जैसे वड़ा नहीं खाती। अगर रविवार हो, तो कभी-कभी वे पनीर पराठा और दही लेती हैं।
व्रत: सोमवार और शुक्रवार का महत्व
हेमा मालिनी का जीवनचर्या व्रत पर भी आधारित है। वे सोमवार को भगवान शिव की भक्ती में व्रत करती हैं और शुक्रवार को देवी (दुर्गा या लक्ष्मी) की पूजा में व्रत रखती हैं। व्रत के दौरान उनकी डाइट बहुत हल्की होती है — नमक रहित पनीर के दो छोटे टुकड़े, केले, और ऑरेंज जूस। व्रत शाम 6:30 बजे तक ही रहती है।
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शाकाहारी भोजन और दक्षिण भारतीय स्वाद
हेमा मालिनी मूलतः एक पवित्र शाकाहारी परिवार से हैं। वे मांसाहारी भोजन नहीं लेती हैं। वह दक्षिण भारतीय और गुजराती व्यंजनों को पसंद करती हैं। जैसे कि रसम, कड़ि, इडली, आदि।
वे कहते हैं कि वे चपाती और चावल एकसाथ नहीं खातीं — यानी यदि चावल हो, तो चपाती नहीं, और यदि चपाती हो तो चावल नहीं। जब वे फिल्म की शूटिंग पर होती हैं, तो अपना खाना साथ ले जाती हैं, ताकि भोजन उनकी डाइट अनुसार ही बने।
योग, नृत्य और जीवनशैली का योगदान
हेमा मालिनी का फिटनेस सिर्फ खाने-पीने तक सीमित नहीं है। उन्होंने कभी-कभी बताया है कि योग, नृत्य, और ध्यान/मेडिटेशन उनके जीवन में नियमित हैं। ये गतिविधियाँ उनकी शारीरिक और मानसिक शक्ति बनाए रखने में मदद करती हैं।
वे यह मानती हैं कि इन आदतों ने वर्षों से उन्हें ऊर्जा, लचीलापन, और स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद की है।
हेमा मालिनी के फिटनेस टिप्स
हेमा मालिनी का जीवन हमें यह सिखाता है कि संयम, सरलता और अपनी आदतों पर नियंत्रण हमें उम्र की चुनौतियों से पार दिला सकते हैं। उनकी डाइट पूरी तरह शाकाहारी है, और उन्होंने दक्षिण भारतीय खाने, व्रत और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल किया है। इन सभी आदतों ने उन्हें 77 वर्ष की उम्र में भी चुस्त, ऊर्जावान और स्वस्थ बनाए रखा है।