हाजमे के लिए खाई जाने वाली आम टैबलेट क्यों नहीं है हर बार सुरक्षित, जानें डॉक्टर की राय

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भारतीय घरों में, खासकर त्योहारों के बाद या किसी भारी भोजन के बाद, एक चीज़ बहुत आम है और वो है हाजमे की गोली। जब भी पेट भारी लगता है, गैस या अपच की शिकायत होती है, तो तुरंत किचन कैबिनेट से एक छोटी सी गोली निकालकर खा ली जाती है। यह गोली हमारे लिए उतनी ही ज़रूरी बन चुकी है जितना कि नमक और हल्दी। इसे हम अक्सर पूरी तरह सुरक्षित और हानिरहित मानते हैं।

लेकिन अब एक विशेषज्ञ डॉक्टर ने इस बेहद लोकप्रिय डाइजेस्टिव टैबलेट के बारे में गंभीर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि जिस गोली को हम बिना सोचे समझे इस्तेमाल करते हैं, वह हमेशा सुरक्षित नहीं होती और इसके लगातार इस्तेमाल से हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुँच सकता है। आइए समझते हैं कि आखिर डॉक्टर क्यों इतनी बड़ी चेतावनी दे रहे हैं और हमें क्या सावधानी बरतनी चाहिए।

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आखिर कौन सी है यह गोली?

हालाँकि डॉक्टर ने किसी विशेष ब्रांड का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनका इशारा उन सभी ओवर द काउंटर (OTC) पाचन टैबलेट्स की तरफ है जिनमें मुख्य रूप से एंटीएसिड या पाचन एंजाइम मौजूद होते हैं। ये दवाएँ हमें बिना डॉक्टर के पर्चे के आसानी से मिल जाती हैं और लोग इन्हें इमरजेंसी किट का हिस्सा मानकर रखते हैं।

इन टैबलेट्स का काम पेट में बनने वाले एसिड को बेअसर करना या खाने को पचाने में मदद करना होता है। लेकिन यहीं पर ख़तरा छिपा है।



डॉक्टर की चेतावनी: क्यों है यह खतरनाक?

डॉक्टरों के अनुसार, इन गोलियों का खतरनाक होना तीन मुख्य बातों पर निर्भर करता है:

  1. समस्या को छिपाना: अक्सर अपच या पेट दर्द किसी बड़ी अंदरूनी समस्या का संकेत होता है, जैसे कि अल्सर, एसिड रिफ्लक्स रोग (GERD), या गॉल ब्लैडर की समस्या। जब हम तुरंत डाइजेस्टिव टैबलेट खा लेते हैं, तो यह उस मूल बीमारी के लक्षणों को दबा देती है। इससे हमें लगता है कि हम ठीक हो गए हैं, जबकि असल बीमारी अंदर ही अंदर बढ़ती रहती है। डॉक्टर बताते हैं कि लक्षणों को दबाने से सही इलाज में देरी होती है।
  2. एंटीएसिड का अत्यधिक उपयोग: कई लोकप्रिय पाचन गोलियों में कैल्शियम कार्बोनेट या मैग्नीशियम जैसे एंटीएसिड होते हैं। इनका लगातार और लंबे समय तक इस्तेमाल शरीर में मिनरल संतुलन को बिगाड़ सकता है। कुछ शोध बताते हैं कि कुछ एंटीएसिड के नियमित सेवन से किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है या ज़रूरी पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा आ सकती है।
  3. आदत बन जाना: जब हम मामूली अपच के लिए भी गोली खाने लगते हैं, तो हमारा शरीर उस पर निर्भर हो जाता है। धीरे धीरे हमारी पाचन प्रणाली अपनी प्राकृतिक गति खोने लगती है। कुछ मामलों में, इन गोलियों के बंद होने पर बाउंस बैक प्रभाव हो सकता है, जिससे पेट में पहले से ज़्यादा एसिड बनने लगता है।



आपको क्या करना चाहिए: स्वस्थ पाचन का रास्ता

डॉक्टरों का स्पष्ट मत है कि यदि अपच या पेट की समस्या कभी कभार होती है, तो एक बार टैबलेट लेना ठीक हो सकता है, लेकिन अगर यह समस्या सप्ताह में दो या तीन बार से ज़्यादा होने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

पाचन को स्वस्थ रखने के लिए कुछ ज़रूरी सुझाव:

  • खानपान पर ध्यान दें: अपने आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाएँ, खूब पानी पिएँ और तैलीय व प्रसंस्कृत (Processed) भोजन से बचें।
  • खाने का समय तय करें: देर रात खाना खाने की आदत से बचें और सोने से कम से कम दो घंटे पहले अपना रात का भोजन कर लें।
  • प्रोबायोटिक्स लें: दही या अन्य फर्मेंटेड खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें, ये पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं।
  • आत्म उपचार से बचें: किसी भी दवा को बिना यह जाने कि आपकी समस्या का असली कारण क्या है, लगातार इस्तेमाल न करें।

निष्कर्ष यह है कि पाचन की यह लोकप्रिय गोली, जो आपकी दोस्त लगती है, वह लंबे समय में आपकी दुश्मन बन सकती है। डॉक्टर की सलाह को गंभीरता से लें और आत्म उपचार से बचें। अपने पेट को शांत रखने के लिए दवाइयों के बजाय अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएँ।





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