माफ़ करो, आगे बढ़ो! इस दिवाली 2025 पर 3 स्टेप में रिश्तों को करें रीसेट
जब हम दिवाली के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले मन में दीयों की कतारें, पटाखों की गूँज और ढेर सारी मिठाइयाँ आती हैं। लेकिन इस जगमगाते त्योहार का एक और भी सुंदर और गहरा पक्ष है - हमारा भावनात्मक पहलू। दिवाली भारतीय संस्कृति में सिर्फ एक धार्मिक या सामाजिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे रिश्तों और आत्मा को शुद्ध करने का एक वार्षिक अवसर है। यह वह समय है जब भौतिक सुख-सुविधाओं से ऊपर उठकर, हम इंसान होने के सच्चे अर्थ को महसूस करते हैं, यानी प्यार, जुड़ाव और दिल की उदारता। यह त्योहार हमें तीन सबसे महत्वपूर्ण भावनाओं को जीने का मौका देता है: मिलन, क्षमा और एक नई शुरुआत।
दिवाली का पहला और सबसे महत्वपूर्ण पहलू है एकजुटता। साल भर काम या जिम्मेदारियों के चलते दूर रहे लोग इस दिन अपने घर लौटते हैं।
दिवाली हमें केवल घर की सफाई नहीं, बल्कि मन की सफाई करने का भी संदेश देती है।
दिवाली हिंदू कैलेंडर के नए वित्तीय वर्ष (विक्रम संवत) की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो हमें जीवन के हर क्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का संकेत देता है।
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मिलन: परिवार और दोस्तों का अनमोल साथ
दिवाली का पहला और सबसे महत्वपूर्ण पहलू है एकजुटता। साल भर काम या जिम्मेदारियों के चलते दूर रहे लोग इस दिन अपने घर लौटते हैं।
- घर वापसी की खुशी: दिवाली पर अपनों का घर वापस आना ही सबसे बड़ी खुशी होती है। यह परिवार को फिर से पूरा करता है।
- रिश्तों की गर्माहट: एक साथ बैठकर दीये जलाना, पूजा करना और खाना खाना, रिश्तों की गर्माहट को बढ़ाता है। यह एक ऐसा समय है जब सभी पीढ़ियां साथ आती हैं, और दादा-दादी से लेकर पोते-पोतियों तक, सब एक-दूसरे से जुड़ते हैं।
- समुदाय का जश्न: सिर्फ परिवार नहीं, दोस्त और पड़ोसी भी उपहारों और शुभकामनाओं के आदान-प्रदान के लिए मिलते हैं, जिससे सामाजिक सद्भाव बढ़ता है।
क्षमा: मन की गांठें खोलना
दिवाली हमें केवल घर की सफाई नहीं, बल्कि मन की सफाई करने का भी संदेश देती है।
- पुराने गिले-शिकवे भूलना: यह वह शुभ मुहूर्त है जब लोग पिछले साल की कड़वाहट और मनमुटाव को भुलाकर, एक-दूसरे को गले लगाते हैं।
- क्षमा का दीपक: जिस तरह दीया अंधकार को मिटाता है, उसी तरह क्षमा की भावना हमारे मन में मौजूद नफरत या नाराजगी को खत्म करती है। रिश्तों को नया जीवन देने के लिए, क्षमा (Forgiveness) सबसे शक्तिशाली उपकरण है।
- स्वच्छ मन, शुभ शुरुआत: जब हम किसी को माफ कर देते हैं, तो हम खुद को बोझ से मुक्त करते हैं। मन का हल्का होना ही दिवाली की सबसे अच्छी "शुभ लाभ" है।
नई शुरुआत: एक नई ऊर्जा के साथ
दिवाली हिंदू कैलेंडर के नए वित्तीय वर्ष (विक्रम संवत) की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो हमें जीवन के हर क्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का संकेत देता है।
- संकल्प और उत्साह: लोग इस दिन नए व्यापार, निवेश या व्यक्तिगत लक्ष्य शुरू करते हैं। यह एक नया संकल्प लेने का समय होता है।
- सकारात्मकता का संचार: घर की साफ-सफाई ('दीप-क्लीनिंग') इस बात का प्रतीक है कि हम अपने जीवन से पुरानी और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल रहे हैं और सकारात्मकता का स्वागत कर रहे हैं और अपने जीवन में एक नई शुरुआत कर रहें हैं।
- नया खाता बही (चोपड़ा पूजन): व्यापारी इस दिन अपनी नई खाता बही खोलते हैं, यह उम्मीद करते हुए कि आने वाला साल धन और सफलता लाएगा।