पब्लिक स्पीकिंग का डर कैसे करें दूर? इन तरीकों से नर्वसनेस को कहें अलविदा

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हर किसी को कभी न कभी पब्लिक स्पीकिंग का सामना करना पड़ता है—चाहे वह ऑफिस प्रेजेंटेशन हो, कॉलेज का सेमिनार या किसी समारोह में भाषण देना। अक्सर लोग इससे बचने की कोशिश करते हैं क्योंकि उन्हें डर लगता है कि वे गलती कर देंगे या लोग उन्हें जज करेंगे। लेकिन सच यह है कि यह डर सामान्य है और थोड़े से अभ्यास और सही दृष्टिकोण से इसे दूर किया जा सकता है।


सकारात्मक सोच को अपनाएं

अक्सर हमारा डर हमारी सोच से पैदा होता है। अगर आप यह सोचेंगे कि आपका भाषण खराब जाएगा, तो आप और ज़्यादा घबरा जाएंगे। इसके बजाय, अपनी प्रस्तुति को सफल होते हुए देखें। कल्पना करें कि लोग आपके विचारों को पसंद कर रहे हैं और आप आत्मविश्वास के साथ बोल रहे हैं। अपनी पिछली सफलताओं को याद करें। जब आप खुद को एक सफल स्पीकर के रूप में देखना शुरू करते हैं, तो आपका आत्मविश्वास स्वाभाविक रूप से बढ़ता है।

विषय को अच्छे से जानें

जब आप जिस विषय पर बोल रहे हैं उसे गहराई से समझते हैं, तो आत्मविश्वास अपने आप बढ़ता है। विषय की पूरी तैयारी करें और संभावित सवालों के जवाब भी सोचकर रखें।


अपनी भाषा को सरल रखें और अभ्यास करें

भाषण को प्रभावी बनाने के लिए मुश्किल शब्दों का इस्तेमाल करना ज़रूरी नहीं है। जितनी सरल भाषा होगी, दर्शक आपसे उतना ही बेहतर जुड़ पाएंगे। अपने भाषण का कई बार अभ्यास करें। आप चाहें तो अपने दोस्तों या परिवार के सामने इसका अभ्यास कर सकते हैं और उनसे प्रतिक्रिया (feedback) मांग सकते हैं। आप खुद को रिकॉर्ड भी कर सकते हैं ताकि आप देख सकें कि कहाँ सुधार करने की जरूरत है।

ऑडियंस से जुड़ें

भाषण को केवल शब्दों तक सीमित न रखें, बल्कि इसे संवाद बनाएं। आई कॉन्टेक्ट बनाएँ, उदाहरण दें और अपनी बात को सरल व जुड़ी हुई भाषा में रखें। इससे लोग आपसे कनेक्ट होंगे और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।


मौन से न घबराएं

जब आप मंच पर हों और घबराहट महसूस करें, तो एक-दो गहरी, लंबी साँसें लें। यह आपके दिमाग को शांत करेगा। अगर बोलते-बोलते आप कुछ भूल जाते हैं, तो घबराएं नहीं। कुछ सेकंड का मौन दर्शकों को भी आपकी बात समझने का मौका देगा। यह कोई अंतहीन समय नहीं है, बस एक छोटा सा विराम है। यह ध्यान रखें कि दर्शक अक्सर आपके तनाव को उतना नहीं पकड़ पाते जितना आप सोचते हैं।

बार-बार अभ्यास करें

कहावत है – अभ्यास से ही सिद्धि मिलती है। अपनी स्पीच को बार-बार दोहराएं। पहले परिचित लोगों के सामने बोलें, फिर धीरे-धीरे अनजान लोगों के सामने भी अभ्यास करें। चाहें तो खुद का वीडियो रिकॉर्ड करके सुधार के मौके देखें।