पोर्शन कंट्रोल से मिलेगी पाचन को राहत और शरीर को सही पोषण
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स्वस्थ शरीर के लिए यह जरूरी नहीं कि आप क्या खा रहे हैं, बल्कि यह भी जरूरी है कि आप कितना खा रहे हैं। अत्यधिक भोजन करना या बार-बार खाना पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डालता है और पेट की समस्याओं को जन्म देता है। ऐसे में "पॉर्शन कंट्रोल" यानी भोजन की मात्रा को नियंत्रित करना एक अत्यंत आवश्यक आदत बन जाती है, जिससे पाचन बेहतर होता है और शरीर का संतुलन बना रहता है।
वजन नियंत्रित रहता है
ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल संतुलन में रहता है
भोजन के पोषक तत्व बेहतर तरीके से शरीर में अवशोषित होते हैं
पॉर्शन कंट्रोल कोई डाइट ट्रेंड नहीं बल्कि एक स्मार्ट आदत है, जिससे न केवल पाचन सुधरता है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है। जब हम समझदारी से और जरूरत के अनुसार खाते हैं, तब शरीर भी उसी अनुपात में सक्रिय और संतुलित रहता है। तो अगली बार खाना खाते समय बस एक सवाल पूछें – "क्या यह मात्रा मेरे लिए सही है?"
क्या है पोर्शन कंट्रोल
पॉर्शन कंट्रोल का मतलब है कि आप हर बार भोजन करते समय सही मात्रा में खाना लें, जिससे ना तो अधिक कैलोरी का सेवन हो और ना ही पाचन तंत्र पर बोझ पड़े। इसका उद्देश्य अधिक खाने की आदत को रोकना और शरीर की वास्तविक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए संतुलित भोजन करना है।क्यों बिगड़ता है पाचन अत्यधिक भोजन से
जब हम जरूरत से ज्यादा भोजन करते हैं, तो पेट को उस अतिरिक्त मात्रा को पचाने में कठिनाई होती है। इससे गैस, भारीपन, एसिडिटी, कब्ज और अपच जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। पाचन की रफ्तार धीमी हो जाती है और शरीर को भोजन से पोषक तत्वों को सही ढंग से अवशोषित करने में बाधा आती है।नियंत्रित मात्रा में भोजन के फायदे
- पाचन प्रक्रिया सरल और प्रभावी रहती है
- पेट में हलकापन और आराम महसूस होता है
भूख के संकेतों को समझना है जरूरी
कई बार हम भूखे नहीं होते, फिर भी खाते हैं – बोरियत, तनाव या सामाजिक आदतों के चलते। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने शरीर के संकेतों को पहचानें – भूख लगने पर ही खाएं और पेट भरते ही रुक जाएं।संतुलन में कैसे रखें भोजन की मात्रा
- छोटी प्लेट में खाना लें जिससे मात्रा स्वाभाविक रूप से कम हो
- एक बार में कम लें, जरूरत हो तो दूसरी बार थोड़ा और ले सकते हैं
- धीरे-धीरे और ध्यानपूर्वक खाएं ताकि दिमाग को पेट भरने का संकेत मिले
- भोजन से पहले एक गिलास पानी पिएं, जिससे अत्यधिक खाने से बच सकें
- रेस्तरां में खाने पर सर्विंग को दो हिस्सों में बांट लें या पैक करवा लें
बच्चों में पोर्शन कंट्रोल की आदत कैसे डालें
बचपन से ही बच्चों को भोजन की मात्रा का महत्व समझाना आवश्यक है। उन्हें सिखाएं कि कैसे भूख के अनुसार खाना लेना चाहिए और ज़बरदस्ती प्लेट साफ करने की आदत से बचाएं। इससे बचपन से ही उनके पाचन और स्वास्थ्य की नींव मजबूत होगी।तनाव और भावनाओं का असर भोजन पर
कई बार हम भावनात्मक तनाव के चलते जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं। ऐसे में पॉर्शन कंट्रोल मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है। खुद को शांत और स्थिर रखना, खाने से पहले कुछ मिनट रुकना और भोजन पर ध्यान देना – ये आदतें भी लाभकारी होती हैं।पाचन के लिए सही समय और अंतराल
सिर्फ भोजन की मात्रा ही नहीं, बल्कि खाने का समय और अंतराल भी पाचन को प्रभावित करता है। भोजन के बीच कम से कम 3-4 घंटे का अंतर रखें और रात का खाना सोने से दो घंटे पहले लें। इससे शरीर को पाचन के लिए पर्याप्त समय मिलता है।पॉर्शन कंट्रोल कोई डाइट ट्रेंड नहीं बल्कि एक स्मार्ट आदत है, जिससे न केवल पाचन सुधरता है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है। जब हम समझदारी से और जरूरत के अनुसार खाते हैं, तब शरीर भी उसी अनुपात में सक्रिय और संतुलित रहता है। तो अगली बार खाना खाते समय बस एक सवाल पूछें – "क्या यह मात्रा मेरे लिए सही है?"
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