साबुत अनाज बनाम रिफाइंड अनाज: सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद?
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अनाज भारतीय भोजन का एक अहम हिस्सा है, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि साबुत अनाज और परिष्कृत (रिफाइंड) अनाज में क्या अंतर है? आधुनिक खानपान में अक्सर सफेद ब्रेड, मैदा और पॉलिश चावल जैसे रिफाइंड अनाज ज्यादा खाए जाते हैं, लेकिन इनकी तुलना में साबुत अनाज अधिक पोषण से भरपूर होते हैं। यह लेख दोनों प्रकार के अनाज के बीच फर्क समझाने और बेहतर विकल्प चुनने में आपकी मदद करेगा।
क्या होते हैं साबुत अनाज?
साबुत अनाज यानी Whole Grains ऐसे अनाज होते हैं जिनमें अनाज का पूरा हिस्सा मौजूद होता है – ब्रैन (छिलका), जर्म (बीज का हिस्सा), और एंडोस्पर्म (मध्य भाग)। उदाहरण के लिए – ब्राउन राइस, जौ, बाजरा, रागी, ओट्स, और साबुत गेहूं।क्या होते हैं परिष्कृत अनाज?
रिफाइंड या परिष्कृत अनाज ऐसे अनाज होते हैं जिनसे ब्रैन और जर्म को निकाल दिया जाता है। इससे इनका स्वाद और बनावट बेहतर होती है लेकिन साथ ही पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती है। जैसे – मैदा, सफेद ब्रेड, पॉलिश चावल, और सूजी।पोषण में अंतर
साबुत अनाज फाइबर, विटामिन B, आयरन, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जबकि रिफाइंड अनाज में ये तत्व काफी हद तक नष्ट हो जाते हैं। इसका मतलब है कि साबुत अनाज आपको लंबे समय तक तृप्त रखता है और शरीर को जरूरी पोषण भी देता है।ब्लड शुगर और एनर्जी स्तर पर असर
साबुत अनाज धीरे-धीरे पचते हैं जिससे ब्लड शुगर का स्तर स्थिर रहता है और ऊर्जा लंबे समय तक बनी रहती है। वहीं, रिफाइंड अनाज तेजी से पचते हैं और अचानक ब्लड शुगर को बढ़ा देते हैं जिससे थकान और सुस्ती महसूस हो सकती है।हृदय स्वास्थ्य के लिए क्या बेहतर है?
अनुसंधानों से यह सिद्ध हुआ है कि साबुत अनाज का नियमित सेवन हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। इनसे कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित रहता है और ब्लड प्रेशर पर भी सकारात्मक असर होता है। दूसरी ओर, रिफाइंड अनाज अत्यधिक सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।वजन नियंत्रण में कौन सहायक है?
साबुत अनाज में मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है जिससे ओवरईटिंग नहीं होती और वजन नियंत्रण में रहता है। रिफाइंड अनाज खाने से जल्दी भूख लगती है और वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।पाचन तंत्र पर प्रभाव
फाइबर युक्त साबुत अनाज पाचन को बेहतर बनाते हैं, कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं और आंतों की सफाई में मदद करते हैं। रिफाइंड अनाज में फाइबर की मात्रा कम होने से यह लाभ नहीं मिल पाता।बच्चों और बुजुर्गों के लिए क्या बेहतर है?
बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए साबुत अनाज अधिक फायदेमंद हैं क्योंकि ये उनके शरीर को पोषण देने के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाते हैं। हालांकि शुरुआत में स्वाद और आदत बदलने में समय लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे इसे डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है।You may also like
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कैसे करें साबुत अनाज को डाइट में शामिल
- सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस या लाल चावल का प्रयोग करें
- मैदे की रोटी के स्थान पर मल्टीग्रेन या गेहूं की रोटी लें
- नाश्ते में ओट्स, मक्का या जौ से बनी चीजें शामिल करें
- बाजार के स्नैक्स की जगह घर पर भुना चना, मूंग या बाजरे की खिचड़ी खाएं