रोज़ाना के खाने के लिए हेल्दी कुकिंग के आसान और असरदार तरीके

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स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत रसोई से होती है। अगर हम रोज़ाना जो खाना बनाते हैं उसमें थोड़ा सा ध्यान और बदलाव करें, तो न सिर्फ हमारा स्वास्थ्य सुधरता है बल्कि बीमारियों से भी बचाव होता है। हेल्दी कुकिंग का मतलब स्वाद से समझौता नहीं बल्कि सही विधियों से पोषण को बरकरार रखना है।



स्टीमिंग: पौष्टिकता को बनाए रखने का तरीका

सब्जियों, इडली या डम्पलिंग जैसे खाद्य पदार्थों को स्टीम करना एक बेहद स्वास्थ्यवर्धक तरीका है। इसमें तेल की जरूरत नहीं होती और सब्जियों के आवश्यक विटामिन और मिनरल्स भी सुरक्षित रहते हैं। स्टीमर या प्रेशर कुकर दोनों का उपयोग कर सकते हैं।


ग्रिलिंग और रोस्टिंग: कम तेल, ज्यादा स्वाद

अगर आप खाने में थोड़ा चटपटा और स्वादिष्ट पसंद करते हैं, तो ग्रिलिंग और ओवन में रोस्टिंग एक बेहतरीन विकल्प है। मांस, सब्जियां या टोफू को हल्के मसालों के साथ ग्रिल करें और स्वाद के साथ-साथ हेल्थ का भी ध्यान रखें।



सॉटे करना यानी कम तेल में झटपट पकाना

सॉटे करने का मतलब है मध्यम आंच पर कम तेल में जल्दी-जल्दी चलाकर पकाना। यह तरीका पोषण बनाए रखता है और खाना जल्दी भी बन जाता है। सब्जियों, पनीर या अंडे के लिए यह तरीका बहुत कारगर होता है।


बेकिंग: मीठे में भी हेल्दी विकल्प

अगर आप मिठाइयों के शौकीन हैं, तो डीप फ्राय की जगह बेकिंग को चुनें। ब्रेड, कुकीज़, केक और यहां तक कि समोसे जैसे व्यंजन भी बेक किए जा सकते हैं। बेकिंग में कम वसा का उपयोग होता है और स्वाद भी बरकरार रहता है।

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स्टर-फ्राय: झटपट और रंग-बिरंगी सब्जियां

स्टर-फ्राय करने से सब्जियों का रंग, कुरकुरापन और पोषण तीनों बने रहते हैं। इसमें बहुत कम तेल की जरूरत होती है और अगर आप वोक पैन का उपयोग करें तो यह और भी हेल्दी बन जाता है।


उबालना: सबसे आसान और बिना तेल वाला तरीका

अंडा, सब्जी, चावल, दाल जैसी चीजों को उबालना न केवल आसान है बल्कि बहुत सेहतमंद भी है। उबाले गए खाद्य पदार्थ में न वसा होती है न ही ज़्यादा मसाले, जिससे यह बीमारों और बच्चों के लिए भी उपयुक्त रहता है।


फ्राइंग से दूरी बनाएं

गहरे तेल में तला हुआ खाना स्वादिष्ट जरूर होता है लेकिन इसमें ट्रांस फैट और एक्स्ट्रा कैलोरी अधिक होती हैं। इसे रोज़ाना की डाइट से हटाना या बहुत सीमित करना बेहतर होता है। इसकी जगह ऊपर बताए गए विकल्पों को अपनाएं।


सही बर्तन का चयन भी जरूरी

हेल्दी कुकिंग केवल विधि पर निर्भर नहीं करती बल्कि बर्तनों पर भी निर्भर करती है। नॉन-स्टिक पैन, स्टील, कास्ट आयरन या क्ले पॉट्स पोषण को सुरक्षित रखते हैं और कम तेल में खाना पकाने में मदद करते हैं।



मसालों और जड़ी-बूटियों का संतुलन

भारतीय मसालों में औषधीय गुण होते हैं। हल्दी, धनिया, अदरक, लहसुन, काली मिर्च जैसे मसाले न सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी देते हैं। खाने में इनका सही मात्रा में उपयोग करना चाहिए।

रोजाना के खाने में बदलाव लाना मुश्किल नहीं है, बस ज़रूरत है समझदारी से कुकिंग टेक्निक्स को अपनाने की। हेल्दी कुकिंग न केवल आपको बीमारियों से दूर रखती है बल्कि आपके परिवार को पोषण से भरपूर जीवन देती है। तो आज से ही अपनी रसोई में इन हेल्दी तरीकों को अपनाएं और एक बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में कदम बढ़ाएं।

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