टाइप-1 और टाइप-2 शुगर: कारण, लक्षण और इलाज के आधुनिक विकल्प

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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मधुमेह ( Diabetes ) एक बेहद आम, लेकिन ख़तरनाक बीमारी बन गई है। यह बीमारी शुरुआत में ज़्यादा परेशान नहीं करती, लेकिन धीरे-धीरे शरीर के अहम अंगों जैसे आंख, दिल, किडनी और नसों पर असर डालने लगती है। रोज़ाना दवाइयां लेना और खानपान पर सख़्त नियंत्रण रखना, ये सब मिलकर ज़िंदगी को बोझिल बना देते हैं। ऐसे में मन में एक सवाल आता है, "क्या शुगर को जड़ से खत्म किया जा सकता है?" इस सवाल का सीधा जवाब 'हाँ' और 'नहीं' दोनों में है, और इसे समझने के लिए हमें मधुमेह की प्रकृति को जानना होगा।


क्या शुगर का स्थायी इलाज संभव है?

वैज्ञानिक दृष्टि से अब तक डायबिटीज़ का "जड़ से खत्म" करने वाला इलाज उपलब्ध नहीं है। यह एक लाइफस्टाइल डिज़ीज़ है जिसे कंट्रोल और मैनेज तो किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह समाप्त करना संभव नहीं माना जाता।

डायबिटीज क्या है और इसके प्रकार

डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जहाँ शरीर में इंसुलिन की सही मात्रा नहीं बनती या शरीर उसे ठीक से उपयोग नहीं कर पाता। इसका सीधा परिणाम रक्त में ग्लूकोज़ (शुगर) का बढ़ा हुआ स्तर होता है। इसके मुख्य रूप से दो प्रकार हैं:

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  • टाइप-1 डायबिटीज: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को ख़त्म कर देता है। यह आमतौर पर युवाओं में होती है।
  • टाइप-2 डायबिटीज: यह जीवनशैली, मोटापा, ग़लत खान-पान और तनाव से जुड़ा होता है। यह सबसे आम प्रकार है और ज़्यादातर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में पाया जाता है।


दवाइयाँ और आधुनिक इलाज

डॉक्टर्स डायबिटीज़ के टाइप और गंभीरता के आधार पर दवाइयाँ और इंसुलिन की सलाह देते हैं। दवा का मकसद इसे खत्म करना नहीं बल्कि नियंत्रित करना होता है। कुछ नई रिसर्च में "पैनक्रियाज़ सेल थेरेपी" और "स्टेम सेल थेरेपी" पर काम चल रहा है, लेकिन अभी यह सामान्य इलाज का हिस्सा नहीं हैं।

क्या डायबिटीज़ को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है?

इस सवाल का जवाब मधुमेह के प्रकार पर निर्भर करता है।


  • टाइप-1 डायबिटीज: इसे पूरी तरह ख़त्म करना संभव नहीं है। रोगी को जीवन भर इंसुलिन लेना पड़ता है।
  • टाइप-2 डायबिटीज: इसे 'जड़ से ख़त्म' तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे लंबे समय तक नियंत्रित किया जा सकता है, और कई मामलों में ऐसा भी होता है कि मरीज़ की दवाओं की ज़रूरत ही ख़त्म हो जाती है। यह एक स्थायी इलाज नहीं, बल्कि एक अनुशासित जीवनशैली का परिणाम है।


इलाज और सच्चाई

आयुर्वेद और घरेलू उपचारों से मधुमेह को नियंत्रित करने में काफ़ी मदद मिलती है। कई आयुर्वेदिक दवाइया का उपयोग किया जाता है। हालाँकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि एलोपैथिक दवाएं हाई शुगर को तुरंत नियंत्रित करने में प्रभावी होती हैं, लेकिन वे बीमारी को पूरी तरह से ठीक नहीं करती हैं।

यह ज़रूरी है कि आप हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करें और किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले उनसे परामर्श लें।


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