मील-प्रेप से बनाएं अपने भोजन को संतुलित, स्वादिष्ट और समय बचाने वाला

Hero Image
Share this article:
आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में हर किसी के पास सेहतमंद खाना पकाने का समय नहीं होता। ऐसे में "मील-प्रेप" यानी सप्ताह भर के खाने की पहले से तैयारी एक बेहतरीन उपाय है। न्यूट्रिशनिस्ट की तरह सोचकर अगर आप मील-प्रेप करें, तो न केवल समय की बचत होती है, बल्कि पोषण संतुलन भी बना रहता है।



मील-प्रेप क्या है और क्यों ज़रूरी है

मील-प्रेप का मतलब है सप्ताह भर के खाने की योजना पहले से बनाना और कुछ सामग्री या व्यंजन पहले से तैयार रखना। यह प्रक्रिया आपको बिना जल्दबाजी के सही चुनाव करने में मदद करती है, जिससे जंक फूड की आदत कम होती है और आप अपने स्वास्थ्य लक्ष्यों पर टिके रहते हैं।


पहले से प्लान करें अपना मेनू

सप्ताह की शुरुआत में ही हर दिन के नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने की योजना बना लें। इसमें परिवार के सभी सदस्यों की पसंद, पोषण की ज़रूरतें और मौसम के अनुसार सामग्री को शामिल करें। एक अच्छा मील प्लान शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करता है।



एक बैलेंस्ड थाली का विचार रखें

न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार आपकी थाली में 4 प्रमुख तत्व होने चाहिए – कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, हेल्दी फैट और फाइबर। इसे ध्यान में रखते हुए सप्ताहभर के लिए दालें, साबुत अनाज, सब्जियां, फल और हेल्दी फैट्स जैसे मूंगफली या ऑलिव ऑयल को शामिल करें।


किचन में रखें ज़रूरी चीजें

मील-प्रेप शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके पास आवश्यक सामग्री और स्टोरेज कंटेनर उपलब्ध हैं। जैसे स्टील या ग्लास के डब्बे, छोटे मसाले डिब्बे, नॉन-स्टिक पैन और स्टीमर। इससे आपको रोज़-रोज़ खरीदारी की ज़रूरत नहीं होगी।



सप्ताह में एक दिन तय करें प्रेप के लिए

रविवार या छुट्टी के दिन 2-3 घंटे निकालकर सप्ताहभर की तैयारी कर लें। जैसे दालें उबालना, चावल पकाना, सब्जियां काटकर रखना, चटनी बनाना या पराठों का आटा गूंधकर फ्रिज में स्टोर करना। इससे सप्ताह के व्यस्त दिनों में खाना बनाना आसान हो जाएगा।


प्रोटीन की तैयारी पहले से करें

प्रोटीन शरीर के लिए सबसे ज़रूरी पोषक तत्वों में से एक है। आप पनीर काटकर रख सकते हैं, उबले अंडे या छोले बना सकते हैं, दालें भिगोकर उबाल सकते हैं। प्रोटीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने से स्नैक्स भी हेल्दी रहेंगे।


सब्जियों को स्मार्टली स्टोर करें

सब्जियों को धोकर, काटकर एक-एक दिन की मात्रा में पैक कर लें। गाजर, बीन्स, शिमला मिर्च, फूलगोभी जैसी सब्जियां पहले से काटकर रखने पर पकाने में समय कम लगता है और पोषण भी बना रहता है। पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक या मेथी को ब्लांच करके भी स्टोर किया जा सकता है।


हेल्दी स्नैक्स भी शामिल करें

सिर्फ मुख्य भोजन ही नहीं, बल्कि स्नैक्स की भी योजना बनाएं। मखाना, भुना चना, फलों के कटे टुकड़े, होममेड लड्डू या ट्रेल मिक्स जैसे विकल्प रखें जो भूख लगने पर तुरंत खाए जा सकें और जंक फूड से दूर रखें।



मील-प्रेप को रोचक बनाएं

हर बार वही चीज़ें खाने से बोरियत हो सकती है, इसलिए हर हफ्ते एक नई रेसिपी जरूर जोड़ें। सूप, सलाद, मल्टीग्रेन पराठा, ओट्स चीला या दलिया जैसे व्यंजनों में वैरायटी लाएं। इस तरह आप स्वाद और पोषण दोनों में संतुलन बना सकते हैं।


खाना फ्रेश रखने के लिए स्टोरेज का ध्यान रखें

खाना फ्रिज या डीप फ्रीजर में सही तरीके से स्टोर करें। सब्जियों और दालों को अलग-अलग कंटेनर में रखें और लेबल जरूर लगाएं जिससे पता रहे कौन सी चीज कब बनी है। एक से दो दिन में खाए जाने वाले खाने को रेफ्रिजरेटर में और लंबे समय के लिए फ्रीजर में रखें।

न्यूट्रिशनिस्ट की तरह मील-प्रेप करने से आपका खाना न केवल हेल्दी होता है बल्कि आपकी दिनचर्या में अनुशासन भी आता है। यह तरीका समय बचाने, जंक फूड से बचने और पूरे परिवार को संतुलित पोषण देने में बेहद प्रभावी है। अगर आप एक स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत करना चाहते हैं, तो मील-प्रेप की आदत आज ही अपनाएं।